PM मोदी बोले- ‘काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी को वाराणसी में बीजेपी के ‘बूथ विजय सम्मेलन’ को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा.…
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी को वाराणसी में बीजेपी के ‘बूथ विजय सम्मेलन’ को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा. पीएम मोदी ने कहा, ”पहले जिन घोर परिवारवादियों ने सरकार चलाई, उनकी पार्टी की पहचान के साथ गुंडागर्दी और माफियावाद जुड़ा हुआ है.”
प्रधानमंत्री ने कहा, ”भाजपा की पहचान उसका कार्यकर्ता है. भाजपा कार्यकर्ता की पहचान उसकी सेवा है. कोरोना काल इसका ताजा उदाहरण है.”
उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौर में पार्टी ने ‘सेवा ही संगठन’ अभियान चलाया, ”मैं जानता हूं कि किस तरह भाजपा का हर एक कार्यकर्ता जन सामान्य की सेवा के लिए लगा रहा. हमारे कार्यकर्ताओं ने लोगों तक राशन पहुंचाया, घर-घर दवाइयां पहुंचाईं, मास्क बांटे.”
काशी को लेकर पीएम मोदी ने कहा,
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”काशी भारत की संस्कृति की प्राचीन राजधानी रही है, लेकिन पिछली सरकारों ने बनारस को विकास से वंचित रखकर यहां के लोगों को परेशानियों के गर्त में धकेलने की कोशिश की. महादेव के आशीर्वाद से आज बनारस बदल रहा है.”
”आज काशी विश्वनाथ धाम, काशी और देश की गरिमा के अनुरूप हमारी पहचान की भव्य झांकी बनकर खड़ा है. कितने समय बाद, बाबा का धाम और मां गंगा फिर से एक बार जुड़े हैं.”
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प्रधानमंत्री ने कहा, ”जब ये घोर परिवारवादी सरकार में थे, तो यूपी के विकास के लिए, गरीबों के लिए हम जो भी काम लेकर आते थे, उसमें ये अड़ंगा लगा देते थे, लेकिन बीते पांच साल में डबल इंजन की सरकार ने यूपी के विकास की पूरी ईमानदारी से कोशिश की है.”
उन्होंने कहा कि काशी तो अविनाशी कही जाती है और काशी के लोग जब विश्वनाथ धाम परियोजना को लेकर गर्व का अनुभव कर रहे थे, तो उस समय हमने एक और अनुभव किया, हम सभी ने देखा कि भारत की राजनीति में कुछ लोग किस हद तक नीचे गिर गए हैं.
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प्रधानमंत्री ने कहा,
”मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता और ना ही किसी की आलोचना करना चाहता हूं, लेकिन जब सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया, मेरे मन को बहुत सुकून मिला. मुझे लगा कि मेरे घोर विरोधी भी ये देख रहे हैं कि काशी के लोगों का मुझ पर कितना स्नेह है. उन लोगों ने तो मेरे मन की मुराद पूरी कर दी. इसका मतलब ये कि मेरी मृत्यु तक ना काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और ना ही काशी मुझे छोड़ेगी. उन घोर परिवारवादियों को मालूम नहीं है कि ये जिंदा शहर बनारस है! ये शहर मुक्ति के रास्ते खोलता है और अब बनारस, विकास के जिस रास्ते पर चल पड़ा है, वो देश के लिए गरीबी से मुक्ति के रास्ते खोलेगा, अपराध से मुक्ति के रास्ते खोलेगा.”
पीएम नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री मोदी के इस बयान को एसपी चीफ अखिलेश यादव के एक बयान के जवाब में देखा जा रहा है. हालांकि उस बयान पर विवाद पैदा होने के बाद अखिलेश की सफाई भी सामने आई थी. वो पूरा मामला क्या था, आप उसे नीचे दी गई स्टोरी में पढ़ सकते हैं.
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इसके अलावा प्रधानमंत्री ने वाराणसी में अपने संबोधन के दौरान कहा,
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”काशी में घाटों पर, मंदिरों पर बम विस्फोट होते थे. आतंकवादी बेखौफ थे, क्योंकि तब की समाजवादी सरकार उनके साथ थी. सरकार आतंकियों से खुलेआम मुकदमे वापस ले रही थी, लेकिन काशी कोतवाल बाबा कालभैरव के आगे इनकी चलने वाली थी क्या?”
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”त्रिशूल के आगे कोई माफिया, कोई आतंकी कभी टिक सकता है क्या? आज सब अपने ठिकाने पर है और कालजयी काशी है, देश को दिशा दिखा रही है.”
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