पार्टी बदलने के सवाल पर आजम खान बोले- ‘अभी तो मेरा जहाज काफी है’

सत्यम मिश्रा

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समाजवादी पार्टी (सपा) से कथित तौर पर नाराज वरिष्ठ पार्टी नेता और विधायक मोहम्मद आजम खान ने सपा छोड़ किसी अन्य दल में शामिल होने की संभावनाओं पर मंगलवार को कहा कि ‘कोई माकूल कश्ती सामने तो आए, अभी तो मेरा जहाज काफी है.’

खान ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल को सपा द्वारा राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने की अटकलों पर कहा कि अगर सिब्बल को राज्यसभा भेजा जाता है तो सबसे ज्यादा खुशी मुझे होगी.

उत्तर प्रदेश विधानमंडल के मौजूदा सत्र के लगातार दूसरे दिन भी सदन में उपस्थित नहीं हुए आजम खान ने संवाददाताओं से बातचीत में अपनी गैर हाजरी के कारण के बारे में पूछे जाने पर बताया ‘मेरा स्वास्थ्य अच्छा नहीं है. आपने अंदाजा लगाया होगा. मुझे खड़े होने में भी परेशानी हो रही है. मैं सदन के लिए चुन कर आया हूं, (सदन में) तो आऊंगा ही.’

खान ने सपा से नाराजगी के सवाल पर कहा ‘मैंने किसी दूसरी कश्ती के तरफ से देखा तक नहीं है, सवार होना तो बहुत दूर की बात है…. लेकिन अब अंदाजा यह हुआ है कि सलाम दुआ सबसे रहनी चाहिए.’

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इस सवाल पर कि क्या अब वह किसी और कश्ती की तरफ देखेंगे, खान ने कहा ‘पहले कोई माकूल कश्ती सामने तो आए… अभी तो मेरा जहाज काफी है.’

इस सवाल पर कि वह परसों से लखनऊ में हैं, क्या सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने उनका हालचाल लिया, आजम खान ने कहा ‘इतनी बड़ी शख्सियत के बारे में मैं कोई टिप्पणी तो कर नहीं सकता. वह अपनी राय और अपनी मर्जी के खुद मालिक हैं.’

सपा द्वारा कपिल सिब्बल को राज्यसभा भेजने की कवायद की खबरों के बारे में खान ने कहा, ‘वह उनका हक भी है और वह जिस पार्टी से भी जाएंगे, वह उस पार्टी के लिए भी सम्मान का विषय रहेंगे। वह इस कदर मोहतरम (सम्मानित) शख्सियत हैं. शायद उनके होने से सबसे ज्यादा खुशी किसी को होगी तो, वह मुझे ही होगी.’

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इस सवाल पर कि क्या सिब्बल को राज्यसभा भेजकर आपकी सपा से नाराजगी को कम करने की कोशिश की जा रही है, खान ने कहा ‘नहीं नहीं, मैं नाराजगी की हैसियत में हूं ही नहीं। एक बीमार और कमजोर आदमी हूं.’

गौरतलब है कि भ्रष्टाचार और अनेक अन्य आरोपों में पिछले 27 महीने से सीतापुर जेल में बंद रहने के बाद पिछले शुक्रवार को रिहा हुए आजम खां को उच्चतम न्यायालय से जमानत दिलवाने में सिब्बल की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। उन्होंने वकील के तौर पर खां की पैरवी की थी.

ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि सपा सिब्बल को राज्यसभा भेज सकती है. हालांकि पार्टी ने इसकी पुष्टि नहीं की है. प्रदेश विधानसभा में सपा की 111 सीटें हैं और वह तीन सदस्यों को आसानी से राज्यसभा भेज सकती है. राज्यसभा के लिए नामांकन की प्रक्रिया मंगलवार को शुरू हो गई.

सिब्बल साल 2016 में कांग्रेस के टिकट पर सपा की मदद से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे, मगर राज्य में कांग्रेस विधानसभा चुनाव में महज दो सीटें जीत पाई थी. इस वजह से वह किसी को भी संसद के उच्च सदन में अपने दम पर पहुंचाने की स्थिति में नहीं है.

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(भाषा के इनपुट्स के साथ)

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