'हमारे सामने मर गए...' प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की एक अलग कहानी बताने लगे संत त्रिलोचन दास

UP News: महाकुंभ में दास संप्रदाय का भी शिविर लगा हुआ है. दास संप्रदाय का कहना है कि उस दिन उनके शिविर के पास भी बड़ी भगदड़ मची थी और कई लोगों की जान चली गई थी.

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संजय शर्मा

01 Feb 2025 (अपडेटेड: 01 Feb 2025, 01:36 PM)

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UP News:  बीते बुधवार के दिन प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की कितनी घटनाएं हुई? योगी आदित्यनाथ सरकार से अगर आप ये जवाब मांगे तो सरकार सिर्फ 1 भगदड़ की घटना ही बताएगी. मगर चश्मदीदों और पीड़ितों का दर्द सुनेंगे तो पता चलेगा कि उस रात प्रयागराज महाकुंभ में ऐसा बहुत कुछ हुआ, जो सामने ही नहीं आया. महाकुंभ में संगम नोज पर मची भगदड़ अकेली भगदड़ की घटना नहीं थी. दावा है कि यहां उस रात और सुबह भगदड़ की कई घटनाएं हुई थीं. जिन लोगों ने उस दौरान लोगों की मदद की और उस भयानक-दर्दनाक मंजर को अपनी आंखों से देखा, उनका दावा है कि इन घटनाओं में 1 या 2 नहीं बल्कि कई लोगों की मौत हुई थी.

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बता दें कि महाकुंभ में दास संप्रदाय का भी शिविर लगा हुआ है. दास संप्रदाय का कहना है कि उस दिन उनके शिविर के पास भी बड़ी भगदड़ मची थी और कई लोगों की जान चली गई थी. दास संप्रदाय के प्रमुख संत त्रिलोचन दास जी महाराज का कहना है कि उन्होंने और उनके सेवादारों ने खुद लोगों की सहायता की थी और वह दर्दनाक-भयावह मंजर अपनी आंखों से देखा था. वह कहते हैं कि साधु-संत भी लोगों की मदद के लिए आगे आ गए थे. संत त्रिलोचन दास जी महाराज उस पल को याद करते हुए भावुक भी हो जाते हैं. इस दौरान संत ने ये भी दावा किया कि कई लोग यहां मारे गए थे.

संत त्रिलोचन दास जी महाराज ने ये बताया

संत त्रिलोचन दास जी महाराज ने बताया, हमारी वीडियो देखकर हर कोई डर जाएगा. हमने जो अनुभव किया, वह डरावना है. हम लोगों ने हजारों लोगों की जान बचाई. मैं दिल से दुखी हूं. तैयारियां अच्छी थी. मगर हादसा हो गया. 

संत त्रिलोचन दास जी महाराज ने कहा, ये हादसा पीपा पुल नहीं खोलने की वजह से हुआ. भीड़ को काबू में करने के लिए लोगों का प्रवाह बनाए रखना चाहिए था. मगर पीपा पुल को बंद कर दिया गया, जिससे लोगों का चलना मुश्किल हो गया और लोगों का दम घुट गया. लोग मारे गए, लापता हो गए. मन बहुत दुखी है.

भगदड़ नहीं मची मगर लोगों का दम घुट गया और...

संत त्रिलोचन दास जी महाराज ने आगे बताया, लोग कह रहे थे कि हमे बचा लीजिए. लोग एक-दूसरे से चिपके हुए थे. भगदड़ नहीं मची मगर लोगों का दम घुट गया. मगर उसके बाद लोगों ने नीचे सो रहे लोगों के ऊपर चढ़ना शुरू कर दिया. एक के ऊपर एक लोग थे. इतनी भीड़ थी कि लोगों को सांस भी नहीं आ रही थी.

‘लोगों ने आंखों के सामने दम तोड़ दिया ‘

संत त्रिलोचन दास जी महाराज ने बताया, हमारी आंखों के सामने ही 3 से 4 लोगों ने दम तोड़ दिया. हमारे लोगों ने पंप देकर बचाने की कोशिश की. मगर नहीं बच पाए. लोग बस ये कह रहे थे कि बाबा हमको बचा लो. लोगों के सिर ही सिर नजर आ रहे थे. दम घुट रहा था. लोग इतना घबरा गए कि लोगों ने नीचे सो रहे लोगों पर चढ़ना शुरू कर दिया. 

क्यों हुआ हादसा?

संत त्रिलोचन दास जी महाराज ने बताया, प्रशासन की सबसे बड़ी गलती ये रही कि उसने पांटून पुल-पीपा पुल को बंद कर दिया. 1 नंबर के पुल के ऊपर गाड़ियां चल रही हैं और लोगों से बोल रहे हैं कि दूर वाले पुल से आओ. प्रशासन की गलती रही है. 

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