KBC के 13वें सीजन की पहली करोड़पति बनी आगरा की दिव्यांग बेटी हिमानी, जानें उनकी कहानी

यूपी तक

• 03:35 AM • 01 Sep 2021

जिस बेटी हिमानी बुंदेला को आगरा के डिग्री कालेज ने दृष्टि दिव्यांगता की वजह से बीएससी में एडमिशन देने से मना कर दिया था उस…

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जिस बेटी हिमानी बुंदेला को आगरा के डिग्री कालेज ने दृष्टि दिव्यांगता की वजह से बीएससी में एडमिशन देने से मना कर दिया था उस बेटी ने इतिहास रच दिया है.

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टीवी का पॉपुलर गेम शो ‘केबीसी’ (कौन बनेगा करोड़पति) सीजन 13 में 1 करोड़ की रकम जीतकर दृष्टिहिन हिमानी बुंदेला इस सीजन की पहली करोड़पति बन गई हैं. हिमानी की इस सफलता पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उन्हें बधाई दी है.

आगरा की रहने वाली हिमानी की आंखे सड़क दुर्घटना में खराब हो गई थीं. उस वक्त हिमानी 10 वीं क्लास में थी. आंखों की रोशनी जाने के बाद हिमानी ने हिम्मत नहीं हारी. अपने माता पिता को भरोसा दिलाया और कहा कि मां-पापा आप परेशान मत हो मैं आपका नाम रोशन करूंगी.

इसके बाद हिमानी ने ऊंची उड़ान के लिए बुलंद इरादों के साथ कड़ी मेहनत की. हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा पास करने के बाद लखनऊ की यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया फिर केन्द्रीय विद्यालय में प्राइमरी टीचर बन गई. कुछ साल बलरामपुर में नौकरी करने के बाद हिमानी का ट्रांसफर आगरा एयर फोर्स स्टेशन के केंद्रीय विद्यालय नंबर 1 में हो गया. अब हिमानी केंद्रीय विद्यालय में पढ़ाती हैं.

हिमानी ने बताया कि वह बचपन से ही क्विज कांटेस्ट खेला करती थीं. बचपन से ही उन्हें ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में जाने की इच्छा थी. इसके लिए उन्होंने पूरी तैयारी की और आखिरकार उन्हें वह मौका मिल गया.

परिवार की मदद से हिमानी अमिताभ बच्चन के सामने हॉट सीट पर पहुंच गई हैं. हिमानी की माता सरोज बुंदेला ग्रहणी है. पिता विजय बुंदेला टूरिज्म सेक्टर में काम करते हैं. हिमानी के माता पिता बताते हैं कि जब हिमानी के साथ हादसा हुआ वो बहुत परेशान थे. बेटी को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे. सोचते थे कि दृष्टिबाधित बेटी का भविष्य क्या होगा, उससे शादी कौन करेगा, लेकिन हिमानी ने अपनी दृढ़ संकल्प शक्ति से नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है.

हिमानी ने न सिर्फ पढ़-लिखकर केंद्रीय विद्यालय में नौकरी प्राप्त की है, बल्कि वह अपने परिवार के लिए गर्व का कारण बन गई हैं. हिमानी अब अपने माता-पिता की लाठी बनना चाहती हैं. हिमानी का कहना है कि वह दिव्यांग और दृष्टि बाधित लोगों के लिए कुछ करना चाहती हैं.

कोचिंग जाते समय हुई सड़क दुर्घटना में बेटी की आंखों की रोशनी चली गई. हम लोग बहुत परेशान थे लेकिन आज बेटी ने हमें वह सब कुछ दिया है, जिसकी हमने कभी उम्मीद भी नहीं की थी. बेटी हमारा गौरव है.

हिमानी बुंदेला के पिता विजय बुंदेला

हिमानी 15 साल की थी जब एक्सीडेंट में उसकी आंखों की रोशनी चली गई. हम लोग बहुत परेशान होते थे लेकिन हिमानी मुझे हौसला देती थी. कहती थी मम्मी परेशान मत हो. मैं तुम्हारा नाम रोशन करूंगी, आज बेटी ने वह कर दिखाया है. मैं बहुत खुश हूं.

हिमानी बुंदेला की मां सरोज बुंदेला

(इनपुट्स- अरविंद शर्मा)

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