बीजेपी में एक और ‘दागी’ एंट्री: कौन हैं वैभव चतुर्वेदी जिनको लेकर उठे सवाल

अभिषेक मिश्रा

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उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सियासी उठापटक जोरों पर है. इस बीच सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में संत कबीर नगर के वैभव चतुर्वेदी के शामिल होने पर सवाल उठ रहे हैं.

इसकी वजह यह है कि वैभव शराब तस्करी, किडनैपिंग और जालसाजी जैसे मामलों में आरोपी रहे हैं. वह शराब तस्करी के मामले में जेल भी जा चुके हैं.

हालांकि, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने वैभव को सोशल वर्कर बताया है.

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इस मामले पर समाजवादी पार्टी नेता अनुराग भदौरिया ने कहा है, ”बीजेपी अपराधियों और माफियाओं की पार्टी बन चुकी है, जिसको भले नेता जॉइन नहीं करते. कभी अपराधी मुख्यमंत्री के मंच पर होता है तो कभी अपराधी बबलू सिंह को जॉइन कराया जाता है. शराब तस्करी और किडनैपिंग जैसे मामलों के नेता को प्रदेश अध्यक्ष समाजसेवी बताते हैं, जनता इसका जवाब देगी.”

वहीं, कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा है, ”क्या बीजेपी के पास दागी नेताओं को साफ करने का साबुन है, जिनके खिलाफ इतने गंभीर आरोप हैं.”

वैभव को खलीलाबाद सदर विधायक दिग्विजय नारायण का विरोधी माना जाता है. ऐसे में वैभव के समर्थकों का आरोप है कि वैभव के खिलाफ दिग्विजय के इशारे पर ही मामले दर्ज हुए.

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जितेंद्र सिंह बबलू को लेकर भी उठे थे बीजेपी पर सवाल

इससे पहले, पिछले दिनों बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के पूर्व विधायक जितेंद्र सिंह बबलू के बीजेपी में शामिल होने पर भी सवाल उठे थे.

जितेंद्र सिंह का नाम यूपी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा वक्त में बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के घर में 2009 में आग लगाने के मामले में मुख्य आरोपियों में शामिल रहा है.

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ऐसे में उनके बीजेपी में शामिल होने पर जोशी ने कहा था, ”जितेंद्र सिंह बबलू के पार्टी में शामिल होने के समाचार से स्तब्ध हूं. उन्होंने 2009 में, जिस समय मैं मुरादाबाद जेल में बंद थी, उस समय सरोजनी नायडू मार्ग, लखनऊ स्थित मेरे निवास को आग लगाने में बड़ी भूमिका निभाई थी.”

हालांकि, मामला गरमाने पर बाद में बीजेपी ने जितेंद्र सिंह को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.

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