मां के शव से लिपटकर रो रहे बेटे की भी हो गई मौत, इस परिवार की कहानी सुन भीग जाएंगी पलकें

अंकुर चतुर्वेदी

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Budaun News: कभी-कभी कुछ मामले ऐसे सामने आते हैं, जिन्हें जानने और पढ़ने के बाद मन में एक ही सवाल आता है ‘क्या ऐसा भी हो सकता है’. कुछ ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं से सामने आया है. यहां एक परिवार में मां की मौत के बाद बेटे ने भी मां के गम में अपने प्राण त्याग दिए. मां की मौत के गम में बेटे ने भी मां के शव से लिपटकर अपने प्राण त्याग दिए.

बेटे को मां की मौत का भी दुख था तो उसे डर भी था कि मां की मौत के बाद उसके और उसके भाई का ख्याल कौन रखेगा? वह गरीबी से भी डर रहा था. ऐसे में बेटे ने मां की मौत के बाद खुद भी अपने प्राण त्याग दिए. हैरानी की बात ये है कि पत्नी और बेटे की मौत के बाद पिता फरार हो गया. शख्स को पत्नी और जवान बेटे की मौत का गम नहीं हुआ और वह भाग खड़ा हुआ. जब उसे पुलिस ने बुलाया तब भी उसने अंतिम संस्कार करने से भी इनकार कर दिया.     

काफी गरीब और असहाय है ये परिवार

ये हैरान कर देने वाला मामला बदायूं  के उझानी कस्बे से सामने आया है. मिली जानकारी के मुताबिक,  बुधवार रात कमलेश नाम की महिला की लंबी बीमारी के चलते मौत हो गई. कमलेश का एक बेटा दीपक भी था. कमलेश बीमार रहती थी, इसलिए वह दीपक का ख्याल नहीं रख पाई. ऐसे में दीपक को भी पीलिया हो गया था.

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कमलेश का पति पुरुषोत्तम श्रीवास्तव उर्फ भूरे शादी-बारातों में खाना बनाने का काम करता है. बताया जा रहा है कि भूरे का कमलेश से हर दिन विवाद होता था. एक दिन दोनों में लड़ाई हो गई. भूरे ने अपनी पत्नी को धक्का दे दिया, जिससे कमलेश की रीढ़ की हड्डी टूट गई. इसी वजह से कमलेश पिछले करीब 1 साल से बिस्तर पर ही थी.

कमलेश ही रखती थी अपने दोनों बेटों का ख्याल

बता दें कि पिता भूरे का परिवार पर कोई ध्यान नहीं था. कमलेश ही अपने दोनों बेटे, दीपक और कुलदीप का ख्याल रखती थी. पिता का परिवार पर ध्यान नहीं था और मां बिस्तर पर थी. घर में काफी गरीबी भी थी. ऐसे में कमलेश लाख चाहने पर भी अपने दोनों बेटों का ख्याल नहीं रख पाती थी. इस वजह से दोनों बेटे भी बीमार रहने लगे थे. छोटा भाई कुलदीप मूक बधिर भी है. मगर पिता का ध्यान परिवार पर था ही नहीं. उसे अपनी पत्नी और बच्चों से कोई मतलब ही नहीं था.

दीपक ने मां के साथ ही त्याग दिए प्राण

बुधवार की रात इस परिवार के लिए गमों का पहाड़ लेकर आई. पहले से ही दुखी इस परिवार में रात को सोते समय अचानक कमलेश की मौत हो गई. सुबह कुलदीप ने मां कमलेश को उठाने की कोशिश की. मगर वह नहीं उठी. कमलेश और दीपक समझ गए कि मां की मौत हो चुकी है. दोनों बेटे मां के गम में बिलखते रहे.

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इसी दौरान दीपक बार-बार यही कह रहा था कि मां की मौत के बाद अब उसके और उसके भाई का ख्याल कौन रखेगा. इसी दौरान दीपक अपनी मां के शव के साथ चिपट गया और उसने वही अपने प्राण त्याग दिए. हैरानी की बात ये भी थी कि इस पूरी घटना के दौरान पिता पुरुषोत्तम उर्फ भूरे गायब ही रहा. जब आस-पास के लोगों ने उसे मामले की जानकारी दी, तब भी वह अपने घर नहीं गया. 

अंतिम संस्कार के लिए भी तैयार नहीं हुआ पिता 

इस परिवार के पड़ोसी आकाश शर्मा ने बताया कि करीब 3 साल पहले कमलेश के बड़े बेटे की भी मौत हो गई थी. उस दौरान भी इनके पिता ने उसके शव को हाथ तक नहीं लगाया था. यहां तक की शव को घर में घुसने भी नहीं दिया था. मगर पुलिस की वजह से शव घर में गया था. अब जब मां-बेटे के शव घर में पड़े हुए थे, तब भी भूरे को कोई फर्क नहीं पड़ा.

आकाश शर्मा के मुताबिक, मामले की जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली, पुलिस वहां आई. पुलिस ने भूरे के भाई राकेश को फोन किया. वह दिल्ली में रहता है. राकेश ने ही यहां आकर अंतिम संस्कार का सारा काम किया है. अपनी मां और भाई का अंतिम संस्कार कुलदीप ने ही किया है. अब सवाल ये है कि मां कमलेश और भाई दीपक की मौत के बाद कुलदीप का क्या होगा? क्योंकि पिता का ध्यान घर पर है नहीं. ऐसे में कुलदीप की जिंदगी का आगे क्या होगा. फिलहाल ये मामला चर्चाओं में बना हुआ है.

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