बदायूं : पोस्टमार्टम के बाद घर ले जाकर देखा बेटी का शव तो उड़ गए होश, फिर हुआ भारी हंगामा
Uttar Pradesh News : उत्तरप्रदेश के जनपद बदायूं (Badaun News) में सरकारी महकमे के डॉक्टरों की शर्मनाक करतूत सामने आई है. यहां दहेज प्रताड़ना से…
ADVERTISEMENT

Uttar Pradesh News : उत्तरप्रदेश के जनपद बदायूं (Badaun News) में सरकारी महकमे के डॉक्टरों की शर्मनाक करतूत सामने आई है. यहां दहेज प्रताड़ना से तंग आकर फांसी के फंदे पर झूल जाने वाली एक नव विवाहित महिला के पोस्टमार्टम को लाये गये शव से आंखे ही गायब मिलीं. परिजनों ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों/ स्टाफ पर मानव अंगो की तस्करी करने के लिए आंखे निकाल लेने का आरोप लगाया है. जिलाधिकारी बदायूं ने महिला के पुनः पोस्टमार्टम करा कर जांच रिपोर्ट प्रेषित करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देश दिए हैं.
महिला की आंखें निकालने का आरोप
बता दें कि ये पूरा मामला बदायं जिले के पोस्टमार्टम हाउस का है. यहां अलापुर थाना इलाके के गांव कुतरई निवासी गंगा चरण की बेटी पूजा (20)की शादी मुजरिया थाना इलाके के गांव रसूला में हुई थी. रविवार को उसकी दहेज के लिए हत्या कर दी गई. सोमवार को पूजा के परिजन उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए ले गए थे. पुलिस की मौजूदगी में शव भेजा गया. पोस्टमार्टम के बाद शव को काले बैग में रख कर परिजनों को दे दिया गया. बीती शाम जब परिजनों ने बैग खोलकर शव को देखा तो उसकी दोनों आंखे गायब थीं.
परिवारजनों के किया भारी हंगामा
आक्रोशित परिजनों ने पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों पर आंखे निकालने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि जब डेड बॉडी पोस्टमार्टम के लिए लाई गई थी तब उसकी दोनों आंखे सही सलामत थीं किंतु पोस्टमार्टम करते समय आंखे निकाल ली गई हैं. आक्रोशित परिजन कार्यवाही की मांग को लेकर जिलाधिकारी के आवास पर पहुंचे और लापरवाह डॉक्टर व स्टाफ पर कार्रवाई होने तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करने का ऐलान कर दिया.
यह भी पढ़ें...
जांच के आदेश
वहीं इस मामले पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर प्रदीप वार्ष्णेय बताया है कि, ‘जिलाधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि वीडियो ग्राफी के साथ शव का पुनः पोस्टमार्टम करा कर उनको रिपोर्ट प्रेषित की जाए. तत्पश्चात जिलाधिकारी द्वारा उचित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी. सीएमओ से जब पूछा गया कि क्या महिला की आंखें गायब है तो उन्होंने कहा कि अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट पढ़ी नहीं है.’