पूर्वोत्तर रेलवे के इस स्टेशन पर होने जा रहा है फेरबदल, टीन शेड की जगह होगा हाईराइज रूफ
पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर जंक्शन 1885 से पूरे पूर्वोत्तर के लोगों को अपनी सेवाएं दे रहा है. इस हिसाब से पूरे 137 वर्षों से…
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पूर्वोत्तर रेलवे का मुख्यालय गोरखपुर जंक्शन 1885 से पूरे पूर्वोत्तर के लोगों को अपनी सेवाएं दे रहा है. इस हिसाब से पूरे 137 वर्षों से यात्री यहां रेलवे सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. 137 वर्ष पुराने इस गोरखपुर स्टेशन को अब सिटी सेंटर के रूप में विकसित करने की योजना बन रही है. लिहाजा रेलवे स्टेशन पर कई फेरबदल किए जा रहे हैं.
इसी कड़ी में गोरखपुर जंक्शन पर बीते 137 साल से लगे प्लेटफॉर्म शेड को हटाने को लेकर सहमति बन गई है. गोरखपुर जंक्शन के कायाकल्प के लिए सर्वे करने वाली एजेंसी ने इसे अपने प्लान और लेआउट में शामिल कर लिया है. अब प्लान के मुताबिक शेड की जगह हाईराइज रूफ होगा.
यात्रियों की सुविधाओं के लिए हैंगिंग प्लाजा और रेस्ट रूम भी बनाए जाएंगे. इसके हो जाने से बारिश के दिनों में शेड से पानी के रिसाव की समस्या काफी हद तक खत्म हो जाएगी और गर्मी के दिनों में तपन से भी काफी राहत मिलेगी.
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पूर्वोत्तर रेलवे कार्यालय की मानें तो सर्वे एजेंसी ने जंक्शन के नए स्वरूप का खाका और उसके निर्माण में आने वाले खर्च का पूरा ब्यौरा लगभग तैयार कर लिया है. फाइनल रिपोर्ट मिल जाने के बाद पूर्वोत्तर रेलवे बोर्ड के पास मंजूरी के लिए भेजेगा.
गौरतलब है कि रेलवे ने एरीनेम कंसलटेंसी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड को सर्वे का जिम्मा सौंपा है.स्टेशन पुनर्विकास का मुख्य उद्देश्य स्टेशन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित करना है जो कि नगर के दोनों हिस्सों को आपस में जोड़ने का काम करेगा, क्योंकि रेलवे स्टेशन शहर के मध्य में स्थित रहता है और शहर को दो भागों में बांट देता है.
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मेट्रो और सिटी बस की होगी सीधी कनेक्टिविटी
पूर्वोत्तर कार्यालय की मानें तो स्टेशन के विकसित हो जाने के बाद आने वाले समय में मेट्रो और सेवा सिटी बस जैसे अन्य ट्रांसपोर्टेशन की सुविधा सीधे जंक्शन से जुड़ी रहेंगी. स्टेशन पुनर्निर्माण में ग्रीन बिल्डिंग की तकनीकी और दिव्यांग फ्रेंडली सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा गया है.यह स्टेशन इंटेलिजेंट बिल्डिंग की अवधारणा पर विकसित किए जाएंगे.
इन स्टेशनों का विकास आगामी 40 से 50 वर्ष को ध्यान में रखकर किया जाएगा. गोरखपुर जंक्शन पर यात्रियों का अत्यधिक भार है. वर्तमान में 75000 की संख्या में रोजाना यात्रियों का आवागमन है. इसी भार को कम कर स्टेशन को विकसित किया जाएगा.
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कैफेटेरिया के साथ बच्चों के खेलने का भी रहेगा स्थान
प्रस्तावित प्रोजेक्ट में पटरियों के ऊपर से लेकर सर्कुलेटिंग एरिया तक रूप प्लाजा बनेगा। इसमें दो से तीन फ्लोर बनाने की तैयारी है. इसमें पहले तल पर फूड प्लाजा और वेटिंग लाउंज रहेगा, जबकि ऊपरी तल पर रिटेल के लिए स्थान, कैफेटेरिया और बच्चों के खेलने का स्थान रहेगा.
यात्रियों को स्टेशन परिसर में ही रेस्टोरेंट,मेडिकल और शॉपिंग कंपलेक्स मिलने लगेंगी. ODOP के तहत और लोकल स्ट्रीट वेंडर को भी परिसर में स्थान दिया जाएगा.
क्या कहते हैं पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी?
इस बाबत मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने कहा कि गोरखपुर स्टेशन पर भविष्य में होने वाले यात्रियों की अतिरिक्त भार को ध्यान में रखकर गोरखपुर स्टेशन को सिटी सेंटर के रूप में विकसित किया जा रहा है.
उन्होंने बताया कि यह कोशिश रहेगी कि पूरी बिल्डिंग ग्रीन रहे, जिससे कि एनर्जी रिक्वायरमेंट की जरूरत स्वतः बिल्डिंग ही पूरी कर सके. इसके लिए उसके ऊपर सोलर पैनल्स लगाए जाएंगे.
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