गैंगरेप के वक्त इंस्टाग्राम चैट्स पर कैसे एक्टिव थी लड़की? बनारस का पूरा केस न पलट दें ये नए आरोप

रोशन जायसवाल

Varanasi Crime News: वाराणसी में युवती के कथित गैंगरेप केस की जांच अब SIT करेगी. वायरल वीडियो और इंस्टाग्राम चैटिंग से उठे नए सवाल. पीड़िता की सोशल मीडिया एक्टिविटी और मेडिकल रिपोर्ट ने केस को उलझा दिया.

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Varanasi Crime News: वाराणसी में एक हफ्ते तक एक युवती के साथ 23 लड़कों द्वारा कथित गैंगरेप मामले में एक नया मोड़ सामने आया है. वाराणसी पुलिस कमिश्नर ने न केवल इस केस की जांच के लिए SIT का गठन किया है, बल्कि अगली किसी भी गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी है. इतना ही नहीं अगर गैंगरेप के आरोप गलत पाए जाते हैं, तो उल्टा युवती पर ही कार्रवाई की बात सामने आई है. 

पुलिस के इस एक्शन के पीछे कारण ये है कि आज यानी गुरुवार को पुलिस कमिश्नर के आफिस पहुंचकर दर्जनों की संख्या में आरोपियों के परिजनों ने न केवल गुहार लगाई, बल्कि युवती की संदिग्ध गतिविधि के वीडियो-फोटो भी उपलब्ध कराए. वीडियो उसी घटनाक्रम की अवधि के दौरान के बताए जा रहे हैं, जिसमें वे आरोपी युवकों के साथ घूमते-फिरते नजर आ रही है. दावा है कि युवती ने इंस्टाग्राम पर आरोपी युवकों से चैट करके मिलने की बात कही थी. मालूम हो कि पीएम मोदी ने भी वाराणसी में अपने 50वें दौरे के दौरान आलाधिकारियों से एयरपोर्ट पहुंचते ही इस मामले का संज्ञान लेते हुए कड़े निर्देश दिए थे. 

क्या है मामला?

वाराणसी में युवती के साथ एक सप्ताह तक गैंगरेप के आरोपों के मामले में अब कई नए तथ्य सामने आए हैं, जिनके चलते केस में गंभीर सवाल उठने लगे हैं. यह मामला तब चर्चा में आया जब 29 मार्च से 4 अप्रैल तक युवती के साथ कथित गैंगरेप की शिकायत उसकी मां ने लालपुर-पांडेयपुर थाने में दर्ज कराई थी. एफआईआर में दावा किया गया था कि युवती को कई दिनों तक अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया और वह बदहवास हालत में थी. 

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मगर अब सामने आए वीडियो और इंस्टाग्राम चैट्स ने इस पूरे मामले की दिशा ही बदल दी है. कथित घटना के तीसरे दिन यानी 31 मार्च का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें युवती एक रेस्टोरेंट के पास तीन युवकों के साथ नजर आ रही है. वीडियो में दिख रहे युवकों की पहचान सोहेल, आयुष और दानिश के रूप में की गई है. दावा है कि इस वीडियो को चौथा युवक शाहिद रिकॉर्ड कर रहा था, जो इस मामले में आरोपी है. इस वीडियो में युवती सामान्य स्थिति में नजर आ रही है, जिससे एफआईआर में लगाए गए आरोपों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. 

इंस्टाग्राम पर चैटिंग और फोटो अपलोड!

मामले की जांच में यह भी सामने आया है कि युवती 29 मार्च से 4 अप्रैल के बीच अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से सक्रिय थी. दावा है कि वह कॉन्टिनेंटल कैफे में काम करने वाले एक अन्य आरोपी जाहिद से इंस्टाग्राम पर चैट कर रही थी. चैट में युवती ने कथित तौर पर खुद मिलने की बात कही है. इतना ही नहीं, युवती ने 2 अप्रैल को अपनी तस्वीर भी इंस्टाग्राम पर अपलोड की थी और अन्य वीडियो-फोटो भी इसी अवधि में पोस्ट किए गए हैं. 

इन सब बातों के आधार पर आरोपियों के परिजनों ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की, जिसके बाद उन्होंने पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष जांच टीम (SIT) का गठन किया और अन्य गिरफ्तारी पर रिपोर्ट आने तक रोक लगा दी है. SIT में एक DCP, एक महिला IPS अधिकारी, एक ACP, सर्विलांस टीम, SOG और एक अनुभवी जांच अधिकारी शामिल किए गए हैं. जांच टीम उन तमाम बिंदुओं की पड़ताल करेगी जिन्हें लेकर परिजनों ने आपत्ति जताई है. 

कई और सवालों की जांच होगी

परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि युवती घटना के दौरान लगभग 7-8 बार अकेली थी और चाहती तो अपने घर जा सकती थी या फिर पुलिस की मदद ले सकती थी. आरोप यह भी है कि युवती ने कुछ आरोपियों से पैसे लेकर उनके नाम एफआईआर में नहीं डाले और कुछ से पैसों की मांग भी की गई थी. इस सिलसिले में पुलिस यह भी जांच करेगी कि कहीं यह मामला जबरन वसूली (extortion) या ब्लैकमेलिंग रैकेट का हिस्सा तो नहीं है? अगर इस बात की पुष्टि होती है, तो युवती उसके परिजन या जो भी व्यक्ति इसमें शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

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मेडिकल रिपोर्ट और जांच का समय

लड़की की मेडिकल रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि उसे कोई बाहरी चोट नहीं आई है और वह मानसिक व शारीरिक रूप से सामान्य है. SIT को पूरे मामले की जांच के लिए एक महीने का समय दिया गया है. पुलिस कमिश्नर ने यह भी कहा कि अगर किसी निर्दोष व्यक्ति को जेल भेजा गया है तो उसे इंसाफ दिलाया जाएगा और कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जाएगी.

अभी तक की गिरफ्तारी

इस मामले में अब तक 12 ज्ञात और 11 अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. युवती की पहचान के आधार पर अज्ञात में से दो को गिरफ्तार किया गया है, जबकि बाकी 9 अभी फरार हैं. आरोपियों के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि उन्हें डरा-धमकाकर ‘वरूली’ की मांग की जा रही है. इसी वजह से पुलिस ने स्पष्ट किया है कि SIT की रिपोर्ट आने तक कोई भी गिरफ्तारी नहीं की जाएगी जब तक पर्याप्त सबूत न हों. 


 

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