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काशी के ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया किस दिन भारत ले सकता है पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा एक्शन

रोशन जायसवाल

जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुआ आतंकवादी हमला न केवल भारत के लिए एक त्रासदी था, बल्कि इसने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को भी चरम पर पहुंचा दिया.

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जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुआ आतंकवादी हमला न केवल भारत के लिए एक त्रासदी था, बल्कि इसने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को भी चरम पर पहुंचा दिया. इस क्रूर हमले में 26 निर्दोष लोगों, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे, की बर्बर हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. इस घटना के बाद भारत सरकार ने सख्त कदम उठाए, जिससे दोनों देश युद्ध के मुहाने पर खड़े दिखाई दे रहे हैं.लेकिन क्या वाकई युद्ध की स्थिति बन रही है? काशी के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश मिश्रा ने भारत और पाकिस्तान की कुंडलियों का गहन अध्ययन कर इस सवाल का जवाब तलाशने की कोशिश की है.

काशी के ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि वर्तमान समय में भारत और पाकिस्तान दोनों की कुंडलियों में चंद्रमा की महादशा चल रही है. भारत की कुंडली में चंद्रमा की महादशा के साथ सूर्य का अंतर है, जो शस्त्र और शक्ति का कारक है. चंद्रमा (नरम) और सूर्य (गरम) के इस संयोजन से अनिर्णय की स्थिति बनी हुई है. फिलहाल कोई सैन्य कार्रवाई की संभावना नहीं दिख. दूसरी ओर, पाकिस्तान की कुंडली में चतुर्ग्रही योग है, जो इसकी अस्थिरता और पड़ोसी देशों द्वारा उपयोग किए जाने की प्रवृत्ति को दर्शाता है. यह योग पाकिस्तान को बार-बार भारत के खिलाफ खुराफात करने के लिए प्रेरित करता है.  

वेद प्रकाश मिश्रा बताते हैं कि 1947 में देश के विभाजन के समय भारत की कुंडली में पंचग्रही योग बना था. यह योग भारत को धीरे-धीरे सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने में सहायक रहा. पराक्रम योग के कारण भारत पड़ोसी देशों की ओर से उत्पन्न होने वाली असामान्य परिस्थितियों को झेलने में सक्षम रहा है. वृष लग्न और कर्क राशि का चंद्रमा भारत को स्थिरता प्रदान करता है, हालांकि चंद्रमा की अस्थिर प्रकृति कभी-कभी चुनौतियां भी लाती है. यह कुंडली भारत की सैन्य और कूटनीतिक शक्ति को मजबूत दर्शाती है, जो वर्तमान तनाव में भी संतुलित प्रतिक्रिया देने में सक्षम है.

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उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन्म कुंडली में वृश्चिक राशि और लग्न है, जिसमें मंगल और राहु की युति उन्हें निडर और शत्रुहंता बनाती है. मंगल की उपस्थिति उन्हें बाहुबली की तरह साहसी बनाती है, जो विश्व स्तर पर निडरता से भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनकी कुंडली में बुध ग्रह भारत की सैन्य शक्ति को नवमांश में प्रबल दर्शाता है. हालांकि, राहु के प्रभाव से वे चिंतातुर रहते हैं, जो उनकी निर्णय प्रक्रिया में सावधानी को दर्शाता है. यह कुंडली वर्तमान संकट में उनके संतुलित और दृढ़ नेतृत्व को रेखांकित करती है.

ज्योतिषाचार्य मिश्रा के अनुसार, वर्तमान में युद्ध की संभावना कम है. 15 मई तक केवल कूटनीतिक वार्ता और रणनीतिक चालें ही प्रभावी रहेंगी. हालांकि, 9-10 जून 2025 के आसपास मंगल और राहु की युति कुछ असामान्य परिस्थितियां पैदा कर सकती है. इस संवत्सर में सूर्य राजा और मंत्री दोनों हैं, और मंगल का रक्तवर्ण स्वभाव विशेष परिस्थितियां उत्पन्न कर सकता है. सूर्य, मंगल, और राहु का संयोजन तनाव को बढ़ा सकता है, लेकिन ग्रहण की स्थिति मानवता के लिए लाभकारी नहीं होगी. इस अवधि में सतर्कता जरूरी है. 

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