रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले PM मोदी ने शुरू किया 11 दिन का अनुष्ठान, जानें इसकी वजह

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PM Modi News: 22 जनवरी 2024 वो तारीख है, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. इसके बाद 70 एकड़ में फैले इस मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पीएम मोदी ने एक बड़ा ऐलान किया है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर बताया है कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं और वह आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान शुरू करने जा रहे हैं. इसके साथ ही पीएम मोदी ने एक ऑडियो मेसेज भी शेयर किया है.

पीएम मोदी ने X पर कहा, “अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनूंगा. प्रभु ने मुझे प्राण प्रतिष्ठा के दौरान, सभी भारतवासियों का प्रतिनिधित्व करने का निमित्त बनाया है. इसे ध्यान में रखते हुए मैं आज से 11 दिन का विशेष अनुष्ठान आरंभ कर रहा हूं. मैं आप सभी जनता-जनार्दन से आशीर्वाद का आकांक्षी हूं. इस समय, अपनी भावनाओं को शब्दों में कह पाना बहुत मुश्किल है, लेकिन मैंने अपनी तरफ से एक प्रयास किया है…”

 

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ऑडियो मेसेज में पीएम मोदी ने ये कहा

ऑडियो मेसेज की शुरुआत में ‘राम राम’ कहते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा, “जीवन के कुछ क्षण ईश्वरीय आशीर्वाद की वजह से ही यथार्थ में बदलते हैं. आज हम सभी भारतीयों के लिए, दुनियाभर में फैले रामभक्तों के लिए ऐसा ही पवित्र अवसर है. हर तरफ प्रभु श्रीराम की भक्ति का अद्भुत वातावरण है. चारों दिशाओं में राम नाम की धूम है. राम भजनों की अद्भुत सौंदर्य माधुरी है. हर किसी को इंतजार है 22 जनवरी का, उस ऐतिहासिक पवित्र पल का.और अब अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में केवल 11 दिन ही बचे हैं. मेरा सौभाग्य है कि मुझे भी इस पुण्य अवसर का साक्षी बनने का अवसर मिल रहा है.”

पीएम मोदी ने ये निर्णय क्यों लिया? यहां समझिए

शास्त्रों में देव प्रतिमा, प्राण प्रतिष्ठा एक विशद और वृहद प्रक्रिया है. इसके लिए विस्तृत नियम बताए गए हैं, जिनका प्राण प्रतिष्ठा के कई दिन पहले से पालन करना होता है. मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी ने तय किया है कि वह तमाम व्यस्तताओं के बावजूद प्राण प्रतिष्ठा के दिन और उससे पहले के सभी नियमों का पालन करेंगे, जैसा कि शास्त्रों में निर्देश दिया गया है.

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शास्त्रों के अनुसार, देव प्रतिष्ठा को पार्थिव मूर्ति में ईश्वरीय चेतना के संचार का अनुष्ठान बताया गया है. इसके लिए शास्त्रों में अनुष्ठान से पहले व्रत के नियमों का निर्देश दिया गया है. वैसे तो पीएम मोदी अपनी दैनिक दिनचर्या में ब्रह्ममुहूर्त जागरण, साधना और सात्विक आहार जैसे नियमों का पालन तो अनवरत ही करते हैं. मगर पीएम ने सभी 11 दिवसीय अनुष्ठान के तौर पर व्रत लेने का निर्णय किया है.

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