प्रयागराज में बुलडोजर से गिराए गए थे इन पांच के घर, सबको देने होंगे 10-10 लाख, सुप्रीम कोर्ट ने गजब का आदेश दिया

UP News: बुलडोजर एक्शन पर विवाद लगातार जारी है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन को लेकर एक अहम फैसला दिया है. दरअसल साल 2021 के एक मामले में, जिसमें कुछ घरों पर बुलडोजर एक्शन किया गया था, अब सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितों परिवारों को लेकर बेहद अहम फैसला सुनाया है.

SC on Bulldozer Action

यूपी तक

• 03:07 PM • 01 Apr 2025

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UP News: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का बुलडोजर एक्शन लगातार चर्चाओं में बना हुआ है. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर एक ऐसा आदेश दिया है, जिसकी हर तरफ चर्चा हो रही है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने साल 2021 में हुए बुलडोजर एक्शन के एक मामले में बड़ा फैसला देते हुए पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये देने का ऐलान किया है.

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सुप्रीम कोर्ट ने प्रयागराज विकास प्राधिकरण को आदेश दिया है कि वह सभी 5 पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये हर्जाने के तौर पर भुगतान करें. 

क्या था पूरा मामला?

साल 2021 में प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने कुछ मकानों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई की थी और उन्हें ध्वस्त कर दिया गया था. इसको लेकर पीड़ितों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और इंसाफ मांगा था. दरअसल प्रशासन ने इन मकानों पर इसलिए कार्रवाई की थी कि उन्हें लगा कि ये संपत्ति माफिया डॉन अतीक अहमद की है. पीड़ितों ने इस कार्रवाई को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. 

याचिकाकर्ताओं के मुताबिक, साल 2021 में 1 मार्च को उन्हें नोटिस जारी किया गया था. लेकिन उन्हें 6 मार्च को नोटिस मिला. फिर अगले ही दिन 7 मार्च को मकानों पर बुलडोजर एक्शन किया गया. जिन घरों को गिराया गया, उनमें अधिवक्ता जुल्फिकार हैदर, प्रोफेसर अली अहमद का भी घर था. इन सभी ने मिलकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी.

हाईकोर्ट ने याचिका की थी खारिज

पहले पीड़ित हाईकोर्ट गए थे. मगर वहां इनकी याचिका को खारिज कर दिया गया था. इसके बाद पीड़ित परिवार सुप्रीम कोर्ट गए थे. सुप्रीम कोर्ट में अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने राज्य सरकार की कार्रवाई का बचाव किया. मगर सुप्रीम कोर्ट ने पीड़ितों के पक्ष में फैसला दिया और पीड़ितों को 10-10 लाख रुपये हर्जाना का आदेश प्रयागराज विकास प्राधिकरण को दे दिया.
 

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