भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच लखनऊ के इकाना स्टेडियम में खेला जाने वाला चौथा टी-20 इंटरनेशनल मैच घने धुंध और स्मॉग की वजह से बिना गेंद फेंके ही रद्द हो गया. Fससे हजारों क्रिकेट फैंस को मायूसी का सामना करना पड़ा. लगभग तीन घंटे तक छह बार निरीक्षण के बाद अंपायरों ने विजिबिलिटी में सुधार की उम्मीद खत्म होते देख रात 9:30 बजे मैच को आधिकारिक तौर पर अबैंडन घोषित किया.
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एक दर्शक ने कहा- तीन बोरा गेहूं बेचकर आया था…
इकाना स्टेडियम के बाहर और स्टैंड में बैठे फैंस देर रात तक उम्मीद लगाकर बैठे रहे कि जैसे-तैसे ओवर घटाकर मैच शुरू हो जाएगा, लेकिन मैदान पर छाया घना स्मॉग हटने के बजाय और गहराता गया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में एक फैन यह कहते हुए दिखा कि मैं तीन बोरा गेहूं बेचकर मैच देखने आया था, अब पैसे वापस चाहता हूं. टिकट, सफर और खाने पर खर्च करने वाले ऐसे कई दर्शक बिना एक भी गेंद देखे ठंड और स्मॉग के बीच निराश होकर लौटने को मजबूर हुए.
कैसे और क्यों रद्द हुआ मैच?
शाम होते-होते इकाना स्टेडियम के ऊपर स्मॉग की मोटी चादर बैठ गई. इससे फ्लडलाइट्स में भी बाउंड्री लाइन, स्लॉग स्वीप या ऊंची कैच की दिशा साफ देख पाना संभव नहीं था. आधिकारिक रूप से मैच को एक्सेसिव फॉग के कारण रद्द बताया गया, लेकिन ग्राउंड पर मौजूद पत्रकारों और खिलाड़ियों के मुताबिक असल समस्या धुंध के साथ मिले प्रदूषण यानी स्मॉग से पैदा हुई बेहद खराब विजिबिलिटी थी. अंपायरों ने पहले टॉस टाल दिया फिर लगातार छह निरीक्षण के बाद सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए खेल शुरू न करने का फैसला लिया, क्योंकि बल्लेबाज, फील्डर और अंपायर सभी के लिए गेंद को ट्रैक करना जोखिम भरा था.
अखिलेश यादव ने साधा निशाना
मैच रद्द होते ही लखनऊ की हवा और राजनीति दोनों गर्म हो गईं और विपक्ष ने सरकार पर प्रदूषण को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट करके कहा कि 'दिल्ली का प्रदूषण अब लखनऊ तक पहुंच गया है. इसीलिए लखनऊ में आयोजित होनेवाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं हो पा रहा है. दरअसल इसकी वजह कोहरा या फॉग नहीं, स्मॉग है. हमने जो पार्क लखनऊ की शुद्ध हवा के लिए बनवाए थे, भाजपा सरकार वहां भी इंवेटबाजी करवाकर उन्हें बर्बाद करना चाहती है. भाजपाई न इंसान के सगे हैं, न पर्यावरण के. मुंह ढक लीजिए कि आप लखनऊ में हैं.'
AQI को लेकर विवाद, सरकार की सफाई
दूसरी ओर उत्तर प्रदेश सरकार ने मैच के बाद जारी बयान में दावा किया कि लखनऊ का औसत AQI 174 था. ये राष्ट्रीय मानकों के हिसाब से ‘मॉडरेट’ श्रेणी में आता है. सरकार ने कहा कि कुछ प्राइवेट ऐप्स और प्लेटफॉर्म विदेशी मानकों या अनकैलिब्रेटेड सेंसर के आधार पर हाइपर-लोकल और पल-पल बदलने वाला डेटा दिखाते हैं, इससे AQI 400 के पार होने जैसी भ्रामक तस्वीर उभरती है, जबकि CPCB के 24 घंटे के औसत आधारित नेशनल AQI से शहर की वास्तविक स्थिति का पता चलता है. अधिकारियों के मुताबिक लखनऊ के आधिकारिक मॉनिटरिंग स्टेशन लालबाग, टॉकटोरी और अलीगंज में प्रमाणित और कैलिब्रेटेड उपकरण लगे हैं. कई प्राइवेट प्लेटफॉर्म सैटेलाइट डेटा या सस्ते सेंसर पर निर्भर होते हैं, इसलिए उनमें बड़े अंतर और स्पाइक दिखना आम बात है.
इकाना टी20 के रद्द होने के बाद बीसीसीआई की शेड्यूलिंग पर भी सवाल उठने लगे हैं कि उत्तरी भारत के शहरों में दिसंबर की शाम को डे-नाइट मैच तय करना कितना व्यावहारिक है. कई पूर्व क्रिकेटरों और फैंस ने तर्क दिया कि जब सर्दियों में लखनऊ, दिल्ली, चंडीगढ़ जैसे शहरों में स्मॉग और फॉग की समस्या हर साल दोहराई जाती है, तब या तो मैच दोपहर में रखे जाएं या फिर इस समय में अपेक्षाकृत साफ हवा वाले शहरों को तरजीह दी जाए. फिलहाल सीरीज 2–1 से भारत के पक्ष में है और अब सभी की नजरें अहमदाबाद में होने वाले पांचवें टी20 पर हैं.
जिस वक्त लखनऊ में मैच रद्द हुआ उस वक्त की ग्राउंड रिपोर्ट यहां नीचे देखिए
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