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सर्वे: UP में CM के चेहरे के तौर पर कौन कितना पसंद, योगी के काम से कितने संतुष्ट? जानिए

यूपी तक

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उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर दिन-ब-दिन राजनीतिक गतिविधियां तेज होती जा रही हैं. एक तरफ योगी सरकार अपनी उपलब्धियों को पेश कर सत्ता वापसी का ख्वाब बुन रही है, तो दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी (एसपी), बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और कांग्रेस जैसी विपक्षी पार्टियां अलग-अलग मुद्दों पर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. इस बीच एबीपी न्यूज सी वोटर के साथ मिलकर वीकली सर्वे कर रहा है. ऐसे ही एक साप्ताहिक सर्वे का परिणाम 31 दिसंबर को जारी किया गया है.

दावे के मुताबिक इस सर्वे में 12 हजार से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया है और इसे 23 दिसंबर से 29 दिसंबर के बीच अंजाम दिया गया है. हालांकि सर्वे के नतीजों को जानने से पहले यह समझ लेना जरूरी है कि हो सकता है कि यूपी चुनावों के असल परिणाम सर्वे के नतीजों से अलग हों.

जानिए यूपी में CM के चेहरे के तौर पर कौन पहली पसंद

आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कमोबेश सभी दलों ने अपने पार्टी के चेहरे को तय कर लिया है. बीजेपी जहां एक बार फिर योगी आदित्यनाथ के चेहरे पर दांव लगा रही है, तो विपक्ष में भी अखिलेश यादव, मायावती और प्रियंका गांधी हैं. इस बीच सर्वे में यह जानने की कोशिश की गई है कि यूपी में सीएम के चेहरे के तौर पर जनता किसे पसंद कर रही है.

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इस मामले में योगी आदित्यनाथ बाजी मारते हुए नजर आ रहे हैं. सर्वे में शामिल 43 फीसदी लोगों ने योगी को सीएम के चेहरे की पहली पसंद बताया है. 34 फीसदी लोगों ने अखिलेश यादव, 15 फीसदी ने मायावती और 3 फीसदी ने प्रियंका गांधी को सीएम के चेहरे की पहली पसंद बताया है.

इस सर्वे की तुलना अगर 25 दिसंबर को जारी किए गए सर्वे के आंकड़ों से की जाए तो योगी आदित्यनाथ के खाते में एक फीसदी बढ़त दिख रही है. 25 दिसंबर को जारी आंकड़ों में 42 फीसदी लोगों ने योगी को सीएम की पहली पसंद माना था. तब अखिलेश के साथ 35 फीसदी, मायावती के साथ 14 फीसदी और प्रियंका गांधी के साथ 4 फीसदी लोग थे. यानी अखिलेश और प्रियंका गांधी को एक-एक फीसदी का नुकसान एक हफ्ते के भीतर दिख रहा है.

सीएम के तौर पर योगी आदित्यनाथ का काम कितना अच्छा?

सर्वे में लोगों से यह भी पूछा गया कि योगी सरकार के कामकाज को लेकर उनकी राय कैसी है. इसके जवाब में 43 फीसदी लोगों ने इसे अच्छा, 36 फीसदी ने खराब और 21 फीसदी ने औसत बताया है. 25 दिसंबर के आंकड़ों से इसकी तुलना करें तो तब 42 फीसदी लोगों ने कहा था कि कामकाज अच्छा है. हालांकि कामकाज को खराब और औसत मानने वालों की संख्या में क्रमशः 38 और 20 फीसदी थी.

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इस हिसाब से देखें तो सीएम योगी के कामकाज को पसंद करने वाले की संख्या में एक फीसदी का इजाफा हुआ है, जबकि इसे खराब मानने वालों की संख्या में दो फीसदी की गिरावट देखने को मिली है. हालांकि काम काज को औसत मानने वालों की संख्या भी एक फीसदी बढ़ी है.

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