मेरठ सपा नेता दीपक गिरी ने की कांग्रेस नेत्री पूनम पंडित से सगाई, फिर बीच में हुई महिला की एंट्री, आगे ये हुआ

UP News: सपा युवाजन सभा के मेरठ जिला अध्यक्ष दीपक गिरी ने हाल ही में कांग्रेस नेत्री पूनम पंडित से सगाई की थी. मगर अब इसको लेकर विवाद हो गया है. एक महिला ने सपा नेता के घर जबरदस्त हंगामा किया है.

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उस्मान चौधरी

18 Oct 2025 (अपडेटेड: 18 Oct 2025, 03:24 PM)

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UP News: मेरठ में समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता और सपा युवजन सभा के जिला अध्यक्ष दीपक गिरी को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है. यहां मवाना क्षेत्र का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ है, जिसमें एक महिला को कुछ लोग जबरन ले जाते दिख रहे हैं. महिला जोर-जोर से विरोध करती नजर आ रही है. बताया जा रहा है कि महिला सपा नेता की परिचित थी. दूसरी तरफ सपा नेता की हाल ही में कांग्रेस नेत्री पूनम पंडित के साथ सगाई हुई है. बताया ये भी जा रहा है कि महिला इस सगाई से नाराज थी.

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सगाई की जानकारी सामने आने के बाद महिला मवाना स्थित दीपक गिरी के घर पहुंची और वहां हंगामा किया. इसी दौरान का वीडियो वायरल हो गया. वीडियो में महिला को कुछ लोग घर के अंदर ले जाने की कोशिश करते दिखाई दे रहे हैं.

सगाई की बात से भड़की महिला

दीपक गिरी ने हाल ही में कांग्रेस महिला नेता पूनम पंडित के साथ सगाई की है. बताया ये भी जा रहा है कि पहले दीपक और हंगामा कर रही महिला संपर्क में रह चुके हैं. इस विवाद के बीच एक ₹100 का गैर न्यायिक स्टंप पेपर पर तैयार समझौता नामा भी सामने आया है.

दस्तावेज़ के अनुसार, दीपक गिरी और महिला ने अपने व्यक्तिगत संबंधों को लेकर आपसी सहमति से समझौता किया था. इसमें उल्लेख है कि दोनों पिछले चार साल से संपर्क में थे. यह समझौता 16 अक्टूबर 2025 को मेरठ में नोटरी कृत किया गया है.

दीपक गिरी ने दी सफाई

इस पूरे मामले पर दीपक गिरी ने वीडियो जारी कर सफाई भी दी थी. उन्होंने वीडियो में कहा, यह उनके खिलाफ राजनीतिक साजिश है. उनका उस महिला से कोई अवैध संबंध नहीं है. गिरी ने बताया कि इस विवाद को राजनीतिक रंग दिया जा रहा है.

विवाद के बाद सपा ने लिया एक्शन!

बता दें कि ये पूरा विवाद सामने आने के बाद दीपक गिरी के खिलाफ सपा ने कार्रवाई की है. दीपक गिरी को मेरठ युवजन सभा के जिलाध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया है. इस संबंध में लखनऊ से पत्र जारी किया गया है, जो सोशल मीडिया पर काफी वायरल है. (यूपी तक इस संबंध में जारी किए गए सपा के पत्र और समझौते के स्टंप पेपर की प्रमाणिकता का दावा नहीं करता)

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