गाजीपुर: बेटे की हत्या का दुख नहीं सह सके पिता, श्मशान में चिता पर लेटाते ही गिर पड़े

विनय कुमार सिंह

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गाजीपुर: बेटे की हत्या का दुख नहीं सह सके पिता, श्मशान में चिता पर लेटाते ही गिर पड़े
गाजीपुर: बेटे की हत्या का दुख नहीं सह सके पिता, श्मशान में चिता पर लेटाते ही गिर पड़े
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Ghazipur News: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से दर्दनाक मामला सामने आया है. यहां श्मशान घाट में बेटे का अंतिम संस्कार करवाने आए पिता की श्मशान में ही मौत हो गई. दरअसल जैसे ही पिता ने परिजनों के साथ मिलकर बेटे के शव को चिता पर लेटाया, तभी पिता बेहोश होकर नीचे गिर पड़े. उन्हें फौरन इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. मगर तब तक उनकी मौत हो चुकी थी. पहले बेटे और अब पिता की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया तो वहीं क्षेत्र में भी सनसनी फैल गई.

बेटे की हत्या नहीं सहन कर सके पिता

दरअसल पिता अपने बेटे की हत्या का गम सहन नहीं कर सके और वह बेटे का शव चिता पर रखते समय बेहोश होकर नीचे गिर पड़े. आपको बता दें कि युवक की बीते 18 अक्टूबर को हत्या कर दी गई थी. मामले में पुलिस जांच भी कर रही थी और पिता ने बेटे की हत्या के खिलाफ पुलिस में केस भी दर्ज करवाया था. मगर अब पिता की भी मौत हो गई है.

क्या था हत्या का केस?

दरअसल शहर कोतवाली थाना क्षेत्र के नई बस्ती मोहल्ले में बीते 18 अक्टूबर की शाम लगभग 7.30 बजे घर में सोए संजय राजभर की मनबढ़ शख्स ने हत्या कर दी. घटना का सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस के हाथ लग गया. मृतक संजय राजभर के पिता ने तेजू बिंद नामक युवक के खिलाफ बेटे की हत्या का केस दर्ज करवाया था. 

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श्मशान में पिता हो गए बेहोश

मिली जानकारी के मुताबिक,  देर शाम जब संजय का पार्थिव शरीर गाजीपुर के शमशान घाट पहुंचा तो चिता पर संजय राजभर के शरीर को लिटाते वक्त ही पिता जय मंगल राजभर बेहोश हो गए और श्मशान की जमीन पर ही गिर पड़े. उन्हें फौरन इलाज के लिए अस्पताल में ले जाया गाय, जहां उनकी मौत हो गई.

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

मृतक संजय राजभर की उम्र लगभग 40 साल बताई जा रही है. संजय की पत्नी और 5 बच्चे हैं. दूसरी तरफ पिता जय मंगल राजभर की भी मौत हो गई है. इससे परिवार में कोहराम मच गया है. फिलहाल पुलिस ने शख्स की हत्या के आरोप में  धारा 302 और 458 के तहत केस दर्ज कर लिया है.

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बेटे की अर्थी के बाद जली पिता की अर्थी

बता दें कि जहां श्मशान में बेटे की अर्थी ठंडी भी नहीं हुई थी, तो वहीं देर रात पिता की अर्थी भी उसी श्मशान घाट पर जली. ये देख हर कोई गमगीन हो गया.

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