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शिवपाल को सपा में मिल सकती है ये जिम्मेदारी! अखिलेश के साथ हुई उनकी अहम बैठक, जानिए

कुमार अभिषेक

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UP Political News: समाजवादी पार्टी के संगठन विस्तार से पहले पार्टी चीफ अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव की मुलाकात में संगठन के पदों पर मुहर लगने की खबर है. ऐसा कहा जा रहा है कि जल्द ही अखिलेश यादव नई राष्ट्रीय और प्रदेश की कार्यकारिणी का ऐलान करने वाले हैं. और माना यह जा रहा है कि शिवपाल यादव को राष्ट्रीय स्तर की जिम्मेदारी दी जाएगी, जिसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष या राष्ट्रीय महासचिव का पद हो सकता है.

आपको बता दें कि सोमवार शाम अखिलेश यादव, शिवपाल यादव से मिलने लखनऊ में उनके आवास पर पहुंचे थे. यहां पर करीब 50 मिनट की मुलाकात दोनों के बीच हुई. अखिलेश यादव मुलाकात के बाद सीधे अपने घर चले गए, उन्होंने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की. सूत्रों की मानें तो संगठन के अलग-अलग पदों को लेकर अखिलेश यादव ने अपनी सूची तैयार कर ली थी. सिर्फ इस सूची पर शिवपाल यादव की सहमति लेने वह शिवपाल यादव से मिले थे.

दरअसल, शिवपाल यादव सिर्फ इतना चाहते हैं कि अब पार्टी के फैसलों में भी उनकी सहमति ली जाए या कम से कम सार्वजनिक तौर पर यह दिखे कि संगठन के फैसलों में उनकी भी सहमति है.

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मोटे तौर पर अखिलेश और शिवपाल यादव के बीच अब एक सहमति बनी हुई है कि शिवपाल यादव हर हाल में समाजवादी पार्टी के लिए ही ‘जिएंगे-मरेंगे.’ शिवपाल यादव के साथ के सभी लोग पहले ही या तो समाजवादी पार्टी या बीजेपी की तरफ रुख कर चुके हैं. कोई बड़ा चेहरा शिवपाल यादव के साथ अब बचा नहीं है. ऐसे में शिवपाल यादव किसी खास के लिए कुछ मांगेंगे इसकी उम्मीद कम है, लेकिन इस मुलाकात से इतना दिखेगा कि संगठन में बदलाव पर शिवपाल यादव की भी मुहर है. जो शिवपाल के समर्थक या उनके चाहने वालों को संतुष्ट करने के लिए काफी हो सकता है.

ऐसी चर्चा है कि लोकसभा, विधान सभा, विधान परिषद के लिए 2 सीटें अखिलेश यादव कभी भी शिवपाल को दे सकते हैं. बेटे आदित्य यादव को शिवपाल यादव कहीं भी एडजेस्ट कर सकते हैं. ऐसे में इस मुलाकात के मायने इतने हैं कि अब बड़े फैसलों में शिवपाल यादव की सहमति दिखाई देगी.

बता दें कि जब तक मुलायम सिंह यादव रहे या जब तक समाजवादी पार्टी अपने शीर्ष पर थी तब तक शिवपाल यादव के लिए सबसे पसंदीदा पद प्रदेश का प्रमुख महासचिव का पद हुआ करता था. लेकिन अब शिवपाल यादव के लिए प्रदेश में कोई पद बचा नहीं है, ऐसे में उनकी वरिष्ठता को देखते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष या राष्ट्रीय महासचिव का ही ऐसा पद है जो शिवपाल यादव को दिया जा सकता है.

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