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सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी जिहाद करेंगे... समझिए संसद में ऐसा क्या बोल दिया कि मचा है बवाल

यूपी तक

Aaj Ka UP: संसद में सपा सांसद ने वक्फ विवाद पर कहा 'जिहाद करना पड़ेगा'. उधर योगी सरकार ने अवैध घुसपैठियों के खिलाफ डिटेंशन सेंटर बनाने का अभियान छेड़ा. साथ ही, 2027 चुनाव के लिए RSS ने राम मंदिर और दलित-ओबीसी को साधने की रणनीति शुरू की.

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SP MP Mohibbullah Nadwi
SP MP Mohibbullah Nadwi
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'आज का यूपी' में हम उत्तर प्रदेश की बड़ी खबरों की चर्चा करेंगे जो सुर्खियों में बनी हुई हैं. जहां एक ओर समाजवादी पार्टी के रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने संसद के भीतर जिहाद करने की बात कहकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ा दी है. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में अवैध घुसपैठियों और रोहिंग्याओं की पहचान के लिए एक बड़ा अभियान शुरू कर दिया है, जिसके तहत डिटेंशन सेंटर बनाने की तैयारी चल रही है. इन सबके बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भी आगामी 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों को ध्यान में रखते हुए अपने हिंदुत्ववादी एजेंडे को लेकर अगले दो महीनों के लिए एक सघन घर-घर अभियान चलाने की शुरुआत कर दी है. 

वक्फ बिल पर सपा सांसद का विवादित बयान- दोबारा लड़ना पड़ेगा, जिहाद करना पड़ेगा

मुस्लिम धर्मगुरु महमूद मदनी के जिहाद पर दिए बयान पर विवाद अभी थमा भी नहीं था कि समाजवादी पार्टी (सपा) के रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने संसद के भीतर जिहाद करने की बात कह दी है. सांसद नदवी ने अरशद मदनी और महमूद मदनी के बयानों का हवाला देते हुए संसद में कहा कि 'अब इस देश में दोबारा लड़ना पड़ेगा, जिहाद करना पड़ेगा.' उन्होंने यह बयान वक्फ संशोधन बिल पर बोलते हुए दिया. उनका आरोप है कि वक्फ जायदादों का केवल 30% ही पोर्टल पर अपलोड हो पाया है और सर्वर डाउन चल रहा है. नदवी ने कहा कि ऐसा लगता है कि आर्टिकल 25 और 26 को खत्म कर दिया गया है और मुसलमानों की जिंदगी इस वतन में तंग कर दी गई है. उन्होंने कहा कि ज़ुल्म और इंसाफी के खिलाफ लड़ना शायद हमें दोबारा लड़ना पड़ेगा और जिहाद करना पड़ेगा.

अवैध घुसपैठियों की पहचान के लिए डिटेंशन सेंटर अभियान शुरू

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्याओं के खिलाफ 'घुसपैठिया पहचानों अभियान' की शुरुआत कर दी है. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री ने सभी जिला अधिकारियों (डीएम) को सभी जिलों में डिटेंशन सेंटर बनाने का निर्देश दिया था. 
सत्रह नगर निकायों में एक साथ इस अभियान की शुरुआत की गई है, जिसके तहत अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं की पहचान का काम शुरू हो गया है. लखनऊ में यह काम कृष्णा नगर इलाके की झोपड़ पट्टियों में शुरू हुआ, जहां पुलिस ने लोगों के वेरिफिकेशन की शुरुआत की. वेरिफिकेशन में चौंकाने वाली चीजें सामने आईं, जैसे एक व्यक्ति के पास एक ही नाम के तीन-तीन कार्ड, असम और लखनऊ के आधार कार्ड, और पैन कार्ड से लेकर आयुष्मान कार्ड तक सभी तरह के कार्ड मौजूद थे. 

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पुलिस पूछताछ में लोगों ने दलालों के नाम और उन्हें दिए गए पैसे के बारे में भी बताना शुरू कर दिया. लखनऊ के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, बरेली, रामपुर समेत तमाम जिलों में भी इस अभियान की शुरुआत की जा रही है. इस मुहिम के चलते आने वाले दिनों में ज्यादातर संदिग्ध लोगों के यहाँ से लापता हो जाने की आशंका है. 

RSS ने शुरू किया 2027 विधानसभा चुनाव पर फोकस

बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने 2027 विधानसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर 20 दिसंबर से एक सघन अभियान शुरू करने का फैसला लिया है. संघ का सहस्त्राब्दी वर्ष (100 वर्ष) चल रहा है, जिसके तहत संघ अपनी उपलब्धियों को लेकर घर-घर जाने का कार्यक्रम बना रहा है. बीजेपी कार्यकर्ता भी इसमें शामिल होंगे.माना जा रहा है कि 2024 के पार्लियामेंट चुनाव में बीजेपी की हार के कारणों, जैसे आरएसएस और बीजेपी के बीच तालमेल की कमी और नेताओं की आपसी अनबन, को दूर करने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के चेहरे को धार देने के लिए संघ प्रमुख से उनकी मुलाकात और लखनऊ में समन्वय बैठकें हो चुकी हैं. 20 दिसंबर से 20 फरवरी तक चलने वाले इस सघन अभियान में संघ के कार्यकर्ता भगवान राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा और धर्म ध्वजा की स्थापना की तस्वीरों को लेकर घर-घर जाएंगे. इस अभियान में सबसे ज्यादा जोर दलितों और ओबीसी को जोड़ने पर होगा, क्योंकि 2024 के चुनाव में यही वर्ग बीजेपी से खिसका था. संघ और बीजेपी दोनों ही अखिलेश यादव के 'पीडीए' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की काट के तौर पर हिंदुत्व के एजेंडे को आक्रामक तरीके से लागू करते दिखाई दे रहे हैं. 

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