Agra viral video: उत्तर प्रदेश के आगरा में राणा सांगा जयंती पर आयोजित स्वाभिमान रैली शनिवार को विवाद का बड़ा मंच बन गई. करणी सेना के आह्वान पर जुटे कई राजपूत संगठनों ने समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इसी दौरान राजा भैया (रघुराज प्रताप सिंह) के समर्थकों ने मंच से अखिलेश यादव और उनके परिवार के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई और खुलेआम राजनीतिक चुनौती दे डाली.
ADVERTISEMENT
"50 साल तक सत्ता में नहीं आने देंगे अखिलेश को"
राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के झंडे तले आए कुछ समर्थकों ने कैमरे पर दावा किया कि जब तक अखिलेश यादव माफी नहीं मांगेंगे, तब तक वे विरोध जारी रखेंगे. रणजीत सिंह और सुमित सिंह जैसे प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे बीकानेर और गोंडा से आए हैं और राजा भैया के निर्देश पर इस विरोध में शामिल हुए हैं. एक समर्थक ने कहा, 'इनके (अखिलेश यादव) पूरे खानदान में कोई मुख्यमंत्री नहीं बन पाएगा. दो हजार सत्ताईस में भी हम इन्हें हर हाल में हराएँगे. हम क्षत्रिय लोग वादा करते हैं – जान जाए पर बचन ना जाए.'
ये भी पढ़ें: आगरा में करणी सेना की महिलाओं का सांसद रामजी लाल सुमन पर फूटा गुसा, खूब सुनाया
वीडियो हुआ वायरल, नीचे देखिए
इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में समर्थक यह भी कहते नजर आते हैं कि अगर समाजवादी पार्टी ने 2027 में किसी क्षत्रिय को टिकट दिया, तो भी वे उसका विरोध करेंगे.
क्या है विवाद की जड़?
राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन ने हाल ही में राजपूत राजा राणा सांगा को लेकर एक विवादित टिप्पणी की थी, जिसे राजपूत संगठनों ने अपमानजनक बताया. इसके बाद सुमन के आगरा स्थित घर पर हमले की भी खबर आई थी, जिसमें कई गाड़ियाँ और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया था. 8 अप्रैल को लखनऊ में भी करीब तीन दर्जन क्षत्रिय संगठनों ने इसी बयान के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
ये भी पढ़ें: सपा के दलित सांसद रामजी लाल सुमन ने इलाहाबाद HC से की बड़ी मांग
रामजीलाल सुमन ने क्या कहा?
विवाद के बीच सपा सांसद रामजीलाल सुमन भी सामने आए हैं. उन्होंने कहा, 'मैंने राज्यसभा में किसी धर्म का नाम नहीं लिया. मेरे बयान के अंश संसद की कार्यवाही से हटाए जा चुके हैं. लेकिन विरोध का जो तरीका अपनाया जा रहा है, वो अराजकता है. धमकियां मिल रही हैं - गोली मारने, कान काटने, नाक काटने तक की.' सुमन ने ये भी कहा कि अगर किसी को आपत्ति थी तो लोकतांत्रिक रास्ते अपनाने चाहिए थे. उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर कर केंद्रीय सुरक्षा की मांग भी की है.
कड़ी सुरक्षा में रैली
एतमादपुर के गढ़ीरामी गांव में आयोजित इस रैली को लेकर पुलिस प्रशासन अलर्ट रहा. गांव को छावनी में बदल दिया गया था. हजारों की संख्या में लोग इस रैली में शामिल हुए, जो यूपी की राजनीति में आने वाले सियासी तनाव के संकेत भी दे रही है.
ADVERTISEMENT
