‘अखिलेश ने फोन नहीं उठाया…’, मायावती ने 2019 में हुए सपा-बसपा गठबंधन के टूटने की बड़ी वजह बताई

यूपी तक

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Akhilesh Yadav and Mayawati (File Photo)
Akhilesh Yadav and Mayawati (File Photo)
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UP Politics: बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती इन दिनों खासा एक्टिव हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में पार्टी को मिले करारे झटके के बाद बसपा चीफ राजनीतिक तौर से काफी आक्रामक हो गई हैं. वह कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को खूब निशाने पर ले रही हैं तो वहीं भाजपा को भी घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही हैं. इसी बीच बहुजन समाज पार्टी ने अपनी बुकलेट जारी की है. ये बुकलेट 2027 विधानसभा के लिए जारी की गई है और इसे बसपा के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में बड़े स्तर पर बांटा जाएगा. 

इस बुकलेट में बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने एक बड़ी जानकारी भी साझा की है. मायावती ने बताया है कि साल 2019 लोकसभा चुनावों में हुआ समाजवादी पार्टी और बीएसपी का गठबंधन चुनाव के बाद अचानक कैसे टूट गया? अपनी किताब में मायावती ने इसकी वजह सपा मुखिया अखिलेश यादव को बताया है. किताब में बताया है कि लोकसभा चुनाव के बाद अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती का फोन नहीं उठाया. सपा मुखिया ने बसपा के किसी भी वरिष्ठ नेता का भी फोन नहीं उठाया और कोई जवाब नहीं दिया. इसके बाद बसपा ने गठबंधन तोड़ दिया.

मायावती ने किताब में क्या लिखा?

किताब के पेज नंबर 25 और 26 में इस पूरे किस्से का जिक्र है. किताब में लिखा गया है कि 2019 के आम चुनाव में पुरानी बात भुलाकर एक बार फिर सपा चीफ अखिलेश यादव ने बसपा से गठबंधन की बात कही. गठबंधन करके ये चुनाव लड़ा गया. चुनाव में बसपा को 10 तो वहीं सपा को 5 सीट मिली. मगर 5 सीट मिलने से सपा मुखिया अखिलेश यादव दुखी हो गए. 

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सपा मुखिया अखिलेश यादव 5 सीट मिलने से दुखी हुए और उन्होंने गठबंधन बनाए रखना तो बहुत दूर बल्कि उन्होंने मायावती समेत बसपा के बड़े नेताओं का फोन भी नहीं उठाया. ऐसे में पार्टी को अपना स्वाभिमान बरकरार रखने के लिए गठबंधन से अलग होने का ऐलान करना पड़ा.

गेस्ट हाउस कांड का भी किया मायावती ने जिक्र

बुकलेट में बसपा सुप्रीमो मायावती ने गेस्ट हाउस कांड पर भी दुःख जताया. उन्होंने ये भी साफ किया कि गेस्ट हाउस कांड के बावज़ूद उन्होंने क्यों समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया? उन्होंने कहा कि यूपी में भाजपा को रोकने के लिए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने ही उनकी पार्टी की पुरानी गलतियों को भूलकर उन्हें दोबारा मौका देने की बात की थी. इसलिएऐ ये गठबंधन हुआ. मायावती ने बुकलेट में अपने समर्थकों और बहुजन समाज से सपा के पीडीए से सावधान रहने के लिए भी कहा है.

जाति विशेष को छोड़कर सपा में किसी की कोई जगह नहीं- मायावती

अपनी बुकलेट में मायावती ने सपा चीफ अखिलेश यादव पर कई बार सियासी हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव में संविधान बचाने की आड़ में सपा ने गुमराह करके पिछड़ों-दलितों और अल्पसंख्यकों का वोट ले लिया. मगर विधानसभा नेता प्रतिपक्ष में इन वर्गों की उपेक्षा की गई. मायावती ने कहा कि सपा में जाति विशेष को छोड़कर बाकी पीडीए के लिए कोई जगह नहीं है.

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बुकलेट में मायावती ने कांग्रेस को भी खूब घेरा है. भीमराब अंबेडकर को लेकर मायावती ने आजादी के समय हुई सियासत का जिक्र करते हुए कांग्रेस पर जमकर आरोप लगाया है. इसी के साथ बुकलेट में यूपी में बसपा सरकार (2007 से लेकर 2012) की तारीफ की गई है. बुकलेट में दलित और पिछड़े समाज को सियासी संदेश देने की कोशिश की गई है. 

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