विष्णु जैन ने बोला 'मंदिर के अवशेष पर बनी थी ज्ञानवापी' तो भड़के ओवैसी, ASI को सुनाई खरी-खोटी

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ओवैसी पर gyanvapi ने निशाना साधा
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Varanasi News: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले की ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा एक बड़ा अपडेट गुरुवार रात सामने आया, जिससे सनसनी मच गई. दरअसल,  हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने ASI सर्वे के हवाले से कई बड़े दावे किए. विष्णु शंकर जैन ने ASI की रिपोर्ट से संकेत मिला है कि ज्ञानवापी मस्जिद वहां पहले से मौजूद एक पुराने मंदिर के अवशेषों पर बनाई गई थी. वहीं, विष्णु शंकर जैन के इस दावे के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हमला बोल दिया. उन्होंने विवादित बयान देते हुए कहा कि 'ASI हिंदुत्व की दासी है.'

ओवैसी ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "यह (रिपोर्ट) पेशेवर पुरातत्वविदों या इतिहासकारों के किसी भी समूह के सामने अकादमिक जांच में टिक नहीं पाएगी. रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है और वैज्ञानिक अध्ययन का मजाक उड़ाती है. जैसा कि एक महान विद्वान ने एक बार कहा था ;एएसआई हिंदुत्व की दासी है.'

 

 

जैन ने क्या क्या बताया?

जैन ने बताया कि ASI की 839 पन्नों वाली सर्वेक्षण रिपोर्ट की प्रतियां गुरुवार देर शाम अदालत द्वारा संबंधित पक्षों को उपलब्ध करा दी गईं. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से स्पष्ट है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित मस्जिद 17वीं शताब्दी में औरंगजेब के शासनकाल के दौरान एक भव्य हिंदू मंदिर को ध्वस्त किए जाने के बाद उसके अवशेषों पर बनाई गई थी.

तहखानों में क्या मिला?

जैन ने यह भी दावा किया कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में मंदिर के अस्तित्व के पर्याप्त सबूत मिलने की बात कही गई है, जिस पर मस्जिद का निर्माण किया गया था. उन्होंने दावा किया कि सर्वेक्षण के दौरान दो तहखानों में हिंदू देवताओं की मूर्तियों के अवशेष पाए गए हैं.  जैन ने दावा किया कि ज्ञानवापी मस्जिद के निर्माण में स्तंभों सहित पहले से मौजूद मंदिर के कुछ हिस्सों का इस्तेमाल किया गया था. उन्होंने दावा किया कि मंदिर को तोड़ने का आदेश और तारीख पत्थर पर फारसी भाषा में अंकित है. उन्होंने कहा कि ‘महामुक्ति’ लिखा हुआ एक पत्थर भी मिला है.

 

 

मस्जिद के पीछे की पश्चिमी दीवार एक मंदिर की दीवार है: जैन

जैन ने कहा कि मस्जिद के पीछे की पश्चिमी दीवार एक मंदिर की दीवार है. उन्होंने कहा कि उस दीवार पर घण्टा, वल्लरी (लताओं का उकेरा गया चित्र) और स्वास्तिक का चिह्न मिला है. दीवार पर पत्थरों पर उकेरा गया ब्रह्म कमल का तोरण द्वार बना हुआ है.

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'अब हम वजू खाने के सर्वेक्षण की मांग करेंगे'

जैन ने कहा कि सर्वेक्षण रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्ञानवापी परिसर में स्थित तहखाने की छत जिन खम्भों पर टिकी है वे सब नागर शैली के मंदिर के स्तंभ हैं. उन्होंने कहा कि इन साक्ष्यों से यह प्रतीत होता है कि 17वीं शताब्दी में औरंगजेब द्वारा जब आदि विशेश्वर का मंदिर तोड़ा गया था तो उसके पूर्व उक्त स्थान पर विशाल मंदिर ही था. जैन ने कहा कि अब हम वजू खाने के सर्वेक्षण की मांग अदालत के समक्ष करेंगे.


 

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