11वीं की छात्रा की मौत से लेकर प्रिंसिपल-टीचर की रिहाई तक, जानें इस केस में क्या-क्या हुआ?

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Azamgarh School Case Update: आजमगढ़ के ‘चिल्ड्रन गर्ल्स कॉलेज’ के कक्षा 11वीं की छात्रा श्रेया तिवारी की स्कूल में हुई मौत के बाद प्रदेश में सनसनी फैल गई थी. सबके मन में यही सवाल था कि आखिर छात्रा की स्कूल में मौत कैसे हुई? इसके बाद इस मामले में विद्यालय प्रबंधन और अभिभावक संघ आमने-सामने आ गए. दरअसल, परिजनों के आरोप के बाद स्कूल की प्रिंसिपल और टीचर की गिरफ्तारी हुई थी, जिसके चलते काली पट्टी बांधकर अध्यापकों ने विरोध प्रदर्शन किया तो वहीं सड़कों पर अभिभावक संघ ने भी मोर्चा खोल दिया. मगर बाद में पुलिस ने अपनी जांच रिपोर्ट अदालत में पेश की, जिसके बाद प्रिंसिपल और टीचर को जमानत मिल गई. वहीं, साथ में पुलिस ने नए दावे भी पेश किए. अब इस रिपोर्ट में आगे विस्तार से जानिए कि अब तक इस केस में क्या-क्या घटा है?

31 जुलाई को आखिर हुआ क्या था?

बता दें कि स्कूल में 31 जुलाई को चेकिंग के दौरान 11वीं की छात्रा श्रेया के बैग से एक मोबाइल मिला था. स्कूल में मोबाइल लाने की वजह से छात्रा को काफी डांट-फटकार लगाई गई. कुछ देर बाद छात्रा को प्रिंसिपल के सामने पेश किया जाना था. छात्रा को प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर खड़ा करके उसके माता-पिता को बुलाने के लिए कहा गया था. स्कूल की तरफ से छात्रा के परिजनों को फोन कर विद्यालय में बुलाया गया था. उन्हें स्कूल परिसर पहुंचने में कुछ देरी हुई. आरोप है कि इस बीच प्रिंसिपल ऑफिस के बाहर खड़ी छात्रा सीढ़ियों के सहारे स्कूल परिसर के तीसरी मंजिल पर पहुंच गई और वहां से नीचे कूद गई. इसके बाद उसे तुरंत घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.

सबसे पहले पिता ने लगाया था ये आरोप

आपको बता दें कि 31 जुलाई श्रेया की मौत के बाद मृतका के पिता ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि ‘मेरी बच्ची के साथ रेप हुआ और उसके बाद उसकी हत्या कर दी गई.’ इसके बाद मृतका के पिता की तहरीर पर स्कूल की प्रिंसिपल और छात्रा की क्लास टीचर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. पिता का आरोप था कि उनकी बेटी घर पर उनसे बताती थी कि प्रिंसिपल और क्लास टीचर उसको आए दिन प्रताड़ित करती थी और कहती थी कि इस विद्यालय में पढ़ने लायक नहीं हो. इससे वह मानसिक रूप से परेशान रहती थी. मामला बढ़ा तो पुलिस ने प्रिंसिपल और टीचर को गिरफ्तार कर लिया.

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स्कूल रहे बंद

प्रिंसिपल और एक टीचर की गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार को उत्तर प्रदेश के अधिकांश निजी स्कूल बंद रहे. ‘एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश’ के अध्यक्ष अतुल कुमार ने मंगलवार को बताया था कि संगठन के आह्वान पर राज्य के सभी निजी स्कूल बंद रहे. उन्होंने आरोप लगाया कि आजमगढ़ की घटना की निष्पक्ष जांच कराये बगैर स्कूल की प्रधानाचार्या और शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया.

फिर आया मामले में नया ट्विस्ट

कथित रूप से मोबाइल फोन जब्त होने से क्षुब्ध कक्षा 11 की छात्रा श्रेया द्वारा स्कूल की छत से कूदकर खुदकुशी किए जाने के मामले में आरोपी प्रिंसिपल और क्लास टीचर को क्लीन चिट मिल गई. इसके बाद उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया.

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जांच के बाद पुलिस ने ये बताया

मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले की जांच के बाद पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है. बता दें कि पुलिस जांच में सामने आया है कि मृतक छात्रा श्रेया की दो लड़कों से फोन पर लंबी-लंबी बातचीत होती थी. पुलिस के अनुसार, परिजनों को इसके बारे में पता चल गया था. इसी के चलते परिजनों ने छात्रा का मोबाइल ले लिया था.

श्रेया सुबह चार बजे करती थी बात: पुलिस

पुलिस जांच रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस द्वारा मृतक के मोबाइल की जांच की गई. इस दौरान सामने आया कि मृतक छात्रा 2 लड़कों से फोन पर लंबी-लंबी बाते करती थी. इनमें से एक युवक उसके घर बिजली सही करने आता था. पुलिस जांच में ये भी सामने आया है कि मृतक छात्रा सुबह 4 बजे भी अपने पिता के फोन से एक युवक से बात किया करती थी. जांच में सामने आया है कि जब छात्रा के परिजनों को इस बारे में पता चला तो उन्होंने आस-पास में ही रहने वाले उस लड़के को बुलाया और काफी डांटा. इसके बाद परिजनों ने श्रेया से उसका मोबाइल भी ले लिया.

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कहां से मिला था श्रेया को फोन?

पुलिस जांच के अनुसार, जिस फोन को स्कूल टीचर ने श्रेया के पास से जब्त किया था, वह उसे दोनों युवकों में से ही किसी एक ने दिया था. बकौल पुलिस, किसी को इस बात की जानकारी न मिले इसलिए, फोन को श्रेया चोरी छिपे अपने पास रखती थी. पुलिस के मुताबिक, फोन जब्त होने के बाद प्रिंसिपल ने श्रेया को अपने कक्ष में बुलाया और उसकी प्राइवेसी का ध्यान रखते हुए उससे पूछताछ की गई.

प्रिंसिपल ने पुलिस को दिया अपना ये पक्ष

मिली जानकारी के अनुसार, आरोपी प्रिंसिपल ने पुलिस को बताया कि जब उन्होंने श्रेया से जब्त हुए फोन के बारे में पूछताछ की तो उसने कुछ भी बोलने से मना कर दिया था. मगर जब उससे सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि मोबाइल उसी का है. प्रिंसिपल के अनुसार, तब श्रेया ने कहा था कि उसके मां-बाप की इसकी जानकारी न दी जाए.

प्रिंसिपल के अनुसार, उन्होंने श्रेया के सामने ही उसके माता-पिता को फोन किया था और उन्हें मामले की जानकारी देते हुए स्कूल बुला लिया था. इस दौरान प्रिंसिपल ने श्रेया को प्रिंसिपल कक्ष के गेट के पास खड़ा कर दिया था. आरोप है कि इसी दौरान छात्रा ने तीसरी मंजिल पर जाकर छलांग लगाकर सुसाइड कर लिया.

क्या है परिजनों का आरोप?

बता दें कि मृतका के परिजनों ने प्रिंसिपल और क्लास टीचर पर हत्या का आरोप लगाया था. इसके बाद पुलिस ने अपनी कार्रवाई में आईपीसी की धारा 306, 201 के तहत प्रिंसिपल और क्लास टीचर को गिरफ्तार कर जेल भेज था. इसके विरोध में विद्यालय प्रबंधन ने जिले में ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में सांकेतिक बंद का आह्वान करते हुए हाथों में काली पट्टी बांधकर विरोध जताया था. मगर अब इस मामले में प्रिंसिपल और टीचर जेल से बाहर आ गए हैं और उन्हें क्लीन चिट भी मिल गई है.

सीसीटीवी फुटेज से क्या पता चला?

मामले की सीसीटीवी फुटेज की जांच में पता चला है कि छात्रा अपनी कक्षा से दोपहर 12 बजे निकलकर प्रिंसिपल के कार्यालय में गई और बाद में दफ्तर के बाहर काफी देर तक खड़ी रही. करीब सवा एक बजे वह काफी तेजी से सीढ़ियों के रास्ते स्कूल की तीसरी मंजिल पर जाती नजर आई. एक अन्य फुटेज में छात्रा के गिरने का वीडियो भी शामिल है.

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