रामपुर उपचुनाव: आजम बोले- ‘हम नहीं गए पाकिस्तान, तुम दरी न बिछाओ यह सपना देखा था मैंने’
Rampur News Hindi: सपा के कद्दावन नेता आजम खान (Azam Khan) को हेट स्पीच मामले में सजा मिलने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर…
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Rampur News Hindi: सपा के कद्दावन नेता आजम खान (Azam Khan) को हेट स्पीच मामले में सजा मिलने के बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई थी, जिसके बाद रामपुर विधानसभा सीट (Rampur By Election) रिक्त हो गई थी. अब रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. सपा नेता आजम खान अपने गढ़ को बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं तो वहीं भाजपा (BJP) आजम के गढ़ में सेंध लगाने के लिए अपनी पूरी ताकत का इस्तेमाल कर रही है. इसी बीच आजम खान लगातार जनसभाओं में भावुक हो रहे हैं.
आजम खान ने गंज थाना क्षेत्र के शुतरखाना में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि, आज के माहौल में मैं आपसे यह कहने आया हूं कि मैं आज सही हूं, मैं कल भी सही था. मैंने कल भी जालिम को अच्छा नहीं कहा और आज भी जालिम को अच्छा नहीं कहूंगा. उन्होंने कहा कि, मैं इंतजार करूंगा उस दिन का जब आप में से कोई ना कोई शख्स ऐसा पैदा होगा जो आज के हालात का इंतकाम लेगा. इंतकाम कभी हथियार से नहीं होता उसी तरह से इंतकाम होगा जिस तरह से हमें और हमारे प्यारों को बर्बाद किया गया है.
कांग्रेस का नाम खत्म
आजम खान ने कहा कि, कभी इंदिरा गांधी की कांग्रेस का नाम बहुत था, लेकिन आज इंदिरा गांधी की कांग्रेस का नाम खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि, वह उत्तर प्रदेश जहां से उनके खानदान के लोग वजीरे आजम बनते थे आज अगर किसी शहर में 10 लोग तलाश किए जाएं कांग्रेस के तो नहीं मिलेंगे. कोई गुमान में ना रहे फिरौन तारीख में जिंदा था और जिंदा रहेगा.
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कम अक्ल का आदमी हूं
जनसभा को संबोधित करते हुए आजम खान ने कहा कि, मेरे पास बहुत सी गाड़ियां आई और चली गई, लेकिन आज तक मुझें किसी गाड़ी का नंबर याद नहीं रहा. मुझे अपने टेलीफोन का नंबर याद नहीं है जो 25 साल से मेरे पास है. कम अक्ल का आदमी हूं.
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पहले भी जेल गए
Azam Khan News: सपा नेता आजम खान ने कहा कि, यह वक्त तो गुजर जाएगा, बहुत आसानी से गुजर जाएगा. याद है 1977 में 19 महीने की जेल काटकर रामपुर पहुंचा था जब जिंदगी की शुरुआत की थी और आज जब जिंदगी के इस मोड़ पर खड़ा हूं और जेल से निकला हूं. अरमान यह है कि फिर जेल में वापस भेज दिया जाए. फैसला वही होगा, जो मालिक ए हबीब चाहेगा, लेकिन तुम सजा मत देना मेरे बच्चों आप सजा मत देना.
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हम नहीं गए पाकिस्तान
आजम खान ने कहा कि, हम भी इंसान हैं, इस मुल्क में हमारी भी हिस्सेदारी है. इस मुल्क में हमारे बुजुर्गों का पसीना और खून बहा है. उलेमाओं की लाशें, बहादुर शाह जफर के सामने जवान बेटों के कटे हुए सिर सभी यहीं हुआ है. यह हमारा वतन भी है. उन्होंने आगे कहा कि, 1947 में आप नहीं जा सकते थे पाकिस्तान, लेकिन हम जा सकते थे. मगर हम नहीं गए क्योंकि यहां दिल्ली की जामा मस्जिद है, यहां हमारे बुजुर्गों के मजार हैं. यहां हमारे बुजुर्गों का ताजमहल है, हमारी बुलंदी की यादगार कुतुबमीनार है. हम नहीं गए अपना वतन छोड़कर. हम अकबर की यादों को छोड़कर नहीं गए. हम जोधा बाई की भी यादों को छोड़कर नहीं गए. तुमने कैसे खूबसूरत हिंदुस्तान को बहुत बदनुमा बनाने की शुरुआत की है.
बापू ने कहा था सबका वतन होगा
UP News Hindi: आजम खान ने कहा कि, हमसे तो बापू ने कहा था कि न गोरे का न काले का, न छोटे का न बड़े का, न हिंदू का न मुसलमान का, ये वतन सबका होगा, इंसाफ तो सबके साथ होगा लेकिन क्या इंसाफ हुआ. जिस मां ने अपनी कोख से बच्चा पैदा किया उसके बाद भी हम उस बच्चे की पैदाइश साबित नहीं कर पा रहे हैं. इनते सबूत दिए लेकिन साबित नहीं कर सके.
तुम दरी बिछाने वाले ना बनो यह ख्वाब देखा था मैंने
आजम खान ने कहा कि, हम जान दे देंगे हम अपनी नसें खुद काट कर मर जाएंगे लेकिन अपने चेहरे पर दाग लेकर हम अपनी कब्र में हरगिज़ नहीं जाएंगे. आज मेरे हाथ में कुछ नहीं हैं. यह दामन खाली है. इसी दामन में तुम्हारे बच्चों के लिए पूरे हिंदुस्तान से भीख मांगता फिरा. मैंने भीख मांगी कि, तुम्हारे बच्चों के हाथों में कलम दे सकूं, तुम्हारे हाथों में झाड़ू ना आए पोछा ना आए और तुम दरी बिछाने वाले ना बनो. मेने तो यह सपना देखा था.
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