नोएडा: ओमेक्स सोसायटी में अब नहीं चलेगा बुलडोजर, हाईकोर्ट ने फ्लैट मालिकों को दी ये राहत
श्रीकांत त्यागी के मामले के बाद चर्चा में आई नोएडा की ओमेक्स सोसायटी के फ्लैट मालिकों को हाईकोर्ट से राहत मिली है. इलहाबाद हाईकोर्ट ने…
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श्रीकांत त्यागी के मामले के बाद चर्चा में आई नोएडा की ओमेक्स सोसायटी के फ्लैट मालिकों को हाईकोर्ट से राहत मिली है. इलहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी के ध्वस्तीकरण के आदेश पर लगे स्टे को आगे बढ़ा दिया है. अब मामले की अगली सुनवाई 1 नवबंर को होगी. गुरूवार को इलहाबाद हाईकोर्ट में ओमेक्स सोसायटी में नोएडा अथॉरिटी के ध्वस्तीकरण मामले में सुनवाई हुई.
बता दें कि गुरुवार को हुई सुनवाई में यूपी सरकार और नोएडा अथॉरिटी ने कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया है. अदालत ने याचिकाकर्ता फ्लैट ओनर्स को इस जवाब का री जवाइंडर यानी प्रति शपथ पत्र दाखिल करने के लिए 10 दिनों की मोहलत दी है.
न्यायमूर्ति एम.के. गुप्ता और न्यायमूर्ति जयंत बनर्जी की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता मुकुल गुप्ता और 124 अन्य फ्लैट मालिकों की याचिका पर सुनवाई करते ये आदेश दिया. बता दें कि नोएडा प्राधिकरण की इस कार्रवाई के खिलाफ 125 फ्लैट ओनर्स ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में ही अर्जी दाखिल की थी. इसे मामले को अर्जेंट मानते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फ्लैट मालिकों की अर्जी पर सुनवाई की थी.फ्लैट मालिकों की तरफ से कोर्ट में ये कहा गया कि अथॉरिटी ने 2 साल पहले 2020 में उन्हें नोटिस दिया था, जिसका उन्होंने जवाब दाखिल कर दिया था.
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फ्लैट मालिकों ने कहा कि जवाब देने के बाद अथॉरिटी शांत बैठ गई थी. अब अचानक से अथॉरिटी ने 48 घंटे में अतिक्रमण को खुद ही हटाने का अल्टीमेटम दिया और अथॉरिटी सोसाइटी में बुलडोजर लेकर पहुंच गई.
याचिकाकर्ताओं का कहना कि जिसे अवैध निर्माण कहा जा रहा है, वो कोई स्थायी निर्माण नहीं है. बल्कि बिल्डर के साथ एक करार के मुताबिक छह लाख रुपये जमा करने के बाद , वहां केवल टीन शेड ही लगाए गए हैं. दरअसल ग्रैंड ओमेक्स एसोसिएशन अपार्टमेंट मालिकों की शिकायत पर नोएडा अथॉरिटी ने अवैध स्थाई निर्माण को हटा लेने का नोटिस दिया था.
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