UP News: जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के कांड ने यूपी एटीएस को भी चौंका कर रख दिया है. आरोप है कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा यूपी में बड़े धर्मांतरण रैकेट को चला रहा था और बड़े स्तर पर विदेशों से इसके लिए उसे फंडिंग भी मिल रही थी. एटीएस की जांच में सामने आया है कि ये गरीब और मजबूर लोगों को लालच देकर उन्हें मुसलमान बना देते थे. हिंदू समाज की लड़कियों को इस्लाम में लाने के लिए, उनकी जातियों के हिसाब से रेट भी तय कर रखे थे.
बता दें कि अब यूपी एटीएस ने बलरामपुर के जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी सहयोगी और करीबी नीतू उर्फ नसरीन को लखनऊ से गिरफ्तार कर लिया है. एटीएस ने दोनों को जेल भी भेज दिया है.
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अभी तक क्या-क्या पता चला?
दरअसल यूपी एटीएस की नजर इस मामले पर नवंबर 2024 से ही थी. उस दौरान एटीएस ने जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के बेटे महबूब और नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन के खिलाफ केस दर्ज करके, दोनों को गिरफ्तार किया था.
जांच में सामने आया कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा की इस पूरे खेल का मास्टरमाइंड है. इसने हिंदू लड़कियों के जातियों के हिसाब से रेट तय कर रखे थे, जब उनको मुसलमान बना दिया जाता था तो ये रकम उनकी जातियों के हिसाब से दे दी जाती थी.
8 महीने तक छिपा रहा
बता दें कि इसके बाद से ही यूपी एटीएस जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा और उसकी करीबी नीतू रोहरा के पीछे लग गई. मगर बाबा छिपा हुआ था. अब लखनऊ से इन दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
नवीन रोहरा परिवार के साथ बना मुसलमान
बता दें कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के चक्कर में आकर नवीन रोहरा अपने पूरे परिवार के साथ मुसलमान बन गया था. जिस नीतू उर्फ नसरीन को गिरफ्तार किया गया है, वह नवीन उर्फ जमालुद्दीन की पत्नी ही है. नवीन ने अपनी पत्नी और बेटी के साथ इस्लाम अपना लिया था और इसके बाद जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के साथ मिल धर्मांतरण रैकेट में काम करना शुरू कर दिया था. बताया जा रहा है कि ये पूरा परिवार जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा का करीबी बनकर अवैध धर्मांतरण के फंड को मैनेजमेंट करने का काम भी कर रहा था.
जातियों के हिसाब से थे रेट तय
जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के ऊपर हो रहे खुलासे हर किसी को चौंका रहे हैं. बता दें कि इसने जातियों के हिसाब से इस्लाम अपनाने के रेट तक तय किए थे.
अगर कोई ब्राह्मण, सरदार और क्षत्रिय लड़की इनके जाल में फंसकर इस्लाम अपनाती तो उसे 15 से 16 लाख रुपए मिलते. दूसरी तरफ अगर कोई पिछड़ी जाति की लड़की इस्लाम अपनाती तो उसे 10 से 12 लाख रुपए मिलते. अन्य जाति की लड़कियों को भी इस्लाम में आने के लिए बड़ा लालच दिया जाता और उनका ब्रेनवॉश करके उन्हें 8 से 10 लाख दे दिए जाते. इनके निशाने पर मजदूर, मजबूर और गरीब परिवार और उनकी लड़कियां ही रहतीं थी.
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