‘जिला जज मुझे रात में मिलने के लिए बुलाते थे’ बांदा की महिला जज के लेटर ने मचाई सनसनी

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Banda News: बांदा में तैनात एक महिला जज इन दिनों चर्चा का विषय बन गई हैं. महिला जज का लेटर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. बता दें कि महिला जज ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है. महिला जज का आरोप है कि जब वह बाराबंकी में तैनात थीं, तब वहां के जिला जज ने उन्हें प्रताड़ित किया था. इस मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया है कि वे महिला जज की सभी शिकायतों की वर्तमान स्थिति जानने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगें.

अब जानिए पूरा मामला

बांदा में तैनात महिला सिविल जज (जूनियर डिवीजन) ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग की है. वायरल लेटर के मुताबिक, महिला जज ने आरोप लगाते हुए लिखा कि 2022 में बाराबंकी में तैनाती के दौरान जिला जज द्वारा उन्हें प्रताड़ित किया गया. खुलेआम गालियां मिलीं. साथ ही मिलने के लिए रात में समय बताकर बुलाने का संदेशा दिया गया. जज ने कहा, ‘मेरे साथ ऐसा व्यवहार किया गया जैसे मैं असामयिक तत्व हूं.’

इसके बाद महिला जज ने परेशान होकर अपने डिपार्टमेंट से लेकर हर जगह मामले की शिकायत की. मगर आरोप है कि कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई. इससे परेशान होकर उन्होंने इच्छामृत्यु की मांग की है.

जज ने और क्या कहा?

महिला जज ने अपने लेटर में भारत में काम करने वाली महिलाओं को संदेश भी दिया और कहा कि किसी भी प्रकार के उत्पीड़न के साथ वह जीना सीखें. उन्होंने कहा, ‘पॉश अधिनियम हमसे बोला गया एक बड़ा झूठ है. कोई सुनता नहीं है. शिकायत करोगे तो प्रताड़ना मिलेगी.’ उन्होंने आगे लिखा कि ‘मुझे न्याय के लिए सिर्फ 8 सेकंड मिले, मैं अपनी एक निष्पक्ष जांच नही करा पाई, यदि कोई महिला सिस्टम से लड़ने के बारे में सोचती है तो यह गलत है. मैं एक जज के तौर पर महसूस कर चुकी हूं.’

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महिला जज ने फोन पर ये बताया

महिला जज ने फोन पर बीतचीत के दौरान बताया कि, ‘मामला सितंबर 2022 के है. प्रताड़ना के बाद हाई कोर्ट से लेकर डिपार्टमेंट को लेटर लिखा. 1000 से ज्यादा मेल किए, तब जाकर एक जांच कमेटी बनी है. जांच 3 महीने में पूरी हो जानी चाहिए, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ. मैं जनपद बांदा में मई 2023 से तैनात हूं. मुझे दिल्ली में महज 8 सेकंड मिले और मेरी याचिका खारिज हो गयी. अब मेरे सामने कोई रास्ता नहीं बचा जिस कारण ऐसा कदम उठाया है.’

इस मामले में क्या है अपडेट?

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया है कि वे महिला जज की सभी शिकायतों की वर्तमान स्थिति जानने के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट से रिपोर्ट मांगें. सूत्रों के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट के महासचिव को सूचित किया गया कि उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने भी महिला जज के पात्र का संज्ञान लिया है.

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