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Aaj Ka UP: मायावती ने चंद्रशेखर को लेकर कर दिया बड़ा इशारा, मीटिंग के अंदर ये सब कह दिया

कुमार अभिषेक

यूपी की राजनीति में सबसे बड़ी ख़बर! क्या मायावती ने नगीना सांसद चंद्रशेखर आज़ाद को सीधे निशाने पर लिया? BSP की बैठक में 'चरित्र' पर बयान के पीछे का पूरा सियासी गणित समझिए.

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Mayawati, Chandrashekhar Azad, Nagina MP
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क्या अब आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के मुखिया और नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद बसपा सुप्रीमो मायावती के खुले निशाने पर हैं? ये सवाल इसलिए खड़ा हो रहा है क्योंकि बसपा की एक हालिया बैठक में मायावती ने कुछ ऐसा कहा है, जिसे चंद्रशेखर आजाद पर सीधा अटैक माना जा रहा है. मायावती ने गुरुवार को लखनऊ में अपने पार्टी के पदाधिकारियों और सीनियर कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग की है. उन्होंने एक बार फिर आने वाले चुनाव की तैयारियों को लेकर समीक्षा की. बिहार चुनाव में किसकी क्या भूमिका होगी यह भी तय हुई. इस बीच अपने कार्यकर्ताओं के सामने मायावती ने कुछ ऐसा कह दिया जो चंद्रशेखर आजाद से जोड़कर देखा जा रहा है.

चंद्रशेखर आजाद नगीना से सांसद हैं और उभरते हुए एक बड़े दलित चेहरे भी हैं. पिछले कुछ दिनों से चंद्रशेखर पर उनकी एक कथित महिला मित्र की ओर से आक्षेप लग रहे हैं. चंद्रशेखर आजाद अमूमन इस मामले पर चुप हैं और कहते हैं कि निजी मामलों में और खास करके जब किसी महिला का मामला इनवॉल्व हो तो वह उस पर शांत रहना ही बेहतर समझते हैं. अब बीएसपी इन्हीं आरोपों को लेकर अपने कार्यकर्ताओं में पहुंच चुकी है. पहले यह चुपचाप एक मुहिम के तौर पर था. पर सूत्रों से जानकारी मिली है कि मायावती की मीटिंग में कार्यकर्ताओं को भी इस बारे में ब्रीफ किया गया है.

मायावती ने कहा है कि नेतृत्व करने के लिए चरित्र की जरूरत होती है और नेतृत्व वही कर सकता है जिसके पास चरित्र हो. यह बात हालांकि आधिकारिक तौर पर ना तो प्रेस रिलीज में कही गई है ना ही इसका कोई वीडियो है. लेकिन उस मीटिंग में पहुंचे कई नेताओं ने यह माना है कि ये बात आज इसी तरीके से कही गई है.

यूपी Tak के खास शो यूपी की बात की नीचे दी गई वीडियो रिपोर्ट में इस मामले को समझिए

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बसपा सूत्रों के मुताबिक मायावती ने बैठक में कहा कि जिस संगठन की नींव कांशीराम और अंबेडकर के विचारों पर रखी गई हो, उसके नेता की छवि निष्कलंक होनी चाहिए. इस वक्त दलित समाज के अंदर मायावती की नेतृत्व चुनौती देने वालों की संख्या बढ़ रही है. सपा और कांग्रेस के अलावा चंद्रशेखर आजाद भी दलित वोटर्स के बीच तगड़ी पैठ बना रहे हैं. मायावती और बसपा अब चंद्रशेखर की बढ़ती जनस्वीकृति से सतर्क हैं. शायद यही वजह है कि मायावती अब उनके लिए "चरित्र राजनीति" वाला नैरेटिव गढ़ रही हैं.

इसी बैठक में मायावती ने अपने समर्थकों के बीच यह सफाई भी दी कि उन्होंने हाल की रैली में बीजेपी सरकार का धन्यवाद क्यों किया था. मायावती ने कहा कि उन्होंने केवल उन स्मारक पार्कों के रखरखाव के लिए सरकार की सराहना की थी जो उनके शासनकाल में बने थे. विपक्ष ने उनपर बीजेपी के लिए सॉफ्ट होने का आरोप लगाया तो इसपर मायावती ने कहा कि यह बसपा की राजनीतिक ईमानदारी की मिसाल है.

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