UP News: उत्तर प्रदेश के कन्नौज से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां राजेश गुप्ता की 15 साल की बेटी रुचि की मौत ने सभी को हिला कर रख दिया है. बेटी की मौत से परिवार में कोहराम मचा हुआ है और लोग काफी गुस्से में हैं.
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दरअसल रुचि को बुखार आया था. ऐसे में परिजन उसे प्राइवेट अस्पताल लेकर चले गए थे. यहां उसका इलाज किया गया तो उसकी हालत सही हो गई. मगर थोड़ी ही देर में उसकी हालत फिर खराब होने लगी. ये देख कंपाउंडर ने उसे एक इंजेक्शन लगा दिया. पीड़ित परिवार का कहना है कि इंजेक्शन ड्रिप में लगाना था. मगर उसने इंजेक्शन सीधे नस में लगा दिया, जिससे उसकी हालत खराब हो गई. इसके बाद मासूम की हालत लगातार खराब होती गई. फिर डॉक्टर ने भी उसे कुछ इंजेक्शन दिए, लेकिन कुछ ही देर में वह ठंडी पड़ गई और उसकी मौत हो गई. परिवार समझ ही नहीं पाया कि उनकी बेटी को अचानक क्या हो गया? उनकी आंखों के सामने ही बच्ची ने दम तोड़ दिया.
रुचि गुप्ता की मौत कैसे हुई?
कन्नौज जिले के छिबरामऊ कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बेहटा खास निवासी राजेश गुप्ता परिवार के साथ मोहल्ला बुद्धू कूंचा में कई वर्षों से रह रहे हैं. उनकी 15 वर्षीय बेटी रुचि गुप्ता को बुखार आ गया, जिसके बाद परिवार के लोग इलाज के लिए नेशनल हाईवे के किनारे स्थित एक निजी अस्पताल में ले गए.
डॉक्टर ने मासूम का इलाज किया और उसकी हालत में सुधार हो गया. मगर बच्ची की हालत फिर खराब हो गई. बताया जा रहा है कि स्टाफ नर्स ने दोबारा बच्ची को इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उसकी हालत बिगड़ने लगी. डॉक्टर के इंजेक्शन के बाद मासूम कहने लगी कि उसे सीने में भी दर्द हो रहा है और सांस भी नहीं आ रही है. डॉक्टर ने उसे आईसीयू में भर्ती कर दिया. कुछ ही देर में उसकी मौत हो गई.
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रास्ते में तोड़ दिया दम
डॉक्टर की सलाह पर परिजन रुचि को इलाज के लिए फर्रुखाबाद लेकर जा रहे थे. मगर रास्ते में ही बच्ची ने दम तोड़ दिया. इसके बाद परिजनों ने शव लाकर अस्पताल के अंदर रख दिया और गलत इलाज का आरोप लगाते हुए वहां हंगामा किया.
बच्ची की मौत से लोग भी भड़क गए और वहां भीड़ जमा हो गई. गुस्साई भीड़ ने अस्पताल में तोड़फोड़ कर जमकर हंगामा काटा. पुलिस ने भीड़ को अस्पताल से बाहर निकाला. लोगों के आक्रोश को देखते हुए वहां दो थानों की पुलिस तक बुलानी पड़ी. मौके पर अधिकारी भी पहुंचे और लोगों को शांत किया.
डॉक्टर की पत्नी को पुलिस ने सुरक्षित निकाला
बच्ची की मौत के बाद डॉक्टर और उसका स्टाफ मौके से निकल लिए और फरार हो गए. मगर भीड़ ने डॉक्टर की पत्नी को घेर लिया. ऐसे में पुलिस ने सुरक्षा के बीच डॉक्टर की पत्नी और उसकी बच्ची को बाहर निकाला और उन्हें सुरक्षित स्थान पर भेजा.
मासूम के भाई ने ये बताया
रुचि के बड़े भाई ने बताया, बहन के रात से पैर में दर्द था. सुबह उसे बुखार आ गया था. हम उसे श्रीकृष्ण अस्पताल लेकर आए थे. डॉक्टर ने 1-2 घंटे बोलकर उसे ड्रिप लगा दी. तभी डॉक्टर ने एक कंपाउडर को भेज दिया. उसने एक दवाई ड्रिप में लगाने की बजाए बहन को सीधे ही लगा दी. उसके बाद उसकी हालत खराब होने लगी. 10 मिनट के बाद उसे ऑक्सीजन लगाया गया. डॉक्टर ने फिर इंजेक्शन लगाया, फिर उसे सांस आने में दिक्कत होने लगी. फिर उसे आईसीयू में एडमिट करवाया गया.
भाई ने बताया, बहन की मौत यहां पर ही हो गई थी. मगर डॉक्टर ने हमें दूसरे अस्पताल भेज दिया. रास्ते में ही उसकी मौत हो गई. हम चाहते हैं कि अस्पताल को सीज किया जाए और जो भी आरोपी हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए.
रातभर चला हंगामा
बता दें कि पीड़ित परिवार के साथ भारी भीड़ रातभर बैठी रही. फिर सड़क पर भीड़ ने जाम लगा दिया. लोगों ने पुलिस पर भी अपना गुस्सा निकाला. फिलहाल पीड़ित परिवार कार्रवाई की बात कर रहा है और पुलिस अधिकारियों ने भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन पीड़ित परिवार और लोगों को दिया है.
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