UP BJP में बदले जाएंगे 70% पदाधिकारी, भूपेंद्र चौधरी के साथ पुराने चेहरे नहीं होंगे फिट?

अभिषेक मिश्रा

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बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी के कार्यभार संभालने के बाद अब बीजेपी यूपी संगठन में करीब 70 फीसदी पदाधिकारियों को बदलने की तैयारी कर रही है. निवर्तमान महासचिव संगठन सुनील बंसल और प्रदेश प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह इन पदाधिकारियों के पैरोकार थे. अब दोनों राज्य संगठन का हिस्सा नहीं हैं. इस वजह से इस संगठन में पुराने चेहरे नदारद रहेंगे और बड़ी संख्या में ऐसे चेहरों को शामिल किया जाएगा जो या तो नए हैं या हाल ही में दरकिनार किए गए हैं.

सूत्रों के मुताबिक इन बदलावों से डेढ़ महीने में यूपी बीजेपी का गठन हो जाएगा. इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह और महासचिव संगठन धर्मपाल सिंह ने कवायद शुरू कर दी है. सबसे पहले उन चेहरों को बदला जाएगा जो सरकार और संगठन दोनों का हिस्सा हैं. इसमें लगभग 6 मंत्री पहले से ही राज्य संगठन की सूची में हैं.

इसके बाद संगठन उन नेताओं से छुटकारा पा सकेगा, जो पुराने नेताओं के पैरोकारों पर निर्भर थे. ऐसे चेहरों को भी संगठन में पदाधिकारी नहीं बनाए जाने की उम्मीद है, जो लोकसभा चुनाव के लिए टिकट मांगेंगे. बीजेपी उन लोगों को भी तरजीह देगी जो लंबे समय से किनारे थे.

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साथ ही कुल 18 उपाध्यक्ष हैं, जिनमें से अरविंद कुमार शर्मा और दयाशंकर सिंह मंत्री बनने के कारण टीम में नहीं होंगे. जबकि कुछ उपाध्यक्षों को महामंत्री बनाया जा सकता है. इनमें पंकज सिंह और बृज बहादुर का नाम प्रमुख है. ऐसा माना जाता है कि वर्तमान उपाध्यक्षों में केवल 6 उपाध्यक्ष ही अगली बार उपाध्यक्ष रह सकते हैं.

दूसरी ओर, महासचिव जेपीएस राठौर, अश्विनी त्यागी, अमरपाल मौर्य, सुब्रत पाठक, अनूप गुप्ता, प्रियंका सिंह रावत हैं. इनमें से जेपीएस राठौर मंत्री बने हैं. इसलिए उन्हें महासचिव का पद छोड़ना होगा. जबकि प्रियंका रावत और सुब्रत पाठक की संसदीय चुनाव लड़ने के मामले में संगठन में स्थिति भी अस्थिर है.

इतना ही नहीं भाजपा युवा मोर्चा, महिला मोर्चा, अल्पसंख्यक मोर्चा समेत अन्य मोर्चों पर बड़े बदलाव किए जाने हैं. इसके साथ ही भाजपा के महत्वपूर्ण विभागों में अहम बदलाव कर नए महासचिव संगठन और नए प्रदेश अध्यक्ष बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव 2024 के लिए नई टीम बनाएंगे.

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खास बात यह है कि दोनों पुराने नेताओं सुनील बंसल और स्वतंत्र देव सिंह की झलक ज्यादा देखने को नहीं मिलेगी. ये बदलाव 15 सितंबर के बाद शुरू होंगे और 15 अक्टूबर तक जारी रहेंगे. इसके बाद क्षेत्र और जिला स्तर तक बदलाव होंगे. बीजेपी आगामी नगर निकाय चुनाव में भी पदाधिकारियों को रखने की रणनीति पर विचार करेगी.

इंडिया टुडे से बात करते हुए, यूपी बीजेपी के प्रवक्ता हीरो वाजपेयी ने कहा कि नए राज्य प्रमुख की नियुक्ति के बाद संगठन का विस्तार और परिवर्तन सामान्य हैं.

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