ज्ञानवापी में व्यासजी के तहखाने में किस तरह हुई पूजा? आधी रात को क्या हुआ अंदर सब देखिए

रोशन जायसवाल

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Gyanvapi Vyasji Tahkhana Update: वाराणसी की जिला अदालत ने बुधवार को एक ऐसा फैसला सुनाया जो इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया. बता दें कि जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा का अधिकार दिया. अदालत के इस आदेश के चंद घंटों बाद बुधवार देर रात तहखाने को खोलकर उसमें पूजा की गई. मगर इस बीच लोगों की उत्सुकता इस बात को जानने में है कि व्यास जी के तहखाने में किस तरह से पूजा की गई. आइए आपको इस बात की जानकारी आगे खबर में विस्तार से देते हैं.

कल देर रात क्या-क्या हुआ?

बीती देर रात लगभग 12 बजे पंचगव्य से पूरे व्यास तहखाना की शुद्धि की गई. इसके बाद षोडशोपचार पूजन हुआ, जिसके तहत गंगाजल से मूर्तियों का शुद्धिकरण हुआ और पंचगव्य से स्नान कराया गया. फिर देवता महागणपति का आह्वान किया गया और सभी विग्रह को चंदन, पुष्प, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य चढ़ाया गया. इसके बाद आरती की गई. मिली जानकारी के अनुसार, व्यास तहखाने में लगभग आधे घंटे तक पूजन हुआ.

व्यास जी के तहखाने में किन मूर्तियों का पूजन हुआ?

मिली जानकारी के अनुसार, व्यास जी के तहखाने में 2-3 शिवलिंग, हनुमान, गणेश की प्रतिमा की पूजा हुई. साथ ही एक देवी मूर्ति की भी पूजा हुई.  कुल मिलकर 5-6 विग्रह का पूजन हुआ.

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कोर्ट के इस फैसले पर हिंदू और मुस्लिम पक्ष ने क्या कहा?

 हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव के मुताबिक, जिला न्यायाधीश अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने तहखाने में पूजा पाठ करने का अधिकार व्यास जी के नाती शैलेन्द्र पाठक को दे दिया है. उन्होंने दावा किया कि इस तहखाने में वर्ष 1993 तक पूजा-अर्चना होती थी मगर उसी साल तत्कालीन मुलायम सिंह यादव सरकार ने इसे बंद करा दिया था.

वहीं,  मुस्लिम पक्ष ने जिला अदालत के इस निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की बात कही है. मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा, "आज जिला न्यायाधीश ने हिंदुओं को पूजा करने का अधिकार देकर अपना अंतिम फैसला दे दिया है. अब हम इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे."

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