गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देगा मुख्तार अंसारी

माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. एक तरफ ईडी जहां मुख्तार अंसारी को कस्टडी में लेकर पूछताछ करने में जुटी हुई…

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माफिया मुख्तार अंसारी की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. एक तरफ ईडी जहां मुख्तार अंसारी को कस्टडी में लेकर पूछताछ करने में जुटी हुई है वहीं जिला और पुलिस प्रशासन लगातार मुख्तार के परिजनों और उसके गिरोह पर कार्रवाई कर रहा है. गुरुवार को गाजीपुर की अदालत ने बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी व उसके सहयोगी भीम सिंह को 10-10 वर्ष की सजा सुनाई. साथ ही 5-5 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है.

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वहीं अब मुख्तार अंसारी ने एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट गाजीपुर के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है. सजा के खिलाफ मुख्तार अंसारी की अपील हाईकोर्ट में जल्द ही दाखिल की जाएगी.

इस मामले में मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने यूपी तक से खास बातचीत में कहा कि कोर्ट के फैसले का सम्मान है. लेकिन इस फैसले के विरुद्ध सभी पहलुओं पर विचार करके वे लोग हाईकोर्ट में अपील करेंगे. इस दौरान लियाकत अली ने ऐसा आरोप लगाया है कि 1996 में गाज़ीपुर के तत्कालीन एडिशनल एसपी उदय शंकर जायसवाल ने AK-47 से मुख्तार की जिप्सी पर गोली चला दी थी, जिसमें जेल के दो सिपाही मौके पर घायल हो गए थे. उसके बाद मुख्तार अंसारी डीएम के पास मदद के लिए पहुचे थे और डीएम ने मदद दी थी. उन्होंने ये भी कहा कि 5 मामालों के गैंग चार्ट बनाए गए थे लेकिन गैंगेस्टर का मामला बिना डीएम के अनुमोदन के दाखिल किया गया था. जिसको लेकर हाईकोर्ट में पहले ही अपील की गई है.

वकील लियाकत अली ने ये भी बताया कि 5 मामलों में 4 में मुख्तार अंसारी बरी है, लेकिन अवधेश राय हत्याकांड मामला वाराणसी कोर्ट में विचाराधीन है. उसमें अवधेश राय के भाई अजय राय ने गवाही के दौरान कहा है कि 1991 की उस घटना से पहले मुख्तार अंसारी से उनके परिवार से न कोई दुश्मनी थी और न ही कोई और बात. तो मुख्तार अंसारी द्वारा हत्या का कोई मोटिव नहीं बनता. उन्होंने ये भी कहा कि अवधेश राय खुद वाराणसी के चेतगंज थाना में हिस्ट्रीशीटर थे.

बता दें कि पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के ऊपर कुल 5 गैंग चार्ज में 11 गवाहों की गवाही, जिरह और बहस पूरी हो चुकी है. गाजीपुर थाना कोतवाली का एक अन्य मामला मुख्तार अंसारी के खिलाफ इस गैंगस्टर कोर्ट में चल रहा था, जिसमे एमपीएमएलए कोर्ट द्वारा उपरोक्त सजा सुनाई गई है. जिसके खिलाफ मुख्तार अंसारी का पक्ष हाई कोर्ट जाएगा.

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