जन्मदिन पर मायावती बोलीं- ‘अब अकेले लड़ेंगे चुनाव’, EVM पर खड़े किए सवाल, SP-BJP पर बरसीं

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बहुजन समाज पार्टी (Bahujan Samaj Party) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) आज यानी 15 जनवरी को अपना 67वां जन्मदिन मना रही हैं. इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस वार्ता की और भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाने साधे.

बसपा नहीं करेगी गठबंधन

मायावती ने कहा, “2023 में कर्नाटक, मध्य प्रदेश समेत जहां भी विधानसभा और लोकसभा के चुनाव होने हैं,  वहां बसपा किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी. बसपा चुनाव अकेले ही लड़ेगी.” इस दौरान मायावती ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा “कांग्रेस ने बसपा से गठबंधन करने का भ्रम लोगों में अभी से फैलाना शुरू कर दिया है, लेकिन ऐसा नहीं है. खराब अनुभवों को ध्यान में रखते हुए बसपा ने आगे विधानसभा और लोकसभा चुनाव अकेले लड़ने का ही फैसला किया है.”

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बसपा सुप्रीमो ने कहा कि उतार चढ़ाव आते रहते हैं, जहां तक बसपा के बेस वोट की बात है तो वह कहीं नहीं गया है. बसपा की विचारधारा बाकी दलों से एकदम अलग है. हम जिन्हे किनारे कर देते हैं दोबारा नहीं लाते. यहां से निकाले हुए लोगों को लेकर भाजपा, सपा वाले घूमते रहते हैं.

ईवीएम पर बोलीं बड़ी बात

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इस दौरान बसपा सुप्रीमो ने ईवीएस को लेकर भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा, “देश में ईवीएम को लेकर जनता के मन में आशंकाएं हैं. इसे दूर करने के लिए बेहतर होगा की आगे के चुनाव बैलेट पेपर पर कराए जाए. बीएसपी का जनाधार कम नहीं हो रहा है, ईवीएम में कुछ गड़बड़ी है.” मायावती ने आगे कहा, “इस बार के यूपी चुनाव में लोगों ने कहा कि जिस जगह पर दलितों का वोट हैं, उन्होंने बसपा को वोट दिया. मगर जब मशीन निकली तो वोट कहीं और का निकल आया. इसलिए ईवीएम को लेकर लोगों के मन में कई आशंकाएं है.”

‘जब से EVM आई है तभी से संख्या प्रभावित हुई है’

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इस दौरान मायावती ने ईवीएम को लेकर बड़े सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा, “जबसे बीएसपी बनी है उसके बाद जब तक चुनाव बैलेट पेपर पर होते रहे तब तक बसपा का न वोट प्रतिशत काम हुआ और न ही जनाधार कम हुआ. मगर जब से ईवीएम से मतदान शुरू हुए तभी से संख्या प्रभावित होने लगी. कुछ न कुछ गड़बड़ तो जरूर है. अपने लोगों से कहूंगी कि आप सब प्रयास करें. जहां से यह ईवीएम का सिस्टम शुरू हुआ था वहां भी इसे खत्म कर दिया गया है. यह सिर्फ मशीनों का कमाल है.”

उन्होंने आगे कहा, “बसपा का रिकॉर्ड कहता है की जब भी बैलट रहा बीएसपी जीती. ईवीएम मशीन की पर्चियां मिला लें तो सब सच सामने आ जाएगा. हम जो कर सकते थे हमने किया. चुनाव आयोग से भी कहा. क्यों नहीं बैलट पेपर पर आते हैं?”

अल्पसंख्यक समाज को दिया ये संदेश

बसपा सुप्रीमो ने इस दौरान मुस्लिमों को भी अपना संदेश देने की कोशिश की. उन्होंने कहा, “देश के अल्पसंख्यक समाज के लोगों को याद दिलाना जरूरी है, अंबेडकर कहते थे हम लोगों को अपने खुद के पैरो पर खड़ा होना है. भाईचारा बनाकर रखना होगा. सत्ता की चाभी अपने हाथों में लेनी होगी.”

पसमांदा पहले मुस्लिम बाद में पसमांदा- मायावती

पसमांदा को लेकर भी मायावती ने बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समाज पहले मुस्लिम है पसमांदा बाद में है. यह भाजपा के बहकावे में नहीं आने वाला. बसपा सुप्रीमो मायावती ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, “यूपी में कानून व्यवस्था की आड़ में घिनौनी राजनीति की जा रही है. जांच एजेंसी का भी गलत उपयोग किया जा रहा है.”

आरक्षण को लेकर सपा-बसपा और कांग्रेस इमानदार नहीं- मायावती

बसपा प्रमुख ने कहा, “जातिवादी लोगों के चलते हमारे लोगों को हक नहीं मिला. आरक्षण के प्रति सभी दल फिर चाहे वह कांग्रेस, बीजेपी या सपा हो, कोई ईमानदार नहीं रही है. सपा सरकार ने एससी-एसटी का पदोन्नति में आरक्षण नहीं होने दिया और संसद में पर्चा फाड़ दिया था. बीएसपी सरकार में ही एससी-एसटी को उनका हक दिया गया.”

ये होगा मेरी जिंदगी का अहम तोहफा

इस दौरान मायावती ने अपने समर्थकों को एक भावुक संदेश भी दिया. उन्होंने कहा, “उपेक्षित वर्ग के लोगों को बसपा को सत्ता में जरूर लाना होगा. तभी बाबा साहब के दिए हुए कानूनों का लाभ मिल सकता है. यह लोग अपने आत्म-सम्मान के साथ जिंदगी जी सकते हैं.अगर यह ऐसा करते हैं तो यह मेरे लिए जन्मदिन पर सबसे अहम तोहफा होगा, इससे ज्यादा मुझे उनसे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए.”

एससी-एसटी-ओबीसी और मुस्लिम समाज के गठजोड़ पर जितेंगे चुनाव

इस दौरान बसपा प्रमुख ने कहा कि बसपा सेठों की पार्टी नहीं है. यह सेठों के धन-बल पर काम नहीं करती है. ये लोगों को समर्पित पार्टी है. एससी-एसटी-ओबीसी और मुस्लिम समाज के भाईचारे के गठजोड़ के बल पर चुनाव जीतकर हम इसे आगे बढ़ाएंगे.

इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि मेरी लिखी पुस्तक मेरे जीवन के संघर्ष और मूवमेंट को लेकर हिंदी और अंग्रेजी में है, जिसमे मेरे संघर्षों का जिक्र है. मैं आज उसका विमोचन करती हूं.

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