महिला पहलवान और बृजभूषण के बीच का विवाद BJP को पड़ेगा भारी? जानिए सर्वे ने क्या बताया
Brijbhushan Sharan Singh News: महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख और भाजपा सांसद…
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Brijbhushan Sharan Singh News: महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपों का सामना कर रहे भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह लगातार सुर्खियों में बने हुए हैं. पहलवान बृजभूषण सिंह के साथ आर या पार की लड़ाई के मूड में नजर आ रहे हैं. इस बीच एक बड़ा सवाल फिजाओं में तैर रहा है कि क्या पहलवानों के आंदोलन से भाजपा को चुनावी नुकसान होगा या नहीं? इसी को लेकर सी-वोटर और IANS ने एक सर्वे किया है. सर्वे के अनुसार, पहलवानों के आंदोलन से भाजपा को नुकसान हो सकता है. खबर में आगे जानिए सर्वे में क्या क्या सामने आया?
सवाल: पहलवानों के आरोपों और बृजभूषण शरण सिंह के स्पष्टीकरण को देखते हुए कौन सच बोल रहा है? इस सवाल के जवाब में एनडीए को समर्थन देने और वोट करने वालों में से 54% से अधिक की राय थी कि पहलवान सच बोल रहे हैं. वहीं, 18% लोगों ने महसूस किया कि भाजपा सांसद सच बोल रहे हैं. दूसरी तरफ 20% से अधिक की इस सवाल को लेकर कोई राय नहीं है.
सवाल: पहलवानों और बृजभूषण शरण सिंह के बीच चल रहे विवाद पर लोगों से की समग्र राय क्या है? इस सवाल के जवाब में 63% से अधिक उत्तरदाताओं ने कहा कि यह महिला पहलवानों के खिलाफ यौन उत्पीड़न की सच्चाई को सामने लाने की लड़ाई है. केवल लगभग 8% को लगता है कि यह पहलवानों और WFI के बीच वर्चस्व की लड़ाई है जबकि 20% से कम का मानना है कि यह राजनीतिक लाभ के लिए विपक्षी दलों द्वारा पहलवानों का इस्तेमाल किए जाने के बारे में है.
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इस सर्वे से पता चलता है कि अधिकतर भारतीय न सिर्फ उन महिला पहलवानों का समर्थन करते हैं जिन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न और छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं, बल्कि यह भी चाहते हैं कि पुलिस भाजपा सांसद को जल्द से जल्द गिरफ्तार करे.
सर्वे के दौरान पूछा गया एक सवाल था: क्या आप जांच पूरी होने से पहले ही बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की पहलवानों की मांग का समर्थन करते हैं? इस सवाल के जवाब में कुल मिलाकर 56% के करीब उत्तरदाता मांग से सहमत थे, जबकि 27% उत्तरदाताओं ने सिंह को गिरफ्तारी की मांग पर असहमती जताई.
पीएम मोदी को करना चाहिए हस्तक्षेप?
सर्वे से पता चलता है कि भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा चाहता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करें. कुल मिलाकर 68% से अधिक उत्तरदाता चाहते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप करें, जबकि केवल 19% की राय है कि उन्हें हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. विपक्षी दलों के हर चार में से तीन समर्थक सोचते हैं कि प्रधानमंत्री मोदी को हस्तक्षेप करना चाहिए.
जानिए इस सर्वे को लेकर यशवंत देशमुख ने क्या बताया
UP Tak ने महिला पहलवानों और बृजभूषण शरण सिंह के बीच के विवाद से जुड़े सवालों को लेकर हुए इस सर्वे के संबंध में सी वोटर के फाउंडर और मशहूर चुनावी विश्लेषक यशवंत देशमुख से बात की. यशवंत देशमुख ने कहा, ‘हमने जब इस ज्वलंत मुद्दे पर सर्वे किया, तो कुछ चीजें तो काफी स्पष्ट रूप से सामने आईं. जनता इस मुद्दे को अपने तरीके से समझ रही है. फिलहाल लोगों को जितना समझ में आ रहा है, जो कुछ भी उन्होंने देखा-सुना या पढ़ा है, उन्हें बड़ी तादाद में लगता है कि पहलवानों के साथ अन्याय हो रहा है. बड़ी तादाद में लोग कह रहे हैं कि पीएम को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए.’ यशवंत देशमुख ने यह भी बताया कि सर्वे में शामिल बीजेपी को वोट देने वाले मतदाता भी पहलवानों के पक्ष में राय देते दिखे.
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यशवंत देशमुख के साथ UP Tak के डिबेट शो ‘मुद्दे की बात’ में हुई इस पूरी बातचीत को यहां नीचे दिए गए वीडियो में देखा और सुना जा सकता है.
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लोग दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से सहमत हैं?
सर्वे से यह भी पता चलता है कि काफी लोग दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं. कुल मिलाकर 59% के करीब उत्तरदाताओं ने कहा कि वे बृजभूषण सिंह के खिलाफ कुछ महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोपों की जांच करते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा अब तक की गई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं. इसके विपरीत 30% से कम लोगों ने दिल्ली पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई पर संतोष व्यक्त किया. गौरतलब है कि एनडीए को समर्थन और वोट देने वाले करीब 47% उत्तरदाताओं ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ असंतोष व्यक्त किया है.
सवाल: क्या आपको लगता है कि पहलवानों और बृजभूषण शरण सिंह के विवाद से बीजेपी को चुनावी नुकसान होगा? बता दें कि लगभग 47% उत्तरदाताओं का मानना है कि भाजपा को इससे बहुत अधिक नुकसान होगा जबकि 17.6% को लगता है कि कुछ हद तक नुकसान होगा. इसके विपरीत 23% से कम लोग सोचते हैं कि पहलवानों के विरोध का भाजपा पर कोई चुनावी प्रभाव नहीं होगा. वहीं, करीब 54 फीसदी एनडीए समर्थकों का मानना है कि बीजेपी को चुनावी नुकसान होगा. हालांकि पहलवानों द्वारा विपक्षी दलों का खुला समर्थन लेने से एनडीए समर्थक खुश नहीं हैं. 51% के करीब सोचते हैं कि पहलवानों के लिए विपक्षी दलों का समर्थन लेना गलत है. दूसरी तरफ विपक्षी दलों के लगभग 54% समर्थक इसे सही मानते हैं.
मालूम हो कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और संगीता फोगाट जैसे शीर्ष पहलवानों ने बृजभूषण पर एक नाबालिग पहलवान समेत सात महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया है. दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ दो प्राथमिकी दर्ज की हैं. पहली प्राथमिकी एक नाबालिग पहलवान के यौन शोषण के आरोपों के मद्देनजर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत दर्ज की गई है. वहीं, दूसरी प्राथमिकी में शीलभंग करने संबंधी आरोप लगाए हैं.
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