मैनपुरी उपचुनाव: सपा का तिलिस्म तोड़ देगी BJP? OBC वोट, उम्मीदवार को लेकर बनाया ये प्लान

अभिषेक मिश्रा

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मैनपुरी लोकसभा सीट पर उपचुनावों का ऐलान किया जा चुका है. 5 दिसंबर को यहां वोटिंग होनी है और अब एक महीने का वक्त भी नहीं रह गया है. सभी राजनीतिक दल अब उपचुनाव के लिए उम्मीदवार की तलाश में जुटे हुए हैं. हालांकि माना यही जा रहा है कि इस सीट पर असल मुकाबला समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही है. इसलिए सभी की निगाहें इन्हीं दोनों पार्टियों की ओर हैं कि आखिर इनके उम्मीदवारों का ऐलान कब होगा. एक तरफ सैफई में सपा का वार्ताओं का दौर चल रहा है, तो दूसरी तरफ बीजेपी भी इस बार मैनपुरी से यादव परिवार का तिलिस्म तोड़ने की जुगत भिड़ा रही है. ऐसी उम्मीद है कि दोनों दल जल्द ही अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर देंगे.

मैनपुरी सीट हमेशा से सपा का गढ़ मानी जाती रही है. हालांकि बीजेपी भी इस बार गढ़ को ध्वस्त करने की रूपरेखा तय कर रही है. इस सीट के बारे में जिले से रिपोर्ट बनाकर बीजेपी की टॉप लीडरशिप को भेजी जा चुकी है. इसी आधार पर बीजेपी अपना उम्मीदवार तय करेगी. ऐसा माना जा रहा है कि मैनपुरी उपचुनाव में बीजेपी अपना दांव ओबीसी वोटों पर लगाने का मन बना रही है. समाजवादी पार्टी की तरफ से पूर्व सांसद तेज प्रताप यादव संभावित उम्मीदवारों की रेस में सबसे आगे चल रहे हैं.

शिवपाल यादव का भी है एक फैक्टर

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वहीं, बीजेपी की बात करें तो यहां संभावित उम्मीदवारों की लिस्ट जरा लंबी है. इसमें पूर्व सांसद रघुराज सिंह शाक्य, के अलावा विधायक पटिलायाली ममतेश शाक्य के नाम की चर्चा है. इसके अलावा पूर्व उम्मीदवार तृप्ति शाक्य और प्रेम सिंह शाक्य जैसे नाम भी शामिल हैं. बीजेपी जिलाध्यक्ष प्रदीप सिंह चौहान, मंत्री जयवीर सिंह और राहुल राठौर जैसे नामों की भी चर्चा जोरशोर से हो रही है. मैनपुरी उपचुनाव में शिवपाल यादव भी एक बड़ा फैक्टर हैं. हालांकि शिवपाल यादव यह बयान दे चुके हैं कि ऐसी सोच काल्पनिक है कि वह मैनपुरी उपचुनाव लड़ें और बीजेपी उन्हें समर्थन दे. शिवपाल एक कार्यक्रम के सिलसिले में गोरखपुर में थे. उन्होंने इतना जरूर कहा कि मैनपुरी का उपचुनाव प्रदेश और देश की दशा-दिशा तय करेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी और उनकी पार्टी का रुख जल्द ही तय हो जाएगा.

शिवपाल यादव ने अखिलेश यादव के आसपास मौजूद लोगों पर तंज भी कसा और उन्हें गलत सुझाव देने का आरोप लगाया है. शिवपाल ने अखिलेश यादव के साथ के लोगों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके साथ चापलूसी करने वाले और गलत राय देने वाले लोग हैं, इनसे दूरियां बनाना पड़ेगा. जो परिवार को साथ में नहीं रख सकते, अच्छे लोगों को साथ नहीं रख सकते, वह कभी सफल नहीं हो सकते हैं. शिवपाल ने नसीहत देते हुए कहा कि बड़े नेताओं को समझदारी से काम लेना चाहिए. समाज में जिनका एक अच्छा प्रभाव और पकड़ है, उन्हें पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए.

यूपी तक से बात करते हुए बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि उनकी पार्टी हर चुनाव पूरी ताकत से लड़ती है और मैनपुरी की सीट उनके लिए अहम है. उन्होंने कहा कि पार्टी की टॉप लीडरशिप जल्द ही उम्मीदवार का ऐलान करेगी और हम सपा को कोई वॉकओवर नहीं देने जा रहे हैं. राकेश त्रिपाठी ने आगे कहा कि मैनपुरी ने हमें पिछले विधानसभा चुनावों में पहले से 2 विधायक दे रखे हैं. उन्होंने आगे जोड़ा कि मैनपुरी के लोग अच्छा नेता चाहते हैं और परिवार से नेता चुनने के मूड में नहीं हैं. वहीं दूसरी तरफ सपा के प्रवक्ता फखरुल हसन चंग ने कहा कि मैनपुरी की सीट उनके पार्टी और परिवार के लिए इज्जत का सवाल है और पार्टी अध्यक्ष जल्द ही इसपर फैसला लेंगे. उन्होंने कहा कि नेताजी मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में हमेशा मैनपुरी का फायदा हुआ है. अब अखिलेश यादव इस परंपरा को आगे लेकर जाएंगे. उन्होंने कहा कि मैनपुरी में बीजेपी की तरफ से सपा को कोई चुनौती नहीं है. सपा प्रवक्ता ने दावा किया कि कोई भी उम्मीदवार हो उसे जनसमर्थन मिलेगाा और सपा को लैंडस्लाइड जीत मिलेगी. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने गोला गोकर्णनाथ उपचुनाव में राज्य की मशीनरी का इस्तेमाल किया लेकिन इस बार मैनपुरी की जनता उन्हें जवाब देगी.

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इसी तरह कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि विपक्ष मैनपुरी उपचुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा और बीजेपी के लिए यहां राह आसान नहीं होगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी का ध्यान सिर्फ चुनाव जीतने पर है. महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी और अराजकता जैसे मुद्दे उशके एजेंडे में नहीं हैं. उन्होंने दावा किया कि मैनपुरी उपचुनाव में कांग्रेस विपक्ष का पूरा समर्थन करेगी.

आपको बता दें कि मुलायम सिंह यादव 2004 से लेकर 2019 तक लगातार मैनपुरी से चुनाव जीतते रहे. 2014 में मोदी लहर में भी सपा का यह किला सुरक्षित रहा. यहां तक कि 2014 में जब मुलायम सिंह यादव ने यह सीट छोड़ी तो उपचुनाव में तेज प्रताप यादव को ही जीत मिली. 10 अक्टूबर को समाजवादी क्षत्रप मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी सीट खाली हो गई है. चुनाव आयोग ने यहां 5 दिसंबर को उपचुनाव के लिए वोटिंग का ऐलान किया है. चुनावी नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे.

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