3 दशक बाद महराजगंज जिले का सपना होगा पूरा, अब नेपाल सीमा तक दौड़ेगी ट्रेन, जानें

अमितेश त्रिपाठी

Maharajganj News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिला मुख्यालय को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की दशकों पुरानी मांग अब पुरी होने जा रही है. बता दें…

ADVERTISEMENT

UP Tak
social share
google news

Maharajganj News: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिला मुख्यालय को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की दशकों पुरानी मांग अब पुरी होने जा रही है. बता दें कि ये मांग पिछले 3 दशकों से की जा रही थी. मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री और स्थानीय सांसद पंकज चौधरी के लगातार प्रयास के बाद केंद्रीय रेलवे बोर्ड ने इसकी मंजूरी दे दी है. 

958.27 करोड़ की लागत होगी खर्च

मिली जानकारी के मुताबिक, 52.7 किमी लंबी आनंदनगर-घुघली वाया महराजगंज इलेक्ट्रिक रेल लाइन 958.27 करोड़ की लागत से निर्मित होगी. केंद्र सरकार ने गति शक्ति योजना के तहत इस परियोजना को मंजूरी दी है. बता दें कि इसके बाद ही केंद्रीय रेलवे बोर्ड ने इस नई रेल रूट लाइन के लिए अधिसूचना जारी की है. 

केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के बाद अब सिविल, सिग्नल, टेलीकॉम व इलेक्ट्रिकल कार्य के लिए टेंडर जारी होगा. खास बात यह है कि नई रेल लाइन बिछाने के लिए रेलवे बोर्ड जमीन भी मुहैया कराएगा. भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी जल्द शुरू होगी.

यह भी पढ़ें...

महराजगंज रेल लाइन को मिली हरी झंडी

केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री और सांसद पंकज चौधरी ने शनिवार को अपने आवास पर प्रेसवार्ता की. उन्होंने बताया कि पूर्वोत्तर रेलवे के आनंदनगर से घुघली वाया महराजगंज रेल लाइन को हरी झंडी मिल गई है. इस रेल लाइन से पंजाब और दिल्ली से असम समेत पूर्वोत्तर का रास्ता आसान हो जाएगा. स्थानीय व्यापारियों और आमजन के लिए यह नई रेल लाइन लाइफ लाइन साबित होगी. 

उन्होंने आगे कहा कि इस बहुप्रतीक्षित रेलवे लाइन से पंजाब और दिल्ली से असम समेत पूर्वोत्तर के राज्यों की ओर चलने वाली ज्यादातर रेलगाड़ियां इसी रास्ते से चलेंगी. भारतीय रेलवे के नेटवर्क पर महराजगंज जनपद मुख्यालय अलग-थलग पड़ा हुआ था, जिससे यहां के लोगों को गोरखपुर- जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती थी. इसका काफी लाभ यहां के लोगों को होगा. ये किसी सपने से कम नहीं है. तीन दशक से जिला मुख्यालय को रेलवे से जोड़ने की हो रही थी मांग

3 दशक से की जा रही थी रेलवे से जोड़ने की मांग

मिली जानकारी के मुताबिक, प्रस्तावित 52.7 किमी लंबाई की इस रेल लाइन को बनाने को लेकर कई बार प्रयासों को झटका लगा. मगर आखिर में जाकर इसे मंजूरी मिल गई. बता दें कि पूर्वोत्तर रेलवे के इस सेक्शन की रेल लाइन के तैयार होने पर कुल लागत 958.27 करोड़ रूपए की लागत आने का अनुमान है. इसकी मांग पिछले 3 दशक से की जा रही थी.

    follow whatsapp