विपक्षी एकता के सवाल पर जयंत ने कांग्रेस की भूमिका को बताया खास, बृजभूषण पर भी कसा तंज
राष्ट्रीय लोकदल (RLD) चीफ और राज्यभा सांसद जयंत चौधरी एक बार फिर विपक्षी एकता में कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका का समर्थन करते नजर आए हैं.…
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राष्ट्रीय लोकदल (RLD) चीफ और राज्यभा सांसद जयंत चौधरी एक बार फिर विपक्षी एकता में कांग्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका का समर्थन करते नजर आए हैं. भले अखिलेश यादव कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हों, लेकिन सपा साथ गठबंधन पार्टनर जयंत चौधरी हालिया कुछ दिनों में लगातार विपक्षी एकता कांग्रेस को लेकर एक स्टैंड लेते नजर आए हैं. एक बार फिर जयंत ने ऐसा ही कुछ बिजनौर में किया है. महिला पहलवानों के मामले को लेकर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर तंज कसने के साथ उन्होंने विपक्षी एकता को लेकर अहम बातें भी कहीं.
बिजनौर में अपने दो दिवसीय दौरे के आखिरी दिन राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि महिला पहलवानों के साथ हो रही ज्यादती से हर महिला अपने को अपमानित महसूस कर रही है. जयंत ने कहा कि, ‘वह सोचने पर मजबूर हो रही है कि महिलाओं का इस सरकार में कैसा अपमान हो रहा है और आने वाले समय में यह महिलाएं इसका जवाब जरूर देंगी.’
जयंत चौधरी ने कहा कि भाजपा के बड़े-बड़े नेता बृजभूषण शरण सिंह के आगे हाथ जोड़ते हैं और नतमस्तक रहते हैं. इतना सब होने के बाद फिर किसके अंदर हिम्मत है, जो बृजभूषण शरण से इस्तीफा मांग सके.
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विपक्षी एकता और कांग्रेस की भूमिका पर ये बोले जयंत
जयंत चौधरी ने विपक्षी एकता के सवाल पर कहा कि आज भी देश में कांग्रेस की सबसे बड़ी भूमिका है. उन्होंने कहा कि अब पटना में विपक्षी दलों की एक बैठक 23 जून को होने जा रही है. इस बैठक के बाद देखते हैं क्या निर्णय होगा, लेकिन इसमें कोई दोराय ही नहीं है कि कांग्रेस आज भी बसे बड़ी पार्टी के रूप में अपनी भूमिका रखती है. उन्होंने गठबंधन के सवाल पर कहा कि इस समय वह अपने संगठन पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं. गांव-गांव संगठन को एक्टिव किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जहां तक गठबंधन की बात है, तो गठबंधन कायम था ओर आज भी कायम है.
आपको बता दें कि बिहार सीएम नीतीश कुमार ने 23 जून को बिहार में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई है. इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी भी शामिल होने वाले हैं. उधर अखिलेश यादव और जयंत चौधरी भी इसमें शामिल होंगे. यूपी में 2024 के चुनाव को लेकर गठबंधन के सवाल पर अखिलेश लगातार कहते आए हैं कि यहां की सबसे बड़ी पार्टी के नेतृत्व (यानी सपा) में ही विपक्षी गठबंधन बनना चाहिए. ऐसे में जयंत चौधरी का कांग्रेस को लेकर नरम रुख क्या कुछ नया सियासी संदेश देगा, यह आने वाला वक्त बताएगा.
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