जब मायावती थीं CM तब उनके भाई-भाभी को नोएडा में कम दामों में मिले 261 फ्लैट्स: रिपोर्ट
Mayawati News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती पर एक बार फिर भ्रष्टाचार की आंच आई है. दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में…
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Mayawati News: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की मुखिया मायावती पर एक बार फिर भ्रष्टाचार की आंच आई है. दरअसल, इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मायावती के मुख्यमंत्री रहते हुए उनके भाई आनंद कुमार और भाभी विचित्र लता को बेहद ही कम दामों में 261 फ्लैट्स नोएडा में आवंटित हुए थे. इन फ्लैट्स को नोएडा में लॉजिक्स इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड नामक रीयल एस्टेट कंपनी ने बनाया है. आपको बता दें कि मई 2023 की एक ऑडिट रिपोर्ट में कंपनी के अस्तित्व में आने से लेकर उसके दिवालिया होने की कगार तक पहुंचने के 12 सालों का लेखाजोखा सामने आया है. इसमें इस मामले में हुई अनियमिताओं के बारे में भी जानकारी मिली है. खबर में आगे विस्तार से जानिए पूरा मामला.
मायावती के भाई-भाभी को मिली दो लाख वर्ग फुट जगह
गौरतलब है कि 2007 में बसपा ने उत्तर प्रदेश में चुनाव जीता और मायावती चौथी बार प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं. तीन साल बाद मई 2010 में लॉजिक्स इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी अपने अस्तित्व में आई. फिर जुलाई 2010 में कंपनी ने नोएडा में बन रहे अपने प्रोजेक्ट ब्लॉसम ग्रीन्स में मायावती के भाई आनंद कुमार और उनकी भाभी विचित्र लता को दो लाख वर्ग फुट जगह बेची. रिपोर्ट के अनुसार, इसे 2,300 और 2,350 रुपये प्रति वर्ग फुट के दाम पर बेचा गया. इस कीमत पर आनंद कुमार को ये संपत्ति 46.02 करोड़ रुपये में मिली जबकि विचित्र लता को ये 46.93 करोड़ रुपये में मिली.
इस समझौते के तीन महीने बाद नोएडा ऑथोरिटी ने 22 टावर बनाने के लिए कंपनी को 24.74 एकड़ की जमीन लीज पर दी. ये जमीन ब्लॉसम ग्रीन्स नाम के कॉम्प्लैक्स में 22 टावर बनाने के लिए दी गई. फिर सितंबर 2012 से लेकर 22-23 तक कंपनी ने इस कॉम्पैक्स में बने कुल 2,538 फ्लैटों में से 2,329 फ्लैट बेचे. कुल 8 टावर में बने 944 फ्लैट्स में से 848 में लोग रहने लगे हैं, लेकिन अब भी 14 टावर खाली पड़े हैं. अप्रैल 2016 में आनंद कुमार और विचित्र लता ने कथित रूप से एडवांस के तौर पर 28.24 करोड़ रुपये और 28.12 करोड़ रुपये कंपनी को चुकाए, जिसके बदले में उन्हें 135 और 126 फ्लैट आवंटित किए गए.
आनंद-विचित्र लता को ‘गलत तरीके से’ बेचे गए फ्लैट?
फरवरी 2020 में जिस कंपनी को प्रोजेक्ट के सिविल काम को पूरा करने का जिम्मा मिला था, उसने लॉजिक्स को 7.72 करोड़ रुपये का बिल दिया. मगर लॉजिक्स ने कोविड महामारी के कारण निर्माण का काम रुका होने की बात कहकर ये पैसा चुकाने से इनकार कर दिया. फिर सितंबर 2022 में एनसीएलटी ने लॉजिक्स को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया. इसी के तहत कंपनी के दस्तावेजों की जांच कर एक ट्रांजेक्शन ऑडिट रिपोर्ट मई 2023 को दी. इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, उसने इस रिपोर्ट को देखा है और इसके मुताबिक आनंद कुमार और विचित्र लता को जो फ्लैट बेचे गए वो ‘गलत तरीके से’, और बेहद ‘कम कीमत’ पर बेचे गए.
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रिपोर्ट के अनुसार 2016-17 में आनंद कुमार को 2,300 रुपये प्रति स्क्वायर फुट के हिसाब से संपत्ति बेची गई, मगर दूसरे लोगों को ये 4,350.85 रुपये प्रति स्क्वायर फुट की दर से बेची गई. साथ ही उनके नाम पर आवंटित फ्लैटों में से 36 में अन्य लोग रह रहे हैं. इसी तरह विचित्र लता के नाम पर आवंटित 125 फ्लैटों में से 24 में अन्य लोग रह रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, लॉजिक्स ग्रुप (लॉजिक्स इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड की पेरेंट कंपनी) 1997 में अस्तित्व में आई थी. साल 2021 में आई कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2005 से लेकर 2018 के बीच नोएडा ऑथोरिटी ने आवंटित किए गए सभी कमर्शिल जमीन का 22 फीसदी इस कंपनी को दिया. 31 मार्च 2020 तक ऑथोरिटी के 5,839.96 करोड़ रुपये इस कंपनी पर बकाया हैं.
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