वाराणसी आएं तो इन 5 जगहों को घूमना मिस न करें, यहां काशी विश्वनाथ से लेकर गंगा आरती सब कुछ है

रोशन जायसवाल

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

Top 5 Places to Visit Varanasi: यूं तो काशी को दुनिया का सबसे पुराना कहा जाता है. काशी का 5 हजार साल पुराना लिखित इतिहास भी पता चलता है और काशी को अविनाशी भी कहते हैं. यानी काशी का विनाश नहीं हो सकता, क्योंकि मान्यता है कि काशी भगवान भोले के त्रिशूल पर बसी है. इन धार्मिक मान्यताओं के इतर काशी यानी वाराणसी, काशी या बनारस के बारे में प्रसिद्ध अमेरिकी लेखक मार्क ट्वेन लिखते हैं, “बनारस इतिहास से भी पुरातन है, परंपराओं से पुराना है, किंवदंतियों से भी प्राचीन है और जब इन सबको एकत्र कर दें, तो उस संग्रह से भी दोगुना प्राचीन है.” वाराणसी उत्तर प्रदेश का एक ऐसा शहर है, जहां हर साल लाखों की तादाद में सैलानी घूमने आते हैं. आइए आज हम आपको बताते हैं कि अगर आप वाराणसी घुमने आ रहे हैं, तो इन टॉप 5 जगहों को घूमना मिस न करें. खबर में आगे जानिए आप किन जगहों को घूम कर वाराणसी में एन्जॉय कर सकते हैं.

वाराणसी में इन 5 जगहों को घूमना न मिस करें

  • वाराणसी आने पर आप जिन पांच जगहों को घूमना मिस नहीं करना चाहेंगे उनमें सबसे ऊपर विश्वनाथ धाम या विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का नाम है. 13 दिसंबर 2022 को पीएम नरेंद्र मोदी ने देश की जनता को अपना यह ड्रीम प्रोजेक्ट समर्पित किया था. तंग गलियों और संकरे रास्तों से इतर अब गंग द्वार से सीधे गंगाजल लेकर भक्त बाबा विश्वनाथ को अर्पित कर सकते हैं.

 

  • दूसरी सबसे अहम जगह है, वाराणसी के गंगा घाट. अर्धचंद्राकार गंगा तट पर 84 पक्के घाट हैं, जो एक को दूसरे से पक्के घाटों से जोड़ता है. इन घाटों के किनारे आपको अलग-अलग स्टेट के शासकों के निर्माण और आर्किटेक्ट देखने को मिल जाएंगे और प्राचीन मंदिर और मठ भी दिखाई पड़ेंगे.

 

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

  • वाराणसी में तीसरी सबसे खूबसूरत घूमने लायक जगह शाम की गंगा आरती है. वाराणसी के दशाश्वमेध गंगा घाट किनारे पिछले कई दशकों से संध्या की गंगा आरती विशाल रूप ले चुकी है और इसमें न केवल देश की जानी मानी हस्तियों ने, बल्कि विदेशी नामचीन मेहमानों ने भी हिस्सा लिया है.

 

  • वाराणसी में भगवान बुद्ध की उपदेश स्थली यानी सारनाथ के लिए भी जानी जाती है. यहीं सारनाथ में भगवान बुद्ध ने अपने शिष्यों को उपदेश दिया था, जिसके बाद वे दुनिया में बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए निकल पड़े थे. बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए सारनाथ बहुत ही पवित्र स्थान रखता है.

 

ADVERTISEMENT

  • वाराणसी पांचवी घूमने वाली जगह रामनगर किला है. रामनगर किले का निर्माण काशी नरेश राजा बलवंत सिंह ने चुनार के बलुआ पत्थर से 18वीं शताब्दी में कराया था. किले में मुगल स्थापत्य शैली में नक्काशीदार छज्जों, खुले प्रांगण और सुरम्य गुंबददार मंडपों से सुसज्जित है. रामनगर किला और इसका संग्रहालय अब भी बनारस के राजाओं की ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करके रखा हुआ है.

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT