नेशनल हेरल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे समेत अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में चार्जशीट दाखिल की है. यह चार्जशीट 9 अप्रैल को दाखिल की गई थी, जिसे दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने जांचा. अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 25 अप्रैल की तारीख तय की है.
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कांग्रेस ने इसे बीजेपी की बदले की राजनीति कहा है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि, 'नेशनल हेराल्ड की संपत्तियों को ज़ब्त करना कानून के शासन का मुखौटा ओढ़कर एक राज्य प्रायोजित अपराध है. श्रीमती सोनिया गांधी, श्री राहुल गांधी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करना, प्रधानमंत्री और गृह मंत्री द्वारा की गई बदले की राजनीति और डराने-धमकाने की कोशिश के अलावा कुछ नहीं है. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और उसका नेतृत्व चुप नहीं बैठेगा.'
चार्जशीट मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम (PMLA) की धारा 3 और 4 के तहत दाखिल की गई है. कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया है कि वह अगली तारीख तक चार्जशीट और दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी OCR फॉर्मेट में दाखिल करे. साथ ही, कोर्ट स्टाफ को आदेश दिया गया है कि दस्तावेजों को ठीक तरह से पेजिनेट किया जाए.
ED की ओर से यह भी कहा गया कि वह इस केस से जुड़े मूल अपराध (predicate offence) वाले मामले को भी इसी कोर्ट में ट्रांसफर करने के लिए जिला जज के पास आवेदन देगी. ये मामला सीबीआई के पास है और इसमें धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश जैसे आरोप शामिल हैं. चूंकि मनी लॉन्ड्रिंग का केस उसी अपराध से जुड़ा है, इसलिए दोनों मामलों की सुनवाई एक ही कोर्ट में होनी चाहिए. हालांकि, केस ट्रांसफर का अधिकार केवल जिला जज के पास है.
2021 में शुरू हुई थी इस केस की जांच
इस केस की जांच 2021 में शुरू हुई थी, जिसकी नींव बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से 26 जून 2014 को पटियाला हाउस कोर्ट में दर्ज कराई गई एक निजी शिकायत पर पड़ी थी. शिकायत में कांग्रेस नेताओं और कुछ अन्य लोगों पर आपराधिक साजिश रचकर एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियों को अवैध तरीके से हड़पने का आरोप लगाया गया था. इन संपत्तियों की कीमत 2,000 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई गई है.
कौन हैं यंग इंडियन के मालिक?
AJL, नेशनल हेरल्ड अखबार और पोर्टल का प्रकाशक है, जिसे यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड ने अधिग्रहित किया था. इस कंपनी में सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है. ED का आरोप है कि यंग इंडियन ने सिर्फ 50 लाख रुपये में 2,000 करोड़ की संपत्तियां हासिल कीं और फिर इन संपत्तियों के जरिये फर्जी चंदे (18 करोड़), फर्जी किराया (38 करोड़) और फर्जी विज्ञापन (29 करोड़) के रूप में अपराध से कमाई की गई.
ED ने दावा किया है कि जांच में ये सब तथ्य स्पष्ट रूप से सामने आए हैं और अदालतों ने अब तक जांच को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है. दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने जांच जारी रखने की अनुमति दी है.
(इनपुट: पीटीआई).
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