ज्ञानवापी: मस्जिद में पूजा की मांग वाली याचिका की सुनवाई अब फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी
वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने और पूजा की मांग पर इजाजत वाली याचिका फास्ट ट्रैक कोर्ट को ट्रांसफर कर दी गई है. फास्ट…
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वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद हिंदुओं को सौंपने और पूजा की मांग पर इजाजत वाली याचिका फास्ट ट्रैक कोर्ट को ट्रांसफर कर दी गई है. फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) महेंद्र पांडे सुनेंगे. अब इसपर आगामी 30 मई को सुनवाई होगी.
सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर की अदालत में मंगलवार को इन मांगों को लेकर वाद दाखिल किया गया था. बता दें कि भगवान आदि विश्वेश्वर विराजमान के लिए दाखिल यह मुकदमा विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी और विश्व वैदिक सनातन संघ की अंतरराष्ट्रीय महामंत्री किरण सिंह की ओर से दाखिल किया गया था.
दाखिल किए गए इस नए वाद में ज्ञानवापी परिसर हिंदू पक्ष को सौंपने और वादीगण को ज्ञानवापी में तत्काल प्रभाव से पूजा-पाठ, राग-भोग दर्शन की मांग की गई है.
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वहीं, दूसरी तरफ शृंगार गौरी-ज्ञानवापी मामले को लेकर 26 मई को जिला जज अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में सुनवाई होगी. शासकीय अधिवक्ता राणा संजीव सिंह ने बताया कि यह मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी. इसके अलावा, जिला जज ने आयोग की ओर से दाखिल की गई सर्वे रिपोर्ट पर हिंदू और मुस्लिम पक्षों से 7 दिन के भीतर आपत्ति मांगी है.
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय ने पिछले शुक्रवार को ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर मामले को सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत से जिला जज के न्यायालय में स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे. उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि मामले की संवेदनशीलता और जटिलता को देखते हुए यह बेहतर है कि कोई अनुभवी न्यायिक अधिकारी इस मामले की सुनवाई करे.
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बता दें कि वाराणसी के सिविल जज सीनियर डिविजन रवि कुमार दिवाकर ने राखी सिंह तथा अन्य की याचिका पर ज्ञानवापी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया था। सर्वेक्षण का यह काम पिछली 16 मई को पूरा हुआ था, जिसके बाद इसकी रिपोर्ट अदालत को सौंप दी गई थी।
हिंदू पक्ष ने ज्ञानवापी मस्जिद के वजू खाने के अंदर शिवलिंग मिलने का दावा किया था. इसी बीच उच्चतम न्यायालय में मुस्लिम पक्ष द्वारा दायर याचिका की सुनवाई की गई. मुस्लिम पक्ष की दलील थी कि ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कराया जाना उपासना स्थल अधिनियम 1991 का उल्लंघन है. हालांकि हिंदू पक्ष का दावा है कि सर्वेक्षण के दौरान परिसर के अंदर हिंदू धार्मिक चिह्न तथा अन्य चीजें मिली हैं.
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