Raksha Bandhan 22: इस बार बढ़ी वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी राखी की मांग, जानें क्यों है खास
इस बार के रक्षा बंधन पर्व पर वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी (Gulabi Meenakari) की हैंड मेड-स्वदेशी राखियों का बाजार कई गुना बढ़ गया है. सिर्फ…
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इस बार के रक्षा बंधन पर्व पर वाराणसी की गुलाबी मीनाकारी (Gulabi Meenakari) की हैंड मेड-स्वदेशी राखियों का बाजार कई गुना बढ़ गया है. सिर्फ घरेलू बाजार में ही नहीं विदेशों में भी गुलाबी मीनाकारी की रखियां एक्सपोर्ट् की गई हैं. कोविड के संकटकाल के बाद भी गुलाबी मीनाकारी से बने हस्तशिल्प की मांग बढ़ी ही थी, पर रक्षा बंधन के पर्व ने इसके बाजार को और बढ़ा दिया है. खास बात ये है कि चाइनीज राखियों के मुकाबले गुलाबी मीनाकारी की राखियां देश विदेश में पसंद की जा रही हैं.
विदेशों में बढ़ी मांग
पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के GI टैग्ड हस्तशिल्प में गुलाबी मीनाकारी शामिल है. इससे बनने वाले हस्तशिल्प को अब दुनिया भर में पहचान मिल चुकी है. पर रक्षा बंधन जैसे पर्व पर चाइनीज राखियों का बाजार बड़ा था. इस बार इसके मुकाबले हैंड मेड (hand made) राखियों को लोग पसंद कर रहे हैं. ये रखियां इस बार न सिर्फ देश भर के बाजारों में पहुंच चुकी हैं बल्कि विदेशों में भी बड़ी संख्या में एक्सपोर्ट् की गई हैं. इससे बनारस के गुलाबी मीनाकारी के हस्त शिल्पियों को लाभ हुआ है.
गुलाबी मीनाकारी के राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हस्तशिल्पी कुंज बिहारी के अनुसार, ‘पहले सिर्फ वो लोग इन राखियों की मांग करते थे जिनको गुलाबी मीनाकारी की वैल्यू पता थी, लेकिन इस बार गुलाबी मीनाकारी की राखी की मांग घरेलू और विदेशी मार्केट में बहुत ज्यादा बढ़ गई है. रक्षा बंधन के मौके पर अमेरिका और यूरोप के कई देशों से ऑनलाइन ऑर्डर आए. लोग इन खूबसूरत राखियों से ही अपना पर्व मनाना चाहते हैं.’ कुंज बिहारी बताते हैं कि घरेलू बाजार से ही उनको 10 लाख रुपये से ज्यादा का ऑर्डर मिला है.
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महिला कारीगरों को मिला रोज़गार
गुलाबी मीनाकारी बनारस का खास हस्तशिल्प है. ज्यादातर ये काम महिलाएं करती हैं. चांदी पर हाथ से उकेर कर बहुत बारीक काम होने की वजह से इससे गहने और हस्तशिल्प बनते हैं. अब से तीन साल पहले तक गुलाबी मीनाकारी की रखियां बहुत कम और सिर्फ व्यक्तिगत ऑर्डर पर ही बनती थीं. मगर इस बार इसका बाजार बहुत बढ़ गया है. इसकी वजह ये है कि गुलाबी मीनाकारी को अब बहुत ज्यादा लोग पसंद कर रहे हैं. बनारस में 500 से ज्यादा महिला कारीगरों को गुलाबी मीनाकारी से रोजगार मिला है.
पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को दिया था गुलाबी मीनाकारी के कफ लिंक्स का तोहफा
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यूं तो गुलाबी मीनाकारी बनारस का GI टैग्ड हस्तशिल्प है. पर इस खूबसूरत हस्तशिल्प को जानने का मौका दुनिया भर के लोगों को अभी हाल ही में मिला था, जब G-7 समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र की इस अनूठी कारीगरी ने बने कफ लिंक्स (cuff links) का तोहफा अमेरिकी राष्ट्रपति Joe Biden को दिया था. यही नहीं उसी कफ लिंक्स से मैच करते हुए गुलाबी मीनाकारी का ब्रूच (Brooch) भी यूएस की फर्स्ट लेडी के लिए दिया था. बनारस के कारीगरों और हस्तशिल्पियों का कहना है कि इसके बाद गुलाबी मीनाकारी का बाजार और बढ़ा और विदेशों से भी इस तरह के हस्तशिल्प की मांग आने लगी.
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यूपी सरकार ने भी इसके बाजार के लिए हाल ही के समय में कई कदम उठाए हैं. इस बार गुलाबी मीनाकारी की राखियों के बाजार तक पहुंचाने की वजह से चाइनीज राखियों के मुकाबले ये हैंड मेड रखियां स्वदेशी (Swadeshi) की दृष्टि से भी ट्रेंड में हैं.
क्यों ख़ास है गुलाबी मीनाकारी की राखी
गुलाबी मीनाकारी की राखी हैंड मेड होती है. यानी घंटों की मेहनत के बाद इसको हाथ से कारीगर बनाते हैं. गुलाबी मीनाकारी की राखी इसके अन्य प्रॉडक्ट्स की तरह ही चांदी पर बनाई जाती है. चांदी को शुभ धातु माना गया है. खास बात ये है कि रक्षाबंधन पर राखी बांधने के बाद इसे लॉकेट (पेन्डेन्ट) की तरह भी पहना जा सकता है. ये बहुत हल्के और स्टाइलिश होने की वजह से लोग इसको पसंद कर रहे हैं.
चांदी में बनी इन राखियों की कीमत 300 रुपए से 1500 रुपए तक है. भाई की कलाई पर गुलाबी मीनाकारी की राखी और उसी से मैच करता हुआ बहन का पेंडेंट और भीइयररिंग्स इस बार कई लोगों ने लिया है. वाराणसी के संयुक्त आयुक्त(उद्योग) उमेश सिंह ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी के सीएम योगी द्वारा मेहमानों को वाराणसी के हस्तशिल्प उपहार के रूप में देने से इसकी मांग बढ़ी है.
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