न राज्यसभा भेजे गए, न मिला रामपुर उपचुनाव का टिकट, क्या थम जाएगा नकवी का सियासी सफर?

कृपा शंकर झा

मिर्जा गालिब ने क्या खूब कहा था, ‘बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले.’ राजनीतिक…

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मिर्जा गालिब ने क्या खूब कहा था, ‘बड़े बेआबरू होकर तेरे कूचे से हम निकले, बहुत निकले मेरे अरमान, लेकिन फिर भी कम निकले.’ राजनीतिक गलियारों में कहा जा रहा है कि आज कल यही हालत केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी की हो गई है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है कि क्योंकि टीवी डिबेट से लेकर हर मंच पर मजबूती से अपना पक्ष रखने वाले मुख्तार अब्बास नकवी को उनकी पार्टी ने न तो राज्यसभा सदस्य बनाया है और न ही उन्हें लोकसभा उपचुनाव में टिकट दिया गया है.

हालांकि कैंडिडेट फाइनल होने से पहले ये दावा किया जा रहा था कि केंद्रीय मंत्री नकवी को रामपुर लोकसभा सीट से उपचुनाव के लिए टिकट दिया जा सकता है, लेकिन बीजेपी आलाकमान ने उनकी जगह घनश्याम लोधी को तरजीह दी और रामपुर से उन्हें मैदान में उतार दिया. बता दें कि नकवी प्रयागराज के रहने वाले हैं, लेकिन रामपुर की राजनीति में काफी एक्टिव रहे हैं.

पार्टी की ओर से राज्यसभा के लिए टिकट नहीं दिए जाने पर मुख्तार अब्बास नकवी और उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि उन्हें रामपुर लोकसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए टिकट दिया जा सकता है. मगर बीजेपी आलाकमान की ओर से उनके अरमानों पर पानी फेर दिया गया और अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि मुख्तार अब्बास नकवी को मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ सकता है.

बता दें कि रामपुर लोकसभा सीट से एसपी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने 2019 में जीत दर्ज की थी, लेकिन 2022 विधानसभा चुनाव में रामपुर से जीत दर्ज करने के बाद उन्होंने लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसी के चलते रामपुर सीट खाली हो गई है और इस सीट पर उपचुनाव कराया जा रहा है. यहां पर 23 जून को वोटिंग कराई जाएगी और 26 जून को रिजल्ट आएगा.

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