'मेरे सिर पर एक बोझ था, जो उतर गया, मैं कांग्रेस पार्टी की लीडरशिप...', निष्कासन के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम का बड़ा बयान

अभिनव माथुर

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कांग्रेस पार्टी से निष्कासन के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम से यूपीतक ने संभल के एचौड़ा कंबोह स्थित कल्कि धाम पर उनसे खास बातचीत की. जहां यूपीतक से खास बातचीत के दौरान आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कई सवालों के बेबाकी से जवाब दिए. 

अपने निष्कासन से जुड़े सवाल पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मेरे सिर पर एक बोझ था, जो कि उतर गया है और मैं कांग्रेस पार्टी की लीडरशिप का एहसानमंद हूं जिन्होंने मेरे ऊपर एक बड़ा उपकार किया है. मुझे काफी घुटन होती थी जब लोग सनातन को गाली देते थे और मेरी पार्टी चुप रहती थी. मैं इसके लिए खुद को पापी और अपराधी समझता था. सोचता था कि मैं इस पार्टी के साथ क्यों खड़ा हूं, जोकि सनातन धर्म को मिटाना चाहती है. मैं चिंतन करता था कि मैं ऐसी पार्टी के साथ क्यों खड़ा हूं, जोकि राम के निमंत्रण को ठुकराना चाहती है. 

उन्होंने आगे कहा कि इससे मुझे काफी पीड़ा होती थी कि मैं आज ऐसी पार्टी के साथ खड़ा हूं, जो भारत की संस्कृति और सभ्यता को मिटाना चाहती है. मुझे बहुत पीड़ा होती थी कि मैं ऐसी पार्टी के नेताओं को अपना नेता मानता हूं, जो कि अपने बुजुर्गों का सम्मान नहीं करते हैं और ऐसे लोगों को नेता मानना पड़ा है जो कि न ही अपनी मां-बहन की इज्जत करते हैं. जो अपनी मां बहन की इज्जत नहीं कर सकता वह देश का सम्मान क्या करेगा. लेकिन कांग्रेस पार्टी के उन नेताओं का धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने मुझे इस पाप से मुक्त कर दिया. भगवान राम का वनवास 14 साल का था लेकिन इस निष्कासन को भी 6 साल से बढ़कर 14 साल कर दिया जाए. 

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बता दें कि आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है.

आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के निमंत्रण को ठुकरा करके कांग्रेस पार्टी ने एक बहुत बड़ा पाप किया है. मैंने इसकी आवाज उठाई यही मेरा गुनाह था. मेरा दूसरा गुनाह यह था कि मैं कल्कि धाम का शिलान्यास करने के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और स्मृति ईरानी को आमंत्रित किया. लेकिन मैं इन लोगों से पहली बार मिला हूं, क्योंकि कल्कि धाम सभी का है और भगवान भी सभी के हैं.

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 उन्होंने कहा कि मुझे गर्व है कि भारत के प्रधानमंत्री ने इस निमंत्रण को स्वीकार किया, लेकिन यह मेरी तरफ से गुनाह हो गया है. कांग्रेस पार्टी के भी कई नेता इस बात से सहमत है कि नरेंद्र मोदी के फैसलों की आलोचना करो, लेकिन नरेंद्र मोदी से नफरत मत करो, लेकिन कांग्रेस पार्टी नरेंद्र मोदी से इतनी नफरत करने लगी है कि वह नफरत करते-करते इस देश से नफरत करने लगी. 

क्या पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात के बाद उनको देवीय शक्ति बताने वाले बयान की सजा यह कार्रवाई? इस सवाल के जवाब में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि देश ने जिस तरह के फैसले नरेंद्र मोदी ने लिए हैं, वह फैसला कोई भी आम व्यक्ति नहीं ले सकता है. यह फैसला वही ले सकता है जिस पर कोई देवीय कृपा होगी. इसलिए ही मैंने यह बात कही थी कि नरेंद्र मोदी के ऊपर निश्चित ही कोई देवीय शक्ति है. उनके ऊपर दिव्या कृपा है, क्योंकि धारा 370 को हटाने का फैसला कोई सामान्य व्यक्ति नहीं ले सकता है और राम मंदिर निर्माण का फैसला अदालत की तरफ से हुआ है, लेकिन यह मंदिर नहीं बन पाता. अगर इस देश का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नहीं होते तो कल्कि धाम का चलन आज नहीं हो पाता.

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आपने कहा था कि जिस दिन बीजेपी में जाऊंगा, ढोल बजा कर जाऊंगा... क्या यही समय है बीजेपी में जाने का? इसके जवाब में आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि बीजेपी में जाना या नहीं जाना एक अलग विषय है, लेकिन नरेंद्र मोदी के साथ खड़े रहना यह एक अलग विषय है. मैं नरेंद्र मोदी के साथ हूं, क्योंकि नरेंद्र मोदी देश के साथ है. 

उन्होंने कांग्रेस पार्टी पर तंज कसते हुए कहा कि बर्बाद गुलिस्तां करने को एक ही उल्लू काफी था. हर डाल पर उल्लू बैठा है, अंजाम ए गुलिस्तां क्या होगा.

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