दिल दहला देने वाली यह खबर बरेली के शाही थाना क्षेत्र की है. यहां बंदरों ने पिता के हाथ से 4 महीने के बच्चे को छीनकर छत से नीचे फेंक दिया. इस हादसे में बच्चे की मौके पर मौत हो गई. बताया जा रहा है कि रात के समय गर्मी ज्यादा होने के कारण पिता बच्चे को लेकर छत पर टहलने लगा. उसी दौरान बंदरो के झुंड ने उनपर हमला कर हाथों से बच्चे छीनकर छत से नीचे फेंक दिया.
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दुनका के रहने वाले किसान निर्देश उपाध्याय गर्मी ज्यादा होने के कारण अपने 4 महीने के बच्चे को लेकर छत पर टहल रहे थे. थोड़ी देर के बाद अचानक से उनकी छत पर बन्दरों का झुंड आ गया और निर्देश उपाध्याय पर ऊपर हमला बोल दिया. बन्दरों के झुंड से बचने के लिए उन्होंने आवाज लगाई. कुछ बंदर उनसे लिपट गये.
जब तक आवाज सुनकर घर के लोग मदद के लिए आये, उससे पहले ही बन्दरों ने उनके हाथों से बच्चे को छीन लिया और भागने लगे. देखते ही देखत उनके कलेजे के टुकड़े को छत से फेंक दिया. तीन मंजिल की छत से नीचे गिरते ही बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई. इसी दौरान जब निर्देश के परिवार वाले छत पर पहुंचे तो बन्दरों के झुण्ड ने उनपर भी हमला कर दिया.
सात साल बाद मिली खुशी का अंत हो गया
बताया जा रहा है कि निर्देश के बेटा नहीं हो रहा था. तमाम मिन्नतों के बाद 7 साल बाद उन्हें बेटा हुआ था. चूंकि एक बेटे के बाद घर वाले एक और संतान चाह रहे थे. पर कोई संतान नहीं हो रही थी.
नामकरण की चल रही थी तैयारी
बेटे के नामकरण की तैयारी चल रही थी, लेकिन कुदरत को कुछ और मंजूर था. जिस बेटे के मां-बाप बड़ी आस लगाए थे कि बेटे का नामकरण का आयोजन बड़ी धूम-धाम से करेंगे. उसके लिए तारीख तय हो रही थी. वो सारी खुशियां पल भर में मातम में बदल गईं. बच्चे की मां का रोते-रोते बुरा हाल है. अपने कलेजे के टुकड़े के जाने से बाद बदहावस मां बोली कि अब किसका नामकरण होगा मेरा बेटा तो चला गया.
गौरतलब है कि इससे पहले भी कुत्तों के हमलों और बंदरो के काटने और फेंकने से कई मासूमों की मौत हो चुकी है, लेकिन जिम्मेदार लोग हमेशा अफसोस जताने के अलावा कुछ नहीं करते हैं.
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