window.googletag = window.googletag || { cmd: [] }; let pathArray = window.location.pathname.split('/'); function getCookieData(name) { var nameEQ = name + '='; var ca = document.cookie.split(';'); for (var i = 0; i < ca.length; i++) { var c = ca[i]; while (c.charAt(0) == ' ') c = c.substring(1, c.length); if (c.indexOf(nameEQ) == 0) return c.substring(nameEQ.length, c.length); } return null; } googletag.cmd.push(function() { if (window.screen.width >= 900) { googletag.defineSlot('/1007232/UP_tak_Desktop_HP_ATF_728x90', [728, 90], 'div-gpt-ad-1702014298509-0').addService(googletag.pubads()); googletag.defineSlot('/1007232/UP_tak_Desktop_HP_ATF_300x250', [300, 250], 'div-gpt-ad-1702014298509-1').addService(googletag.pubads()); googletag.defineSlot('/1007232/UP_tak_Desktop_HP_MTF_728x90', [728, 90], 'div-gpt-ad-1702014298509-2').addService(googletag.pubads()); googletag.defineSlot('/1007232/UP_tak_Desktop_HP_MTF_300x250', [300, 250], 'div-gpt-ad-1702014298509-3').addService(googletag.pubads()); } else { googletag.defineSlot('/1007232/UP_tak_Mobile_HP_ATF_300x250', [300, 250], 'div-gpt-ad-1659075693691-0').addService(googletag.pubads()); googletag.defineSlot('/1007232/UP_tak_Mobile_HP_MTF-1_300x250', [300, 250], 'div-gpt-ad-1659075693691-2').addService(googletag.pubads()); googletag.defineSlot('/1007232/UP_tak_Mobile_HP_MTF-2_300x250', [300, 250], 'div-gpt-ad-1659075693691-3').addService(googletag.pubads()); googletag.defineSlot('/1007232/UP_tak_Mobile_HP_MTF-3_300x250', [300, 250], 'div-gpt-ad-1659075693691-4').addService(googletag.pubads()); googletag.defineSlot('/1007232/UP_tak_Mobile_HP_BTF_300x250', [300, 250], 'div-gpt-ad-1659075693691-5').addService(googletag.pubads()); googletag.defineSlot('/1007232/UP_tak_Mobile_HP_Bottom_320x50', [320, 50], 'div-gpt-ad-1659075693691-6').addService(googletag.pubads()); } googletag.pubads().enableSingleRequest(); googletag.enableServices(); if (window.screen.width >= 900) { googletag.display('div-gpt-ad-1702014298509-0'); googletag.display('div-gpt-ad-1702014298509-1'); googletag.display('div-gpt-ad-1702014298509-2'); googletag.display('div-gpt-ad-1702014298509-3'); } else { googletag.display('div-gpt-ad-1659075693691-0'); googletag.display('div-gpt-ad-1659075693691-2'); googletag.display('div-gpt-ad-1659075693691-3'); googletag.display('div-gpt-ad-1659075693691-4'); googletag.display('div-gpt-ad-1659075693691-5'); googletag.display('div-gpt-ad-1659075693691-6'); } });

ओवैसी की एक्टिव सियासत ने अखिलेश को चौंकाया! मुख्तार के ‘फाटक’ ऐसे ही नहीं पहुंचे सपा मुखिया

आयुष अग्रवाल

ADVERTISEMENT

सपा चीफ अखिलेश यादव और असदुद्दीन ओवैसी
Akhilesh Yadav, Mukhtar Ansari, Asaduddin Owaisi
social share
google news

Akhilesh Yadav: लोकसभा चुनावों में अब बेहद कम समय रह गया है. ऐसे में समाजवादी पार्टी के मुखिया काफी फूंक-फूंक कर अपने सियासी कदम उठा रहे हैं. दरअसल सपा चीफ अखिलेश यादव इस समय सियासी तौर से घिर गए हैं. एक तरफ भाजपा जैसी मजबूत संगठन से उनका लोकसभा में मुकाबला है तो दूसरी तरफ टिकट को लेकर पार्टी में जो घमासान मचा, उसने भी पार्टी संगठन की हालत सभी के सामने लाकर खड़ी कर दी. इस बीच AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी और पल्लवी पटेल ने भी यूपी में नया गठबंधन बना लिया. 

यूपी में हो रही सियासी हलचल के बीच उत्तर प्रदेश के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत हो गई. मुख्तार अंसारी की गिनती यूपी के सबसे बड़े अपराधियों और माफियाओं में की जाती थी. मगर ये भी सच है कि माफिया मुख्तार अंसारी या अंसारी परिवार सपा का काफी करीबी रहा है. खुद यादव परिवार से भी इसके अच्छे रिश्ते रहे हैं. गाजीपुर लोकसभा सीट से अखिवेश ने मुख्तार के भाई और गाजीपुरके मौजूदा सांसद अफजाल अंसारी को टिकट दिया है. दूसरी तरफ मुख्तार अंसारी की मौत के बाद मुस्लिम समाज में मुख्तार को लेकर भारी सहानुभूति भी थी.

ओवैसी ने अखिलेश को फंसा दिया

भाजपा, सपा पर हमेशा बाहुबलियों और माफियाओं को संरक्षण देने और उनके करीबी होने का आरोप लगाती रही है. ऐसे में मुख्तार की मौत के बाद सभी की निगाहें अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया और अगले कदम पर थी. सवाल था कि क्या अखिलेश, मुख्तार अंसारी को श्रद्धांजली देने गाजीपुर जाएंगे और अंसारी परिवार से मुलाकात करेंगे? इस बीच सपा की तरफ से मुख्तार की मौत पर शोक संवेदना भी व्यक्त कर दी गईं. मगर तभी कुछ ऐसा हुआ, जिसने अखिलेश को मुख्तार के घर जाने के लिए सियासी तौर पर भी काफी मजबूर कर दिया.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

दरअसल AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी मुख्तार अंसारी की मौत के फौरन बाद अचानक मुख्तार के परिजनों से मिलने उसके घर पहुंच गए. यूपी में ओवैसी की राजनीति का सीधा मुकाबला सपा की राजनीति से है. सपा के मुस्लिम वोट बैंक में ओवैसी हमेशा सेंध लगाने की कोशिश करते हैं. ऐसे में ओवैसी ने मुख्तार की मौत पर उसके घर जाकर सियासी तौर पर बड़ा संदेश दे दिया.

धर्मेंद्र के जाने से भी नहीं बनी बात

PDA यानी पिछड़ा-दलित और अल्पसंख्यक के नारे के साथ लोकसभा चुनाव में जाने वाले अखिलेश यादव के सामने ये बड़ी चुनौती थी. अखिलेश ने अपने करीबी और पूर्व सासंद धर्मेंद्र यादव को भी मुख्तार अंसारी के घर भेज दिया. मगर ओवैसी अपना संदेश देने में कामयाब रहे. ओवैसी समर्थक अखिलेश से सवाल करते रहे कि आखिर वह कब मुख्तार अंसारी को श्रद्धांजलि देने जाएंगे? ओवैसी समर्थक लगातार मुस्लिम समाज में ये सवाल उठाते रहे और अखिलेश यादव पर सिर्फ उनके वोट लेने का आरोप लगाते रहे.

माना जा रहा है कि ओवैसी के इस कदम से अखिलेश सियासी तौर पर फंस गए और अचानक अखिलेश यादव ने मुख्तार अंसारी के परिवार से मुलाकात करने गाजीपुर जाने की योजना बना डाली. दरअसल अखिलेश लोकसभा चुनाव को लेकर कोई सियासी रिस्क नहीं लेना चाहते. ऐसे में अखिलेश ने मुख्तार अंसारी के घर जाकर, अंसारी परिवार से मिलकर बड़ा सियासी संदेश भी दे डाला.

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT