PDA में ब्राह्मणों की एंट्री के बाद अखिलेश की निगाहें अब क्षत्रिय वोट बैंक पर, महाराणा प्रताप जयंती पर किया ये काम

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अखिलेश यादव ने महाराणा प्रताप जयंती पर क्षत्रिय समाज को साधते हुए सपा की नई सियासी रणनीति का संकेत दिया. 2027 चुनाव को देखते हुए पार्टी अगड़ा-पिछड़ा गठजोड़ मजबूत करना चाहती है.

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Akhilesh Yadav News: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 9 मई को महाराणा प्रताप जयंती के अवसर पर लखनऊ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्षत्रिय समाज को साधने की रणनीति अपनाई. सपा की पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) रणनीति में ब्राह्मणों को शामिल करने के बाद अब पार्टी क्षत्रिय वोट बैंक पर नजर गड़ाए हुए है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने सबसे पहले महाराणा प्रताप की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उनके बलिदान को याद किया.

इस दौरान अखिलेश के साथ क्षत्रिय समाज के प्रमुख नेता जैसे अरविंद सिंह गोप, आनंद भदौरिया, उदयवीर सिंह, आईपी सिंह और जूही सिंह मौजूद रहे, जो सपा के इस रणनीतिक कदम को दर्शाता है. सियासी जानकारों का कहना है कि सपा यह रणनीति 2027 के विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर बना रही है, जिसमें पार्टी अगड़ा और पिछड़ा वर्गों को एकजुट कर भाजपा को चुनौती देना चाहती है. 

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि क्षत्रिय और ब्राह्मण वोटों को साधकर सपा अपनी स्थिति मजबूत करने की कोशिश में है. अखिलेश ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा की नीतियां समाज को बांटने वाली हैं, जबकि सपा एकता और समानता के सिद्धांत पर चलती है.

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