यादव वंश वृक्ष: देश की ताकतवर राजनीतिक फैमिली रहा मुलायम का कुनबा, फूट भी रही चर्चा में

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Mulayam Singh Yadav death news: समाजवादी पार्टी के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव का सोमवार को निधन हो गया. मुलामय अपने पीछे भरा-पूरा कुनबा छोड़ गए, जो सियासत में भी काफी सक्रिय है. भारत के कुछ ताकतवर सियासी परिवारों में यादव कुनबा भी शामिल रहा. हालांकि मुलायम सिंह यादव के जीवन में ही इस सियासी परिवार में तब फूट देखी गई जब उनके भाई शिवपाल सिंह ने अलग राह अपनाते हुए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन कर लिया. 2017 में अखिलेश से शिवपाल की राह अलग हो गई, जबकि शुरुआत में मुलायम सिंह यादव ने दोनों को एक साथ रखने की तमाम कोशिश भी की. शुरुआती विवाद में एक वक्त ऐसा भी रहा, जब मुलायम अपने भाई शिवपाल के साथ खड़े नजर आए और अखिलेश तक को पार्टी से निकाल दिया. हालांकि बाद में उनका आशीर्वाद बेटे अखिलेश को मिला.

Mulayam Singh Yadav family tree: मुलायम सिंह यादव का पारिवार बीजेपी समेत विरोधी दलों के निशाने पर रहा. पीएम मोदी, सीएम योगी समेत बीजेपी के तमाम नेताओं ने मुलायम सिंह पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए इसे यूपी का चुनावी मुद्दा बनाया. आइए आपको मुलायम सिंह की फैमिली ट्री से रुबरू कराते हैं…

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मेवाराम यादव से शुरू हुई फैमिली ट्री

मुलायम सिंह यादव के दादा जी का नाम मेवाराम यादव था. उनके दो बेटे थे. सुघर सिंह यादव और बच्चीलाल यादव. सुघर सिंह यादव बड़े थे और उनके 5 बेटे हुए. रतन सिंह यादव, मुलायम, अभयराम सिंह, राजपाल यादव और शिवपाल यादव.

रतन सिंह यादव का परिवार

रतन सिंह के एक बेटे हुए रणवीर सिंह यादव. रणवीर सिंह यादव के बेटे हुए तेज प्रताप यादव, जिनकी शादी लालू प्रसाद यादव की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी से हुई. तेज प्रसाद यादव 2014 में मैनपुरी से सांसद बने थे.

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मुलायम सिंह यादव का परिवार

मुलायम सिंह यादव की दो पत्नियां रहीं. मालती देवी और साधना गुप्ता. मालती देवी से अखिलेश यादव पैदा हुए, जो यूपी के सीएम रहे. अखिलेश की पत्नी डिंपल भी कन्नौज से सांसद रहीं. साधना गुप्ता से प्रतीक यादव के रूप में ये फैमिली ट्री आगे बढ़ी. प्रतीक की शादी अपर्णा यादव से हुई, जो बाद में बीजेपी में शामिल हो गईं. प्रतीक राजनीति में एक्टिव नहीं हैं.

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अभय राम यादव का परिवार

मुलायम के तीसरे भाई अभयराम यादव के बेटे हुए धर्मेंद्र यादव हुए, जो दो बार बदायूं से सांसद रहे. एक बार मैनपुरी से भी सांसद रहे. 2022 में आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में धर्मेंद्र को हार का सामना करना पड़ा. धर्मेंद्र यादव की जुड़वा बहन हैं संध्या यादव, जो मैनपुरी से जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं.

राजपाल यादव का परिवार

मुलायम सिंह यादव के चौथे भाई राजपाल यादव की पत्नी प्रेमलता यादव हुईं, जो राजनीति में सक्रिय रहीं. इनके बेटे अभिषेक यादव उर्फ अंशुल यादव हैं, इटावा जिला पंचायत के अध्यक्ष हैं.

शिवपाल यादव का परिवार

मुलायम के पांचवें भाई शिवपाल यादव की पत्नी सरला यादव और बेटे आदित्य यादव हैं. शिवपाल यादव ने 2017 में अलग होकर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई. शिवपाल यादव 2022 में फिर अखिलेश के साथ आए लेकिन ये साथ आज बरकरार नहीं हैं. हालांकि मुलायम सिंह के निधन के बाद शिवपाल लगातार अखिलेश के साथ देखे जा रहे हैं. शिवपाल की पत्नी सरला यादव राजनीति में सक्रिय रह चुकी हैं. 2007 में वह जिला सहकारी बैंक इटावा की राज्य प्रतिनिध बनी थीं. शिवपाल के बेटे आदित्य यादव भले पिता के साथ अपनी पार्टी में हैं, लेकिन उन्हें अखिलेश के करीब समझा जाता है. आदित्य प्रसपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं और यूपीपीसीएफ के चेयरमैन रह चुके हैं.

मुलायम सिंह यादव के चाचा बच्ची लाल यादव का परिवार

मुलायम सिंह यादव के चाचा बच्ची लाल यादव के बेटे राम गोपाल यादव हैं. राम गोपाल यादव को प्रोफेसर साहब के नाम से जाना जाता है. ये सपा के राष्ट्रीय महासचिव और राज्यसभा सांसद हैं. राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव हैं, जो 2014 में फिरोजाबाद से सांसद बने. हालांकि 2019 में वह चुनाव हार गए. राम गोपाल यादव की बहन गीता देवी के बेटे अरविंद यादव भी राजनीति में सक्रिय रहे. अरविंद यादव मैनपुरी के करहल ब्लॉक से ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं.

मुलायम सिंह के परिवार के अलावा उनके समधी हरिओम सिंह यादव समेत अन्य रिश्तेदार भी राजनीति में सक्रिय हैं. आज भले मुलायम सिंह यादव अपनी अंतिम यात्रा पर निकल गए हों, लेकिन उनके परिवार का सियासी रसूख सियासत में उनकी सफलता की एक अलग कहानी दिखाता है. अब यह देखने वाली बात होगी कि मुलायम के बाद अखिलेश यादव के नेतृत्व में यह सियासी परिवार आगे कितना एकजुट रह पाता है.

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