विधान परिषद में मौर्य Vs मौर्य! केशव मौर्य ने सपा को स्लोगन सुनाया तो स्वामी प्रसाद ने…

शिल्पी सेन

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UP Political News: यूपी विधानसभा के मॉनसून सत्र में जहां विपक्ष सरकार पर हमलावर है, वहीं सरकार की ओर से दूसरे ही दिन मुख्य विपक्षी पार्टी को जवाब भी दिया गया. विधानसभा में मुख्यमंत्री और नेता सदन सीएम योगी ने आगे बढ़ कर सपा प्रमुख और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव को जवाब दिया तो, विधान परिषद में ‘मौर्य Vs मौर्य‘ देखने को मिला. यहां उपमुख्यमंत्री और विधान परिषद में नेता सदन केशव प्रसाद मौर्य और भाजपा से पाला बदलकर सपा खेमे का चेहरा बन चुके स्वामी प्रसाद मौर्य ने मोर्चा संभाला.

यूपी विधानसभा के पहले दिन ही जहां समाजवादी पार्टी के विधायकों ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के नेतृत्व में सड़क पर उतरकर पैदल मार्च किया. वहीं दूसरे दिन दोनों सदनों में रोचक तस्वीर देखने को मिली. उच्च सदन विधान परिषद में केशव प्रसाद मौर्य और स्वामी प्रसाद मौर्य आमने सामने थे. बता दें कि सपा ने कानून व्यवस्था पर चर्चा के लिए ‘कार्य स्थगन’ का नोटिस दिया. इस नोटिस के द्वारा समाजवादी पार्टी की मांग थी कि सभी कार्यों को रोक कर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर चर्चा कराई जाए. उसके बाद दोनों नेताओं में जमकर ‘युद्ध’ हुआ.

गोंडा में पुलिस कस्टडी में मौत का मामला उठाते हुए कानून व्यवस्था पर निशाना!

सोमवार को सड़क पर प्रदर्शन के बाद मंगलवार को जब दोनों सदनों में सपा विधायक पहुंचे तो अलग अलग चर्चा के लिए नोटिस दिया. विधान परिषद में कानून व्यवस्था पर चर्चा करने के लिए कार्यस्थगन का नोटिस दिया गया. पर ये चर्चा स्वीकार नहीं हुई. गोंडा में पुलिस कवायदों में मौत को लेकर समाजवादी पार्टी ने सवाल उठाया. परिषद में सपा दल के नेता लाल बिहारी यादव और उसके बाद मान सिंह यादव ने अपनी बात रखी. फिर स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी बात रखी

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पांच साल तक बीजेपी के ही विधायक और सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य जब बोलने के लिए खड़े हुए तो उनके तेवर अपनी पुरानी पार्टी की ओर हमलावर थे. उन्होंने कहा कि योगी राज में कानून व्यवस्था की स्थिति बदतर हो गई है. थानों में हिरासत में मौतें हो रही हैं. बाहर महिलाओं के साथ रेप हो रहे हैं. पुलिस निरंकुश हो गई है. स्वामी प्रसाद मौर्य अपने अंदाज में वार पर वार करते गए.

लेकिन उधर जवाब देने के लिए दूसरे मौर्य यानि परिषद में नेता सदन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने मोर्चा संभाला. गोंडा मामले में पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है. जांच की जा रही है. उसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.

केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी की सरकार के कार्यकाल को याद दिलाने के लिए कई उदाहरण दे डाले. उन्होंने कहा कि विपक्ष का चश्मा खराब हो गया है. अपराधों में कमी आई है. उन्होंने एक के बाद एक आंकड़े गिनाते हुए सपा को उनके कार्यकाल की याद दिलाना शुरू किया. इसी बीच उन्होंने यह कहा कि सपा के समय में जो अपराध थे उनके लिए एक स्लोगन भी कहा जाता था ‘जिस गाड़ी में सपा का झंडा, उसमें बैठा एक गुंड.’ इसके बाद हंगामा शुरू हो गया.

समाजवादी पार्टी के विधायकों ने गुंडा शब्द पर आपत्ति करते हुए कहा कि ये गलत है. इस पर विपक्ष के विधायकों के हंगामे पर फिर स्वामी प्रसाद मौर्य ने निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान सरकार में जंगलराज है, ‘गुंडा राज’ है. फिर बीजेपी सदस्यों ने उनको घेरते हुए कहा कि गुंडा शब्द तो उन्होंने भी बोला है. केशव प्रसाद मौर्य ने तो स्लोगन याद दिलाया है. उसके बाद सपा के सदस्यों ने सदन से वॉक आउट कर दिया.

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