नशे में धुत्त पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति ने ससुराल पहुंचकर पत्नी से की मारपीट, कार से कुचलने का किया प्रयास

सत्यम मिश्रा

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उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की तिंदवारी विधानसभा सीट से बीजेपी से विधायक रहे और वर्तमान समय में सपा नेता बृजेश प्रजापति ने लखनऊ के पीजीआई थाना क्षेत्र स्थित अपने ससुराल पहुंचकर नशे में धुत्त होकर बवाल काटा. साथ ही जोर-जोर से अपनी पत्नी को अपशब्द कहते हुए गाली गलौज करने लगे. ये भी आरोप है कि अंदर से लॉक घर के गेट में कार से टक्कर मार दी. बृजेश प्रजापति ने कथित तौर पर अपनी पत्नी को कार से कुचलने का प्रयास किया और अपनी पत्नी को बुरी तरीके से मारा-पीटा भी.

पत्नी ने बताईं ये बातें

वहीं, पीड़ित पत्नी ने बताया कि ड्रिंक करके उनके पति उनको मारा-पीटा करते थे. साथ ही इतना टॉर्चर करते थे कि गला तक दबा देते थे और बच्चों को भी नहीं बख्शते थे. पीड़ित पत्नी ने बताया कि बांदा में अखिलेश यादव की बैठक थी, उससे पहले वह हमारे घर आए, हमको मारा-पीटा और बच्चों का गला दबाया और फायरिंग भी की.

पत्नी ने बताया कि जब वह अपने पति के साथ बांदा में रहती थी तो वह हमेशा उसको टॉर्चर और अपशब्द कहते थे, मारा-पीटा करते थे. वह खुद कहते थे कि मैं तुम्हें इतना टॉर्चर करता हूं, तुम आत्महत्या क्यों नहीं कर लेती हो, अपने हाथों की नस क्यों नहीं काट लेती हो,फांसी लगाकर मर जाओ. शराब के नशे में 2 साल के बेटे और 6 साल की बेटी को भी मारते थे. 2 साल के बेटे को मारते-मारते और कहते थे कि मैं काला हूं और यह गोरा कैसे पैदा हो गया.

पीड़िता ने बताया कि वह एक हाउसवाइफ है और उसके पिता की मौत हो चुकी है, जो कि दर्जी का काम करते थे. पिता की मौत के बाद दर्जी का कामकाज उनकी मां ने संभाला और काम सीखा ताकि पढ़ाई-लिखाई और घर का खर्चा निकल सके. भाई एसी रिपेयरिंग का काम करता है. दादा अब नहीं रहे, जो जीपीओ में पेंशन बनाने का काम करते थे. उन्होंने ही हमें पढ़ाई लिखाई-कराई और 19 वर्ष की उम्र में 2013 में ही शादी हो गई.

पूर्व विधायक की पत्नी ने बताया कि शादी के बाद सब कुछ ठीक चल रहा था. पति भाजपा पार्टी से जुड़े हुए थे, लेकिन शादी के 3 साल बाद जब 2017 में पति विधायक बनकर सत्ता में आए तबसे उनके रहन-सहन में बदलाव होने लगा. वह शराब पीने लगे और देर से घर आने लगे. सबको हीन भावना से और नौकर समझने लगे. रोज घर शराब पीकर आते थे और नशा करते थे. मना करने पर मारा-पीटा करते थे और आत्महत्या करने के लिए प्रेरित करते थे और कहते थे कि अगर तुमने आत्महत्या नहीं की, तो मैं तुम्हें जान से मार दूंगा, लेकिन मैं बच्चों का मुंह देखकर एडजस्ट कर लेती थी कि आखिर मैं और मेरे बच्चे कहां जाएंगे, लेकिन पति के विधायक बनने के बाद मेरा ज्यादातर समय मायके में ही बीता.

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पीड़िता ने बताया कि जब प्रताड़ना की इंतेहा हो गई तब 15 अगस्त को मैं अपने पति के घर से भाग आई और फिर मेरे पति मेरे घर पर आ गए. रात तीन बजे शराब पीकर दरवाजा पीटने लगे और कहा कि दरवाजा खोलो, दरवाजा नहीं खोला तो फिर गाड़ियों में तोड़फोड़ की और कहा कि अपनी 6 वर्ष मासूम बच्ची को अगवा कर लेंगे, तब तो तुम मेरे पास आओगी और तब बताऊंगा. इसी कारण से मैंने अपनी बेटी को उस दिन स्कूल नहीं भेजा. हालांकि, धमकी भरी बातें सुनकर मैं डर गईं और दरवाजा खोल दिया.

उन्होंने आगे कहा, “मैंने जैसे ही दरवाजा खोला तो उन्होंने मुझे और मेरे बच्चों को कार से कुचलने का प्रयास किया, लेकिन बावजूद इसके इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी मेरे चाचा ने दमाद समझकर अपने घर ले गए, लेकिन वह उल्टा मेरे चाचा को ही बुरा-भला कहने लगे और मुझे बुलाने को कहा और जब मैं वहां पहुंची तो मुझसे सादे कागज पर दस्तखत कराए और लिखवाया कि मैं स्वेच्छा से तलाक चाहती हूं, मैंने कोरे कागज पर लिख दिया, ताकि सुबह मोहल्ले वाले ना जाने. लेकिन बावजूद इसके मेरे पति ने बेज्जती कर डाली, मुझे मारा-पीटा.”

पीड़ित महिला ने बताया कि हम लोग लखनऊ में किराए के मकान में रहते हैं, जब बात नहीं बनी तब फिर पुलिस को इसकी सूचना दी गई और फिर पुलिस ने कार्रवाई की. पति पुलिस के साथ भी रौब दिखाने लगे.

पुलिस ने क्या बताया?

पीजीआई एसएचओ राणा राजेश कुमार ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज करके आगे की करवाई की जा रही है, हालांकि अभी मौके पर शांति है.

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बता दें कि बृजेश प्रजापति तिंदवारी विधानसभा सीट से 2017 में भाजपा के टिकट पर जीतकर विधायक बने थे, लेकिन स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा अचानक भारतीय जनता पार्टी से इस्तीफा देने के बाद सपा में शामिल होने के चलते बृजेश प्रजापति ने भी स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में भाजपा की प्राथमिक सदस्य से लेकर विधायकी का त्यागपत्र दे दिया था. हालांकि, बृजेश प्रजापति समाजवादी पार्टी के साथ हैं.

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