जिन ‘अपनों’ ने धोखा दिया उन्हें तलाशने में जुटे अखिलेश, नाराज होकर उठाया अब ये कदम
राष्ट्रपति के चुनाव में अखिलेश यादव अपने सिर्फ 111 विधायकों का ही समर्थन यशवंत सिन्हा के लिए जुटा पाए. अब अखिलेश उन पांच विधायकों को…
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राष्ट्रपति के चुनाव में अखिलेश यादव अपने सिर्फ 111 विधायकों का ही समर्थन यशवंत सिन्हा के लिए जुटा पाए. अब अखिलेश उन पांच विधायकों को खोज रहे हैं जिन्होंने चुपचाप एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन दे दिया. ध्यान देने वाली बात है कि शिवपाल यादव ने दावा किया था कि उनके कहने का असर हुआ है. पार्टी ने उनकी बात मानते हुए यशवंत सिन्हा को वोट किया था.
विधानसभा चुनावों में सहयोगी रहे दलों के सपा से दूर जाने और कई विधायको के पार्टी के खिलाफ जाकर वोट करने से अखिलेश यादव खासे नाराज हैं. पार्टी के भीतर कई विधायकों द्वारा अपनी मनमानी करने की वजह से अखिलेश यादव ने मंगलवार को पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है.
इस बैठक में पार्टी के उन पांच विधायकों पर एक्शन लेने पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जिन्होंने पार्टी लाइन के खिलाफ जाकर राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया था. इन विधायकों पर क्या एक्शन लिया जाए? यह पार्टी विधायकों की राय जानने के बाद तय किया जाएगा.
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बुलाई गई ये बैठक बेहद महत्वपूर्ण है. इस बैठक में सपा के सभी विधायकों के साथ-साथ वरिष्ठ नेता भी शामिल होंगे. इसमें पार्टी को एकजुट करने के लिए रणनीति बनाने के साथ ही आगे के कार्यक्रम तय करने के मुद्दों पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही बैठक में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग करने वाले पार्टी के विधायकों के खिलाफ एक्शन लेने पर राय मशविरा किया जाएगा.
गौरतलब है कि शिवपाल सिंह यादव सहित पार्टी के छह विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है. इनमें से द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ऐलान कर वोट डालने वाले शिवपाल सिंह से तो अखिलेश यादव ने निजात पा ली है, लेकिन अभी तक ये साफ नहीं हो सका है कि राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले सपा के पांच अन्य विधायक कौन हैं?
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